कोलकाता हाईकोर्ट ने विहिप-बजरंग दल के ‘शौर्य जागरण यात्रा’ की मंजूरी दी

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल समर्थकों में उत्साह

सिलीगुड़ी: कोलकाता हाईकोर्ट ने विहिप-बजरंग दल के ‘शौर्य जागरण यात्रा’ की मंजूरी दे दी। पश्चिम बंगाल पुलिस ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया था। पश्चिम बंगाल पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की राष्ट्रव्यापी यात्रा के पश्चिम बंगाल हिस्से को मंजूरी नहीं दी थी, जिसके बाद हिंदू संगठनों ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।कलकत्ता हाई कोर्ट ने पूरे मामले की सुनवाई की और विहिप-बजरंग दल के ‘शौर्य जागरण यात्रा’ को मंजूरी दे दी। पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से राज्य के कुछ जिलों में रैली को आगे बढ़ाने की अनुमति देने से इनकार करने के बाद वीएचपी और बजरंग दल के सदस्यों द्वारा तीन अलग-अलग याचिकाएँ दायर की गईं। राष्ट्रव्यापी रैली 4 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक पश्चिम बंगाल से गुजरने वाली है। वकील अनामिका पांडे और फिरोज एडुल्जी के माध्यम से विहिप और बजरंग दल के तीन सदस्यों चंदन कैटी, अमित प्रमाणिक और देबजीत भर द्वारा याचिकाएँ दायर की गईं। याचिकाकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से अनुमति न मिलने के बारे में हाई कोर्ट में अपनी बात रखी। इन संगठनों की तरफ से कहा गया, “इस यात्रा का उद्देश्य ‘हिंदू धर्म’ से संबंधित विभिन्न मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाना है। इसका उद्देश्य विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करना भी है, जिन्होंने हिंदू धर्म और हिंदू संस्कृति की रक्षा करते हुए देश के लिए अपना जीवन लगा दिया। यह धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व वाले विभिन्न स्थलों से होकर गुजरेगा। इस यात्रा के दौरान किसी तरह का अस्त्र-शस्त्र नहीं रहेगा।”
आजादी की लड़ाई के बारे में जागरुकता पैदा करना है लक्ष्य
याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से कहा है कि यात्रा में वीएचपी और बजरंग दल का कोई भी सदस्य हथियार नहीं रखेगा। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि नागरिकों के बीच राष्ट्रवाद की अलख जगाने के लिए इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। अपनी दलील में याचिकाकर्ताओं ने कहा, “लोगों को यह याद दिलाना ज़रूरी है कि 15 अगस्त 1947 की आजादी के पीछे लड़ाइयों, विद्रोही और आंदोलनों का लंबा इतिहास रहा है, जिसे भूलना नहीं चाहिए।” इस बीच, पश्चिम बंगाल में इस यात्रा की शुरुआत हो गई है। विहिप ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर इस यात्रा के पश्चिम बंगाल में शुरू होने की जानकारी दी गई है। पोस्ट में लिखा गया है, “आज उत्तर बंगाल प्रांत के अलीपुरद्वार जिले के जयगांव प्रखंड भूटान बॉर्डर से बजरंग दल शौर्य जागरण यात्रा का शुभारंभ विश्व हिन्दू परिषद् के अखिल भारतीय संगठन महामंत्री श्री विनायक राव देशपांडे जी के द्वारा हुआ। इस यात्रा में हजारों की संख्या में नवयुवक और मातृ शक्ति ने हिस्सा लिया।”
कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि इस ‘शौर्य जागरण यात्रा’ में भारी भीड़ नहीं बुलाई जाएगी, बल्कि इसमें सिर्फ 3 ट्रक और करीब 20 मोटरसाइकिलें ही शामिल होंगी। इस दौरान विहिप और बजरंग दल के अधिकतम 200 सदस्य ही मौजूद होंगे।
विहिप के प्रांत मंत्री लक्ष्मण बंसल का कहना है कि आज बंगाल को क्या हो गया है। यहां धर्म रथ निकलने के निकलने के लिए भी कोर्ट के शरण में जाना पड़ रहा है। यही बंगाल थी जहां
अपने सुधा कंठ एवं संगीत कौशल से वह संगीत की दुनिया में देदीप्यमान हैं। उन्होंने गुरु-शिष्य परंपरा को बल दिया और उनके शिष्यों ने भी संगीत जगत में अद्भुत कार्य किया। संगीत में उनका योगदान देश के लिए गौरव की बात है। बंगाल में नवरात्रि का ये नौ दिनों का त्योहार मां दुर्गा को समर्पित है। नवरात्रि में नौ दिन का व्रत रखने और देवी के नौ स्वरूपों की पूजा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और साधक को अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं। शास्त्रो के अनुसार, भगवान राम ने भी रावण को हराने के लिए नौ दिन का व्रत रखा था। हम जिनका गुणगान कर रहे है वह श्री राम ने की थी शक्ति उपासना:वाल्मिकि पुराण के अनुसार, रावण का वध करने से पहले भगवान श्रीराम ने ऋष्यमूक पर्वत पर अश्विनि प्रतिपदा से नवमी तक परमशक्ति मां दुर्गा की उपासना की थी और इसके बाद दशमी के दिन उन्होंने किष्किंधा से लंका जा कर रावण का वध किया था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अध्यात्मिक बल की प्राप्ति, शत्रु पराजय और कामना पूर्ति के लिए भगवान श्री राम ने नौ दिन का व्रत रख मां दुर्गा से आर्शीवाद प्राप्त किया था. इसके अलावा दसवें दिन लंका पर विजय प्राप्त करने के दिन को दशहरे के रूप में मनाया जाता है।।
श्री राम ने की थी शारदीय नवरात्रि की शुरुआत:धर्म शास्त्रो के अनुसार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत भगवान राम ने की थी और भगवान राम ने शक्ति स्वयूपा मां दुर्गा की आराधना नौ दिनों तक बिना कुछ खाए-पिए की थी।भगवान राम को यह व्रत करने की सलाह ब्रह्मा जी ने दी थी। साथ ही ब्रह्मा जी ने भगवान श्री राम से चंडी देवी का पूजन और व्रत कर प्रसन्न करने के लिए कहा और बताया कि चंडी पूजन और हवन के लिए दुर्लभ 108 नील कमल का होना जरूरी है। नवरात्रि का महत्व: नवरात्रि में नौ दिन माता रानी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। मां दुर्गा का हर रूप एक अलग मतलब रखता है और इन नौ के नौ रूप का अर्थ है शक्ति। गुजरात का गरबा हो या बंगाल के पंडाल चारों ओर इस त्योहार के दौरान रौनक सी छा जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि की साधना आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाती है और आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति करने वाली है। शारदीय नवरात्रि सांसारिक इच्छाओं को पूरा करने वाली मानी जाती है। आज राजनीतिक वोटबैक के कारण आखिर बंगाल का क्या हाल होता जा रहा है? इस बात को अभी को याद रखना होगा। @रिपोर्ट अशोक झा

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