बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस पर महिला कर्मचारी ने लगाया यौन शोषण का आरोप
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस पर राज भवन की एक महिला कर्मचारी ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। महिला ने इस संबंध में पुलिस में अपनी शिकायत दी है। बताया जा रहा है कि यह महिला राज भवन की कांट्रेक्ट पर काम करती है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के खिलाफ आरोप पीएम मोदी की दो दिवसीय पश्चिम बंगाल यात्रा से ठीक पहले आए हैं। इन आरोपों पर राज्यपाल की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा, ‘सच्चाई की जीत होगी। मैं गढ़ी गई कहानियों से डरने वाला नहीं हूं।अगर कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी लाभ चाहता है, तो भगवान उन्हें आशीर्वाद दें।लेकिन वे बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते। टीएमसी नेताओं ने राज्यपाल को घेरा: इस मामले के सामने आने के बाद टीएमसी नेताओं ने राज्यपाल को घेरना शुरू कर दिया है। टीएमसी नेता शशि पांजा ने कहा, ‘संदेशखाली की घटना पर जो राज्यपाल नारी सम्मान की बात कर थे वही राज्यपाल आज नारी का अपमान कर रहे हैं। शिकायतकर्ता के साथ यह बदसलुकी बार-बार की गई होगी।’इससे दुर्भाग्यजनक बात नहीं हो सकती’। उन्होंने आगे कहा, ‘हमें मिली खबरों के अनुसार महिला एक अस्थाई कर्मी है और आर्थिक कारणों के कारण महिला ने राज्यपाल से अपने रोजगार को स्थाई करने की दरख्वास्त की। अगर इसके बदले में आप उनसे (महिला) बदसलूकी करते हैं तो इससे दुर्भाग्यजनक बात नहीं हो सकती। महिला ने हेर स्ट्रीट थाने में शिकायत दर्ज कराई है, आगे की जांच चल रही है। राज्यपाल नारी का अपमान कर रहे’: वहीं, टीएमसी नेता व मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल पहुंचे रहे हैं और उनके ठहरने की व्यवस्था राजभवन में हुई है, लेकिन उससे पहले ही राज्यपाल के खिलाफ एक महिला ने थाने में छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराने गई है।’उन्होंने कहा, ‘यह किस प्रकार की घटना घट रही है, जो राज्यपाल कहते हैं कि वे ‘पीस रूम’ बनाएंगे और सबकी समस्याएं सुनेंगे, लेकिन यहां पर तो वही राज्यपाल नारी का अपमान कर रहे हैं। ‘राजभवन ने बयान में कहा है कि इस मामले में जांच करने अगर पुलिस आती है तो उन पर भी प्रतिबंध लगाया जाता है। संविधान की धारा-361 के तहत राज्यपाल पर एफआईआर नहीं हो सकती है। रिपोर्ट अशोक झा