अभेद्य किला के रूप में सात चक्र की होगी महाकुंभ प्रयागराज की सुरक्षा

महाकुंभ के विभिन्न सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहलुओं को दर्शाया जाएगा

अशोक झा, सिलीगुड़ी: महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों-शोरों से जल रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने तैयारियों में जुटी हुई है। इस मेले में करीब 45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। प्रयागराज से सैकड़ों किलोमीटर दूर होने के बाद भी सिलीगुड़ी में पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के अनंत श्री विभूषित महामंडलेश्वर 1008 स्वामी जयकिशन गिरि जी महाराज से महाकुंभ और उससे जुड़ी हर बात बताकर उसे नजरों के सामने कर दिया है। महाकुंभ जिनकी सुरक्षा को लेकर सरकार ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है। मेले में हाईटेक कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं। इन हाईटेक कमरों में हाई लेवल मीटिंग के अलावा पुलिस के आला अधिकारी बैठकर सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखेंगे। महाकुंभ 2025 में सुरक्षा अभेद्य रहने वाली है। दरअसल कुंभ जैसे बड़े आयोजन की सुरक्षा मजबूत रहे इसके लिए योगी सरकार ने फुल प्रूफ प्लान बना लिया है। मिली जानकारी के अनुसार कुंभ में सुरक्षा के 7 स्तर होंगे इसके अलावा कुंभ क्षेत्र को 10 जोन, 25 सेक्टर , 56 थानों और 155 चौकियों में बांटा जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था ऐसी रहेगी कि इसमें हर लेवल पर चेकिंग होगी और निगरानी तय की जाएगी। सरकार ने किसी भी असुविधा या खतरे को टालने के लिए यह फैसला लिया है। महाकुंभ 2025 में आने वाले 45 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार ने अपनी कमर कस ली है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कई हाइटेक कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं, जिसमें हाई लेवल की मीटिंग के साथ-साथ सुरक्षा के कई जरूरी कामों पर निगरानी रखी जाएगी। इन हाईटेक रूम की खास बात यह है कि इन कंट्रोल रूम का निर्माण बॉलीवुड के प्रसिद्ध आर्ट डायरेक्टर कर रहे है। 50 हाईटेक रूम:
उनका दावा है कि हाईटेक सुविधाओं वाला यह कंट्रोल रूम 7 दिन के अंदर तैयार हो जाएगा। हाईटेक रूम की जानकारी देते हुए अपर मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि कंट्रोल रूम में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर VIP मीटिंग होगी। इसी के साथ मीडिया के ब्लॉक भी बनाए जा रहे हैं। अलग-अलग अफसरों के लिए 50 से अधिक केबिन बनाए जा रहे हैं, जिसमें सुरक्षा, प्रशासनिक कार्यों के साथ साथ चिकित्सा, पेयजल संबंधित कार्यों की निगरानी की जाएगी। प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ-2025 में इस बार सात स्तरीय सुरक्षा इंतजाम होंगे। यह पहला कुंभ होगा, जिसमें 37 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। संपूर्ण मेला अवधि के दौरान 10 प्रकार के सुरक्षा ऑपरेशन भी चलाए जाएंगे। आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कुंभ में स्पेशल इंटेलिजेंस यूनिट तैनात की जाएंगी।
सात चरणों में होगी चेकिंग: कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सात चरणों में चेकिंग होगी। पहले चक्र में मूल स्थल पर, फिर ट्रेन, बस व निजी वाहनों की, तीसरे चक्र में प्रदेश की सीमाओं पर, चौथे चक्र में टोल प्लाजा पर, पांचवें चक्र में प्रयागराज कमिश्नरेट की सीमा पर, छठे चरण में मेला क्षेत्र के आउटर पर और सातवें चक्र में इनर पॉइंट पर चेकिंग होगी।श्रद्धालुओं की सुरक्षा में कुल 37,611 पुलिसकर्मी तैनात होंगे। महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 1378 महिला पुलिसकर्मी तैनात रहेंगी। इस बार महाकुंभ 2013 के 22,998 पुलिसकर्मियों के मुकाबले 14,713 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी। वहीं कुंभ 2019 की तुलना में 10,061 अधिक पुलिसकर्मी तैनात होंगे।यूपी पुलिस ने महाकुंभ को सुरक्षित बनाने के लिए सुरक्षित महाकुंभ अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत कुंभ मेला पुलिस, प्रयागराज पुलिस, एडीजी जोन प्रयागराज व आईजी रेंज प्रयागराज के सोशल मीडिया हैंडल और चैनल शुरू किए गए हैं। इसमें लोग रोज कुंभ से जुड़े अपडेट पा सकेंगे और सूचना व शिकायत दर्ज करवा सकेंगे। इसी कड़ी में यहां आध्यात्म व संस्कृति के मेगा शोकेस के तौर पर संस्कृति ग्राम बसाया जाएगा। 5 एकड़ में बसने वाले इस ग्राम में 45 दिनों तक विभिन्न आयोजन चलेंगे जिसमें सनातन परंपरा की झलक श्रद्धालुओं को देखने को मिलेगी। संस्कृति ग्राम में ऑग्मेंटेड रियलिटी (एआर) व वर्चुअल रियलिटी (वीआर) के जरिए महाकुंभ के विभिन्न सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहलुओं को दर्शाया जाएगा।मेला क्षेत्र में 30 भव्य थीम आधारित गेट का भी निर्माण होगा जो कि त्रिशूल, स्वास्तिक, कल्पवृक्ष, डमरू समेत विभिन्न आध्यात्मिक संकल्पनाओं पर आधारित होगा।संस्कृति ग्राम में महाराजा हर्षवर्धन की ओर से कुंभ आयोजन के लिए दिए गए दान, एआर माध्यम से सभी स्थलों की विशेषता, उनके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक प्रारूपों को टचस्क्रीन इंटरैक्टिव कियोस्क और मल्टीमीडिया डिस्प्ले, मोबाइल एप इंटीग्रेशन के साथ लाइव स्ट्रीमिंग वर्चुअल टूर्स जैसे फीचर्स से लैस किया जाएगा। प्रदर्शनी स्थलों पर वेद, पुराण और चरक संहिता व प्राचीन ज्योतिषीय शास्त्रों को उल्लेखित किया जाएगा। इस दौरान भारत के प्राचीन विश्वविद्यालयों का भी जिक्र किया जाएगा। वहीं, मेन स्टेज पर क्लासिकल व फोक डांस व म्यूजिक की प्रतिदिन विशिष्ट प्रस्तुतियां होंगी। इसके अतिरिक्त, थिएट्रिकल परफॉर्मेंस, फूड स्टॉल्स, कुकिंग डेमॉन्सट्रेशंस, क्राफ्ट वर्कशॉप व डांस-म्यूजिक वर्कशॉप्स का आयोजन किया जाएगा। विजिटर्स के लिए इन्फॉर्मेशन सेंटर, गाइडेड टूर्स की सुविधा भी होगी।
अलग-अलग थीम पर आधारित होंगे 30 द्वार: महाकुंभ मेला क्षेत्र में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा 30 भव्य द्वारों का निर्माण कराया जाएगा। इनके नाम महाकुंभ लोगो द्वार, त्रिशूल द्वार, स्वास्तिक द्वार, डमरू द्वार, शंख द्वार, महाकुंभ -2025 द्वार, सूर्य द्वार, देवा दल द्वार, कमल द्वार, गदा द्वार, धनुष द्वार, गंगा द्वार, कौस्तुभ द्वार, कामधेनु द्वार, लक्ष्मी द्वार, ओम द्वार, नंदी द्वार, संगम द्वार, नाग वासुकी द्वार, शिवलिंग द्वार, चंद्र द्वार, कलश द्वार, सुदर्शन चक्र द्वार, 14 रत्न कथा द्वार, ऐरावत द्वार, कच्छप द्वार, कल्पवृक्ष द्वार, समुद्र मंथन द्वार, रुद्राक्ष द्वार व अश्व द्वार हैं। इन सभी द्वारों पर सेल्फी प्वॉइंट, लैंप पोस्ट व पोर्टेबल टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इन सभी द्वारों को थीम के अनुरूप निर्मित किया जाएगा जो इनके महत्व को दर्शाने के साथ ही टूरिस्ट अट्रैक्शन व फुटफॉल एरिया के तौर पर भी कार्य करेगा। डिजिटल डिस्प्ले जोन और बड़ी एलईडी स्क्रीन पर कुंभ मेला की कहानी दिखायी जाएगी, नागा साधुओं, विभिन्न अखाड़ों के संन्यासियों के जीवन और अन्य धार्मिक पहलुओं को दर्शाने वाले एनीमेशन का चित्रण होगा.3 डी मॉडल के माध्यम से त्रिवेणी संगम, अक्षयवट और समुद्र मंथन के दृश्यों को दर्शाया जाएगा.आधुनिक नवाचार, एआई चैटबॉट और मल्टी-लैंग्वेज ट्रांसलेटर डिवाइस का भी प्रदर्शन किया जाएगा जो अंतर्राष्ट्रीय आगंतुकों को सहज अनुभव प्रदान करेगा.पर्यटन पैकेज की जानकारी यात्रा और आवास सुविधाओं का डिजिटल प्रस्तुतीकरण किया जाएगा. बाकायदा टेंट सिटी व होटल रूम के एक सेटअप को स्थापित किया जाएगा.कल्पवास के दौरान मिलने वाली सुविधाओं को प्रत्यक्ष तौर पर आगंतुक देख सकेंगे.कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की लोक कला और संस्कृति को प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें सांस्कृतिक संध्या के दौरान राज्य के लोक संगीत और नृत्य का प्रदर्शन होगा।

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