हाईकोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी को बस्ती स्पेशल कोर्ट में सरेंडर करने का दिया निर्देश
हाईकोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी को बस्ती स्पेशल कोर्ट में सरेंडर करने का दिया निर्देश
उप्र प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बस्ती की स्पेशल कोर्ट (एमपी/एमएलए) से जारी गैर जमानती वारंट के खिलाफ अमरमणि त्रिपाठी की याचिका खारिज कर दिया। कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी को स्पेशल कोर्ट बस्ती में आत्मसमर्पण कर ज़मानत अर्जी दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने अमरमणि त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई करने के बाद दिया।
याचिका मे अनुसार अपहरण के आरोप में 2002 में दर्ज हुए मामले में और इसी मामले में दर्ज़ गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में स्पेशल कोर्ट बस्ती ने अमर मणि त्रिपाठी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। याचिका में स्पेशल कोर्ट के इस आदेश को चुनौती दी गई है। याची का कहना है कि वह मूल केस यानी अपहरण के मामले में जमानत पर है। मूल केस के आधार पर गैंगस्टर एक्ट के मामले में स्पेशल कोर्ट ने गलत तरीके से एनबीडब्ल्यू जारी किया है। कहा गया कि याची मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में 20 वर्षों से अधिक समय तक जेल में रहा।
कोर्ट ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि यदि अभियुक्त को संज्ञेय अपराध में गैर जमानती वारंट जारी किया गया है तो वह पहले से उसी संबंधित मामले में मिली जमानत का लाभ नहीं ले सकता है। उसे जमानत के लिए अलग से आवेदन करना होगा और अदालत को गुण दोष के आधार पर उसका निस्तारण करना होगा।
ऐसे मामले में याची को धारा 88 का लाभ नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए अमरमणि त्रिपाठी को विशेष अदालत एमपी एमएलए बस्ती में सरेंडर करने का निर्देश दिया है। साथ ही विशेष अदालत को निर्देश दिया कि यदि याची जमानत अर्जी प्रस्तुत करता है तो उसे सत्येंद्र कुमार अंतिल केस में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में उसी दिन निस्तारित किया जाए।