संदेशखाली के आरोपियों को 5 दिन का रिमांड

संदेशखाली के आरोपियों को 5 दिन का रिमांड,
– राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने जब्त की हुई जमीनों को वापसी के लिए टीम का गठन
कोलकाता: संदेशखाली मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रविवार को शाहजहां शेख के भाई शेख अलोमगीर और मफौजर मोल्ला और सिराजुल मोल्ला को गिरफ्तार किया। कोर्ट से 5 दिनों के रिमांड पर लिया है। वहीं संदेशखाली में छीनी गई जमीनों पर मछली फार्म बना दिया गया था, जिस के बाद जमीन खेती के लिए उपजाऊ नहीं रही। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से निलंबित नेता शाहजहां शेख द्वारा कथित तौर पर छीनी गई और अब मूल मालिकों को लौटाई गई कृषि भूमि की ऊपरी मिट्टी मछली पालन के लिए खारे पानी की निकासी के कारण कृषि के लिए अनुपयुक्त हो गई है। इसी के चलते राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने जब्त की हुई जमीनों का क्या करना है इस के लिए एक टीम का गठन किया है। विशेषज्ञों के साथ चर्चा: राज्यपाल बोस हाल ही में दिल्ली पहुंचे थे जहां वो भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद गए और इस मामले पर विशेषज्ञों के साथ चर्चा की। अधिकारी ने बाताया जमीन पर चर्चा करने के बाद राज्यपाल ने जब्त की गई जमीनों का कैसे इस्तेमाल किया जाए इस पर सुझाव लेने के लिए एक समिति का गठन किया. जिसमें कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग के पूर्व सचिव, एसके पटनायक और एक एफएओ (FAO) विशेषज्ञ शामिल थे। छीनी गई जमीन मालिकों को वापस: अधिकारी ने जानकारी दी कि अब तक, संदेशखाली में छीनी गई जमीन में से 250 से ज्यादा जमीनें उनके मालिकों को वापस कर दी गई हैं. लेकिन खेती की जमीन का बड़ा हिस्सा दो से तीन सालों मछली फार्म करने के चलते खारे पानी में डूबा रहा, जिससे जमीन की ऊपरी मिट्टी को बहुत नुकसान हुआ. अधिकारी ने कहा, उन जमीनों पर नमक की एक परत जम गई है जिस की वजह से कम से कम अगले पांच से दस सालों तक जमीन फसल पैदा नहीं कर सकती हैं. जमीन की हालत देखते हुए बिधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, चित्तरंजन कोले ने कहा, ऊपरी मिट्टी जमीन का सबसे उपजाऊ हिस्सा होता है, जो पौधों को बढ़ने में मदद करती है. उन्होनें कहा कि जमीन की ऊपरी परत खारे पानी की वजह से खराब हो गई है और उसे बदलने की जरूरत है. उन्होंने बताया, जितने ज्यादा समय तक कोई जमीन खारे पानी के नीचे रहेगी, उसे दोबारा उपजाऊ होने में उतना ही ज्यादा समय लगेगा. हालांकि उन्होनें बताया कि अगर कोई जमीन एक साल तक पानी के नीचे रहती है, तो उसे ठीक होने में दो साल लगेंगे. पूर्व कुलपति कोले ने कहा कि सबसे पहले जमीन पर जमा नमक को हटाने की जरूरत है, जिसके बाद खेत की जमीन को कम से कम दो-तीन फीट खोदना होगा और फिर उसके ऊपर ताजी मिट्टी डालनी होगी। मछली पालन करना बेहतर: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व उप महानिदेशक (फसल) स्वपन कुमार दत्ता ने कहा कि इन जमीनों पर खेती के बजाय मछली पालन करना बेहतर होगा। उन्होनें कहा इन ज़मीनों को फिर से खेती के लिए उपयुक्त बनाने में काफी समय, मेहनत और पैसा लगेगा. इसके बजाय, मछली पालन एक आर्थिक रूप से बेहतर विकल्प होगा. हालांकि ऐसे में सरकार को जनता की मदद करनी होगी, उन्हें किसानों को मछली पालन की जानकारी देनी होगी. जिला और ब्लॉक प्रशासन के कृषि विशेषज्ञों की टीमों ने पहले ही खेतों का दौरा करना और मिट्टी की जांच करने के लिए सैंपल इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा एक बार रिपोर्ट मिलने के बाद हम यह तय कर पाएंगे कि कितना नुकसान हुआ है और क्या किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वे नहरों और तालाबों को खोदने की भी ऐसी योजना बना रहे हैं जिससे जून के आसपास मानसून आने पर इन नेहरों में बारिश के पानी का भंडारण किया जा सके. अधिकारी ने कहा, फिर, इस पानी का इस्तेमाल जमीन की सिंचाई के लिए किया जा सकता है. साथ ही, नहरों और तालाबों का ताजा पानी धीरे-धीरे खेतों में चला जाएगा और नमक के प्रभाव को कम कर देगा। नेता पर आरोप: कोलकाता से लगभग 80 किलोमीटर दूर संदेशखाली इलाके में महिलाओं द्वारा निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शाजहां शेख और उनके लोगों पर गंभीर आरोप लगाए गए. महिलाओं ने नेता पर आरोप लगाया कि नेता ने ग्रामीणों की जमीन छीन कर उस पर मछली पालन करना शुरू कर दिया. साथ ही महिलाओं ने शाजहां शेख पर यौन शोषण का भी आरोप लगाया। रिपोर्ट अशोक झा

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