ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी को जान से मारने के पोस्टर मिलने से हड़कंप

पुलिस ने शुरू की जांच, 20 को होना है इस क्षेत्र में चुनाव

कोलकाता: बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और उनके भतीजे, पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी को जान से मारने की धमकी दी गई है।धमकी वाला एक पोस्टर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के उलुबेरिया में मिला है। पुलिस ने यह जानकारी दी कि सफेद कपड़े के टुकड़े पर हरी स्याही से हस्तलिखित पोस्टर उलुबेरिया के फुलेश्वर इलाके में एक निर्माण स्थल से बरामद किया गया, जहां 20 मई को लोकसभा चुनाव होने हैं। बांग्ला में लिखे पोस्टर में लिखा है कि मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी को कार से टक्कर मारकर मार डालूंगा। इसके बाद सभी लोग दीये जलाएंगे। मेरे पास एक गुप्त पत्र है। पोस्टर ईंटों के ढेर पर लटका हुआ पाया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि गुप्त पत्र का क्या मतलब है. यह एक शरारत हो सकती है। हमें यह पता लगाना होगा कि क्या इसमें कोई एक व्यक्ति या समूह शामिल था?आदिवासियों का छीना जा रहा है अधिकार: ममता
इस बीच, ममता बनर्जी ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर आदिवासियों के अधिकारों को छीनने और विभिन्न पिछड़े समुदायों के बीच कलह पैदा करने की योजना बनाने का आरोप लगाया। टीएमसी के झाड़ग्राम लोकसभा उम्मीदवार कालीपद सोरेन के समर्थन में एक चुनावी रैली में ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा का लक्ष्य एनआरसी लागू करके आदिवासियों को उखाड़ना है, अंततः उन्हें उनके भूमि अधिकारों से वंचित करना है. उन्होंने कहा, “हमने यह सुनिश्चित करने के लिए पहले ही एक कानून पारित कर दिया है कि आदिवासी अपनी पैतृक भूमि पर निवास कर सकें.” उन्होंने कहा, “बीजेपी एनआरसी के जरिए आदिवासियों, कुर्मियों और अन्य पिछड़ी जातियों को बाहर निकालना चाहती है और समान नागरिक संहिता लाकर उनके बीच लड़ाई कराना चाहती है, लेकिन मैं अपनी आखिरी सांस तक उनकी रक्षा करने की कसम खाती हूं.”राज्य में 18 सीटों पर हो चुका है मतदान बता दें कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं. इनमें से 18 सीटों पर चार चरणों में मतदान हो गया है, जबकि तीन चरणों में 24 सीटों पर अभी मतदान होना बाकी है. तीन चरणों में मतदान को लेकर चुनाव प्रचार तेज हो गया है. चुनाव प्रचार में टीएमसी, बीजेपी, माकपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं। रिपोर्ट अशोक झा

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