पीएम मोदी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आठ मार्च को पश्चिम बंगाल में कुछ खास ऐलान करेंगे
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए 370 सीटों का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पार्टी अलग-अलग रणनीतियों पर काम कर रही है। इसी के तहत पीएम मोदी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आठ मार्च को पश्चिम बंगाल में कुछ खास ऐलान कर सकते हैं। असल में भाजपा यहां पर संदेशखाली से बने माहौल को भुनाने की कोशिश में लगी है। बता दें कि संदेशखाली में टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप है। इसको लेकर यहां महिलाओं में काफी ज्यादा गुस्सा है। अब भाजपा महिलाओं के इसी गुस्से को अपने पक्ष में करना चाहती है। विभिन्न अहम प्रदेशों में महिला वोटरों को अपने पक्ष में करके भाजपा बेरोजगारी, महंगाई और किसानों के प्रदर्शन जैसे मुद्दे से लोगों का ध्यान खींचना चाहती है।
हुगली में किया था संदेशखाली का जिक्र
बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में हुगली जिले के आरमबाग में रैली को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने संदेशखाली की घटना का जिक्र किया था। इससे संकेत मिले थे कि प्रदेश में लोकसभा सीटें बढ़ाने के लिए भाजपा यहां पर महिला वोटरों पर ध्यान केंद्रित करने जा रही है। बता दें कि संदेशखाली की घटना को लेकर टीएमसी यहां पर पहले ही रक्षात्मक है। बता दें कि 55 दिनों के बाद शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके ऊपर यौन उत्पीड़न और स्थानीय महिलाओं की जमीन हड़पने के आरोप हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी को महिला वोटरों का काफी समर्थन है। इसके दम पर ही ममता सरकार 2021 में तीसरी बार सत्ता में वापस लौटी। वहीं, शाहजहां शेख की गिरफ्तारी के बाद टीएमसी ने उसे छह साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
सेट करना है चुनावी टोन
उम्मीद है कि पीएम मोदी 7 मार्च को नॉर्थ 24 परगना के बरसात में भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय बैठक को संबोधित करेंगे। इस बैठक में विभिन्न केंद्रीय योजनाओं की लाभार्थी महिलाओं के साथ-साथ संदेशखाली की महिलाओं के भी पहुंचने के आसार हैं।सूत्रों ने कहा कि पार्टी यहां से चुनाव के लिए टोन सेट करना चाहती है। भाजपा ने पूरे बंगाल में अपने नेताओं को संदेशखाली की घटना के खिलाफ जमकर मोर्चा निकालने की ताकीद की है। साथ ही उनसे कहा गया है कि टीएमसी व अन्य विपक्षी दलों को महिला विरोधी साबित करें। इस दौरन मोदी सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण और बेहतरी के लिए चलाई गई योजनाओं की तरफ लोगों का ध्यान दिलाने की बात भी कही गई है।
ममता से छीनने हैं महिला वोट
कुछ भाजपा नेताओं ने स्वीकार किया कि पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ममता बनर्जी को इसलिए भी नहीं हरा पाई क्योंकि टीएसमी को महिलाओं का बड़ा समर्थन था। 2021 के बंगाल चुनाव में जहां 81.4 फीसदी पुरुष वोटर निकले थे। वहीं, महिला वोटरों का प्रतिशत 81.7 फीसदी था। भाजपा के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि पीएम मोदी पार्टी नेताओं को लगातार याद दिलाते रहते हैं कि महिलाएं आने वाले चुनाव में गेम चेंजर हो सकती हैं। उन्होंने हाल ही में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मिली जीत में भी महिला वोटरों की भूमिका को चिन्हित किया। एक पार्टी नेता ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी का हर शादीशुदा महिला को 1000 रुपए देने का वादा, पार्टी के काम आया। अब छत्तीसगढ़ सरकार इसे तीन स्टॉल में, जनवरी, फरवरी और मार्च में महतारी वंदना योजना के तहत वितरित करेगी। तृणमूल के लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी ने बैठक के बाद कहा कि उन्होंने आयोग के अधिकारियों से कहा है कि सात चरण या आठ चरण के मतदान से पश्चिम बंगाल में भाजपा को फायदा होगा। बनर्जी ने दावा किया कि हमने मतदान की तारीखों की घोषणा से पहले ही राज्य में सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) कर्मियों की तैनाती को भी हरी झंडी दे दी थी। हमारे पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, सीएपीएफ कर्मी महिलाओं सहित आम लोगों को भाजपा को वोट देने के लिए डरा रहे हैं। वे वास्तव में केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। तृणमूल सांसद ने आरोप लगाया कि वास्तव में, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी राज्य में पहले से ही तैनात सीएपीएफ की गतिविधियों को नियंत्रित कर रहे हैं।
बनर्जी ने सवाल किया कि आम लोग उन पर भरोसा कैसे कर सकते हैं? उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से काम करना चाहिए। बनर्जी ने कहा कि ईडी और सीबीआई के अलावा, न्यायपालिका के भीतर भी जो लोग भाजपा के निकट संपर्क में हैं, उन्हें नियंत्रित किया जाना चाहिए। एक चरण में मतदान की तृणमूल की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य भाजपा नेतृत्व ने कहा कि यह इस डर से उपजा है कि यदि चुनाव कई चरणों में होते हैं, तो तृणमूल आम मतदाताओं को आतंकित करने के लिए बड़े पैमाने पर हिंसा नहीं कर पाएगी। याद दिला दें कि 2019 में पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव सात चरणों में हुए थे।रिपोर्ट अशोक झा