एक बार फिर सीएम ममता बनर्जी के निशाने पर केंद्र सरकार
कहीं हमें आवास योजना का नहीं चाहिए पैसा , 12 लाख घर बनाएंगे दिसंबर में आवास योजना की पहली किस्त देंगे
अशोक झा, कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में आवास योजना केंद्र के नाम से नहीं चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें केंद्र का पैसा नहीं चाहिए।हमने पहले ही 50 लाख घर बनाए हैं और दिसंबर से 12 लाख और घर बनाएंगे। बाकी 24 लाख घरों के लिए हमें दो-तीन साल का समय चाहिए।
राज्य सरकार 40 फीसदी पैसा देती है, फिर भी इस योजना को लागू करने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों पर तरह-तरह की शर्तें लगाती है. ममता ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका आवास योजना का नाम भी बंगाल से अलग होता है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य सरकार का हक का पैसा तो देती नहीं है, लेकिन इसके जरिये राजनीति जरूर करती है। सबको पक्का घर मिलेगा: ममता ने कहा कि बिना केंद्र सरकार की मदद के ही बंगाल सरकार ने 50 लाख से ज्यादा लोगों के लिए आवास बनाए हैं। सीएम ने कहा कि अभी बंगाल में 36 लाख कच्चे घर हैं, लेकिन जल्द ही सबके पास पक्का घर होगा. दिसंबर में हम 12 लाख लोगों के खाते में घर बनाने के लिए पैसा भेज देंगे. बाकी के 24 लाख आवास भी हम 2-3 साल में बना लेंगे।पैसे का इंतजाम करना होगा: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में सबको घर देने में हमें थोड़ा समय लगेगा क्योंकि हमें पैसे का इंतजाम करना होगा। हमारे पास रिजर्व बैंक तो है नहीं कि हम भी पैसे छाप लें। ममता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले आवासों का कोई अलग नाम नहीं होगा। सरकार सिर्फ घर बनाने के लिए पैसा देगी। राज्य सरकार के पैसे से बनने वाले घरों को सिर्फ ‘बांग्लार बारी’ के नाम से जाना जाएगा।लक्ष्मी भंडार योजना की तारीफ:ममता ने अपनी योजना लक्ष्मी भंडार योजना की तारीफ करते हुए कहा कि इसमें पांच लाख सात हजार महिलाओं को शामिल किया गया है. इसके चलते राज्य सरकार को सालाना 625 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा। सीएम ने कहा कि दिसंबर से इन महिलाओं को पैसा मिलना शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि इस योजना में शामिल होने के लिए करीब 24 हजार महिलाओं ने आवेदन किया था।
योजना के नाम पर भी तनातनी: ममता बनर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि जब राज्य सरकार पैसे खर्च करेगी, तो योजना का नाम केंद्र का नहीं होगा।उन्होंने कहा कि यह योजना बंगलार बाड़ी के नाम से जानी जाएगी। हमारे पास रिजर्व बैंक नहीं है कि जब चाहें पैसे छाप लें, लेकिन हम अपने संसाधनों से यह काम करेंगे। फेक करेंसी पर केंद्र को घेरा: मुख्यमंत्री ने राज्य में नकली भारतीय मुद्रा (FICN) की बढ़ती समस्या पर केंद्र को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ हमारी 2216 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है, जो केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है. फिर भी नकली नोटों की तस्करी कैसे हो रही है? वे इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे? पुलिस को सख्ती बढ़ाने के निर्देश:ममता ने राज्य पुलिस को राज्य और जिला सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “नाका चेकिंग तेज करें और आम जनता का सहयोग लें।शॉपिंग मॉल्स को भी अलर्ट करें. नकली नोटों और अपराधियों के बारे में हमें शिकायतें मिल रही है। अवैध हथियारों की तस्करी पर कड़ा रुख: अवैध हथियारों की तस्करी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, “ट्रेनों के जरिए हथियार राज्य में लाए जा रहे हैं. इस पर सख्त निगरानी होनी चाहिए। बिहार में हमारी पुलिस ने 17-18 अवैध हथियार फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया है. रेलवे अधिकारियों से बातचीत की जानी चाहिए।पुलिस विभाग में सुधार के आदेश: ममता बनर्जी ने राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और एंटी-करप्शन ब्रांच को मजबूत करने के लिए बंगाल के पुलिस महानिदेशक (DGP) को निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) में बदलाव की जरूरत है। मैं जल्द ही इसमें बदलाव करूंगी। तृणमूल नेता पर हमले से बढ़ी चिंता: मुख्यमंत्री की यह समीक्षा बैठक तृणमूल कांग्रेस के पार्षद सुशांत घोष पर हाल ही में हुए हमले के बाद हुई। इस हमले के बाद पार्टी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य की सीमा पर नकली करेंसी और अवैध हथियारों की तस्करी रोकने की जिम्मेदारी केंद्र की है. उन्होंने कहा, “अपराधी राज्य में शरण ले रहे हैं और फेक करेंसी के जरिए अपराध बढ़ रहा है। केंद्र को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। ममता बनर्जी का केंद्र पर तीखा हमला: इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री ने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र न तो राज्यों को उनका हक देता है, न ही अपनी जिम्मेदारी निभाता है। उन्होंने कहा कि हम बंगाल के लोगों के आशीर्वाद से ही राज्य का विकास कर रहे हैं। हमें केंद्र के पैसे की जरूरत नहीं है।