पहाड़ पर शिक्षक नियुक्ति मामले में भी पार्थ चटर्जी समेत कई नेताओं की बढ़ेगी मुश्किलें
सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, जो राज्य में स्कूलों में नौकरी के बदले करोड़ों रुपये वसूली के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं, अब और मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही पहाड़ के कई नेता भी इस घोटाले के चपेट में आयेंगे। अब शिक्षा विभाग ने उत्तर बंगाल में दार्जिलिंग, कर्सियांग और कालिम्पोंग की पहाड़ियों के लिए नागरिक प्राधिकरण, गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के तहत स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक शिकायत दर्ज की है। सूत्रों ने कहा कि शिकायत बुधवार को बिधाननगर (उत्तर) पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने गुरुवार को मामले में एफआईआर दर्ज की। पता चला है कि एफआईआर में आठ नामों का जिक्र किया गया है, जिनमें पूर्व तृणमूल नेता चटर्जी का नाम भी शामिल है। एफआईआर में शामिल दो अन्य प्रमुख नाम है जिसमे तृणमूल छात्र विंग के नेता त्रिनानकुर भट्टाचार्य और जीटीए के पूर्व मुख्य कार्यकारी विनय तमांग के हैं, जो इस समय कांग्रेस के राज्य महासचिव हैं। हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को जीटीए-नियंत्रित स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच करने का निर्देश दिया है। सीबीआई पहले से ही पश्चिम बंगाल में स्कूल की नौकरियों के मामलों की जांच कर रही है। सीबीआई को 25 अप्रैल तक हाईकोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपनी है। जीटीए अधिकारियों को भी उसी तारीख तक मामले में एक रिपोर्ट जमा करनी है। गोरखा बेरोजगार प्राथमिक शिक्षक कल्याण संघ ने जीटीए-नियंत्रित स्कूलों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोप लगाने वाला पहला संगठन था। इस एसोसिएशन ने मामले की गहन जांच की मांग करते हुए हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था। देखना होगा कि इसको लेकर पहाड़ की राजनीति क्या रंग लाती है। रिपोर्ट अशोक झा