बंगाल में तीन लोकसभा क्षेत्र के पहले चरण में कुल 42 उम्मीदवारों ने किया नामांकन
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की तीन लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को पहले चरण में होने वाले मतदान के लिए केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रमाणिक सहित कुल 42 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया है।एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। नामांकन पत्र दाखिल करने के आखिरी दिन बुधवार को 17 प्रत्याशियों ने कूचबिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अपना-अपना नामांकन पत्र दाखिल किए। अधिकारी ने कहा कि प्रमाणिक के अलावा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उम्मीदवार जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया सहित कुल 18 उम्मीदवारों ने कूचबिहार लोकसभा क्षेत्र के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। अलीपुरद्वार में, टीएमसी उम्मीदवार प्रकाश चिक बड़ाईक और भाजपा उम्मीदवार एवं मदारीघाट से विधायक मनोज तिग्गा उन 11 प्रत्याशियों में से हैं जिन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। जलपाईगुड़ी में कुल 13 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया। इनमें से भाजपा के जयंत कुमार रॉय और टीएमसी के निर्मल चंद्र रॉय शामिल हैं। उन्होंने बताया कि नामांकन पत्रों की जांच 28 मार्च को होगी और उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 30 मार्च है। पश्चिम बंगाल में 19 अप्रैल से एक जून के बीच सभी सात चरणों में मतदान होगा। यहां चुनावी हिंसा और अन्य गड़बडि़यों के मद्देनजर चंडीगढ़ के सेवानिवृत्त आईपीएस अनिल कुमार शर्मा को विशेष पुलिस पर्यवेक्षक तथा आईएएस आलोक सिन्हा को विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। बंगाल में होती है अधिक चुनावी हिंसा:आमतौर पर आयोग चुनावों के दौरान ऐसे विशेष पुलिस पर्यवेक्षक या विशेष जनरल पर्यवेक्षक की नियुक्ति करता है, लेकिन चुनावों से पहले नहीं। इस बार आयोग लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले ही बंगाल की कानून व्यवस्था पर खास ध्यान देना चाहता है। माना जा रहा है कि इसीलिए बंगाल के लिए एक विशेष पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त करने का निर्णय चुनाव शुरू होने से बहुत पहले लिया गया है, क्योंकि यहां चुनावी हिंसा देशभर से अधिक होती है।
शर्मा के पास है विधानसभा के दौरान काम करने का भी अनुभव
शर्मा के पास बंगाल में 2021 विधानसभा चुनाव के दौरान विशेष पुलिस पर्यवेक्षक के रूप में काम करने का अनुभव है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के एक वर्ग का मानना है कि राज्य की स्थिति के उनके अनुभव के कारण आयोग ने उन्हें फिर से चुना है। राज्य में 19 अप्रैल से मतदान का चरण शुरू हो रहा है।
तीन आय-व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त करने का निर्णय
लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही केंद्रीय चुनाव आयोग बंगाल के विभिन्न जिलों में कानून-व्यवस्था की स्थिति, गिरफ्तारी या धन बरामदगी के बारे में जानकारी एकत्र कर रहा है। विशेष पुलिस पर्यवेक्षक का मुख्य कार्य इसका विश्लेषण करना और आवश्यक कदमों की सिफारिश करना है। चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक, विशेष पुलिस पर्यवेक्षक शर्मा को विशेष पर्यवेक्षक आलोक को रिपोर्ट करनी होगी। आयोग ने पहले ही बंगाल के लिए तीन आय-व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त करने का निर्णय ले रखा है। पहले चरण में 19 अप्रैल को बंगाल की तीन सीटों जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और कूचबिहार में वोटिंग है। आयोग ने इन तीन सीटों के लिए तीन राजस्व एवं व्यय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। बंगाल में तैनात हुईं केंद्रीय बल की 150 कंपनियां कूचबिहार के लिए आईआरएस संजय कुमार, जलपाईगुड़ी के लिए मदनमोहन मीना और अलीपुरद्वार के लिए शालोम के दुर्गेश यादव को राजस्व और व्यय पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया गया है। आयोग ने चुनाव की घोषणा से काफी पहले ही बंगाल में केंद्रीय बल की 150 कंपनियां तैनात कर दी है। अब केंद्रीय बलों की 27 और कंपनियां एक अप्रैल तक बंगाल आ रही हैं।पश्चिम बंगाल में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) टीम की गतिविधियों की रिपोर्ट इस माह के अंत से निर्वाचन आयोग को रोजाना भेजी जाएगी। पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि 29 मार्च से पहले तैनात कर्मियों की गतिविधियों की रिपोर्ट रोजाना सुबह 10 बजे ईसीआई के कार्यालय में पहुंच जाएगी।विभिन्न क्षेत्रों के लिए चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट सीईओ के कार्यालय को भेजेंगे और सीईओ उन्हें संकलित कर ईसीआई को भेजेंगे। सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए दैनिक रिपोर्ट मांगी जा रही है कि पहले से तैनात सीएपीएफ कर्मी अच्छी तरह से काम करें ताकि किसी भी समय उत्पन्न होने वाली स्थिति में उनका सर्वोत्तम उपयोग किया जा सके। सूत्रों ने यह भी कहा कि दैनिक रिपोर्ट के प्रस्तावित अभ्यास का उद्देश्य राजनीतिक दलों के एक वर्ग की शिकायतों से बचना भी है कि सीएपीएफ कर्मियों को निष्क्रिय रखा गया था और चुनाव पूर्व हिंसा से बचने के लिए प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं किया गया था। पश्चिम बंगाल में पहले से ही सीएपीएफ कर्मियों की 150 कंपनियां विभिन्न इलाकों में तैनात हैं और चालू सप्ताह के दौरान अन्य 27 कंपनियां राज्य में आने वाली हैं। 27 कंपनियों में से, अधिकतम तैनाती 15 कंपनियों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की होगी। इसके बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की सात और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की पांच कंपनियां होंगी। चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पहले ही पश्चिम बंगाल में सीएपीएफ की 920 कंपनियों की तैनाती निर्धारित कर दी है। ये सभी भारतीय राज्यों (जम्मू और कश्मीर सहित) में सबसे अधिक है। आयोग ने इस महीने की शुरुआत में चुनाव और मतगणना की तारीखों की घोषणा होने से पहले ही सीएपीएफ कंपनियों की तैनाती शुरू कर दी थी। रिपोर्ट अशोक झा