बंगाल चुनाव को लेकर आयोग सख्त, चौथे चरण में 3647 मतदानकेन्द्र को निर्वाचन आयोग ने किया संवेदनशील करार
चुनाव बाद थम नहीं रही हिंसा, बढ़ाई जायेगी सुरक्षा बलों की संख्या
कोलकाता: लोकसभा चुनाव 2024 में तीन चरणों का मतदान हो चुका है, अभी 4 चरणों का मतदान होना शेष है। 13 मई को चौथे चरण में पश्चिम बंगाल की 8 लोकसभा सीटों के जिन 15,507 मतदान केंद्रों पर मतदान होना है उसमें से 3647 को निर्वाचन आयोग ने संवेदनशील करार दिया है। इसमें सबसे अधिक बोलपुर सीट पर 659 मतदान केंद्र हैं। इसके साथ ही बीरभूम में 640, बहरामपुर में 558, बर्दवान-दुर्गापुर में 442, राणाघाट में 410, कृष्णानगर में 338, आसनसोल में 319 और बर्धमान पुरबा में 301 संवेदनशील मतदान केंद्र घोषित किए गए हैं। मतदान केंद्रों की संवेदनशीलता को देखते हुए यहां पर केंद्रीय सुरक्षाबलों को तैनात किया जायेगा। इसके साथ ही राज्य पुलिस बल भी भारी संख्या में मतदान के दिन तैनात रहेंगे। 13 मई को चौथे चरण में पश्चिम बंगाल के पांच जिलों की इन आठ लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। इस चरण में राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी बहरामपुर से चुनाव लड़ेंगे। वहीं तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा कृष्णानगर से, शत्रुघ्न सिन्हा आसनसोल से चुनाव लड़ रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस से इस चरण में कीर्ति आजाद बर्धमान-दुर्गापुर से और यूसुफ पठान बहरामपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं भाजपा उम्मीदवारों में बर्धमान-दुर्गापुर से पूर्व राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष चुनाव लड़ रहे हैं। आसनसोल एसएस अहलूवालिया और रानागाथ सीट से जगन्नाथ सरकार उम्मीदवार हैं।मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक चौथे चरण के लिए केंद्रीय की कुल 596 कंपनियां तैनात की जाएंगी। इनमें से 578 कंपनियों को तैनात किया जाएगा, जबकि बाकी को रिजर्व में रखा जाएगा। इन 578 कंपनियों में से 430 को मतदान केंद्रों पर तैनात किया जाएगा, जबकि शेष 148 कंपनियों को त्वरित प्रतिक्रिया टीमों में शामिल जाएगा। चुनाव बाद भी थम नहीं रहा विवाद : बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में चुनाव के बाद हिंसा जारी है और कांग्रेस-माकपा गठबंधन के कुछ कार्यकर्ताओं की दुकानों में आग लगा दी गई। यह घटना मुर्शिदाबाद लोकसभा क्षेत्र के डोमकल इलाके में हुई। दमकल कर्मियों ने आग पर पाया काबू: गुरुवार की सुबह स्थानीय लोगों ने जलती हुई दुकानों को देखा और मालिकों को सूचित किया, जिसके बाद दमकल की एक गाड़ी मौके पर पहुंची। हालांकि आग पर जल्द ही काबू पा लिया गया, लेकिन दुकानें जलकर खाक हो गईं, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हो गया।दुकाने के मालिकों को मिल रही धमकियां: दुकान के दो मालिक पहले तृणमूल कांग्रेस में थे और लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस-माकपा गठबंधन में शामिल हो गए थे। उनमें से एक मोजम्मेल मंडल ने कहा कि जब से वह कांग्रेस में शामिल हुए हैं, उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं की धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। मंडल ने दावा किया कि आखिरकार सत्ताधारी पार्टी के समर्थन वाले गुंडों ने हमारी दुकानें जला दीं। इसी तरह का अनुभव एक अन्य प्रभावित दुकान के मालिक इब्राहिम अली ने मीडियाकर्मियों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि जब से मैंने गठबंधन का समर्थन करने का फैसला किया है, मुझे जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। पीड़ितों ने की पुलिस से शिकायत: सत्ताधारी पार्टी के कुछ गुंडे मेरी दुकान को जलाने की धमकी भी दे रहे हैं। मैंने पूरी घटना के बारे में पुलिस से शिकायत की है। हालांकि, जिला तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने घटना में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं की संलिप्तता के आरोपों को खारिज कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। रिपोर्ट अशोक झा