हिंसा को लेकर बंगाल पहुंची है विशेष टीम आज कूचबिहार का करेगी दौरा

कहा, बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को मारा गया: देब
अशोक झा, कोलकोता: बीजेपी के चार सांसदों की एक विशेष टीम रविवार रात कोलकाता पहुंची। कोलकाता एयरपोर्ट से वे सीधे माहेश्वरी भवन पहुंचे। जहां चुनाव बाद हिंसा के पीड़ितों को रखा गया है।लेकिन वहां पहुंचने के साथ ही कोहराम मच गया। माहेश्वरी भवन के पास एक क्रूड बम रखा पाया गया। बाद में पुलिस और बम स्क्वायड टीम की मदद से बम को हटाया गया। लेकिन बीजेपी ने इसे लेकर ममता सरकार पर हमला बोला। बता दें कि लोकसभा चुनाव में राज्य की 42 सीटों में टीएमसी ने 29 सीटों पर जीत हासिल की है। टीएमसी के सांसदों की संख्या 22 थी इसमें सात का इजाफा हुआ है। वहीं, बीजेपी के सांसदों की संख्या 18 से घटकर 12 रह गयी है, जबकि कांग्रेस के सांसदों की संख्या दो से घटकर एक रह गई है। चुनाव के बाद बंगाल में हिंसा के आरोप लगे हैं पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा के आरोपों की जांच के लिए बीजेपी के अखिल भारतीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस समिति का गठन किया है। केंद्रीय जांच टीम में त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद बिप्लब देब, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद रविशंकर प्रसाद, उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और वर्तमान राज्यसभा सांसद बृजलाल और मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार शामिल हैं। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, रविवार की रात कोलकाता में बिताने के बाद वे सोमवार सुबह कूचबिहार के लिए रवाना होंगे।उल्लेखनीय है कि राजनीतिक हिंसा की जांच के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को चार सदस्यीय समिति गठित की थी। इसमें पार्टी सांसद बिप्लब कुमार देब, रविशंकर प्रसाद, बृजलाल और कविता पाटीदार शामिल हैं। देब इस समिति के संयोजक बनाए गए हैं। यह समिति जल्द अपनी रिपोर्ट नड्डा को सौंपेगी।
जानकारी के मुताबिक, टीम के सदस्य एयरपोर्ट से सीधे माहेश्वरी भवन पहुंची। यहां पर टीम के सदस्यों ने लोकसभा चुनाव के बाद हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की। टीम सोमवार को कूचबिहार (उत्तर बंगाल) जाएगी। मंगलवार को टीम दक्षिण बंगाल में (डायमंड हार्बर और संदेशखाली) जाने का कार्यक्रम है।
बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को मारा गया: देब
टीम के संयोजक और त्रिपुरा के पूर्व सीएम बिप्लब कुमार देब ने कहा, चुनाव के बाद एकमात्र बंगाल है जहां भाजपा के कार्यकर्ताओं को मारा गया, मर्डर किया गया, घर-द्वारा जलाया गया, जो पूरी तरह संविधान के खिलाफ है। इस तरह से कोई राज्य नहीं चल सकता है। कोलकाता पहुंचने के बाद टीम के सदस्यों ने देर शाम सबसे पहले कोलकाता के बड़ाबाजार इलाके में स्थित माहेश्वरी भवन में जाकर यहां शरण लिए हिंसा पीडि़तों के साथ मुलाकात की। बेघर हुए करीब 200 हिंसा पीडि़त यहां शरण लिए हुए हैं।
बंगाल की सीएम ममता जवाब दें: प्रसाद
यहां पहुंचने पर टीम के सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चुनावी हिंसा पर ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोलते हुए सवाल किया, पूरे देश में चुनाव होता है, लेकिन सिर्फ बंगाल में ही चुनाव के बाद हिंसा क्यों होती है। ग्राम पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव के बाद भी हिंसा हुई थी। अब फिर हिंसा हो रही है। हमारे कार्यकर्ता यहां डरे हुए हैं। जनता डरी हुई है। ये बहुत गंभीर बात है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी यदि लोकतंत्र में विश्वास करती हैं तो उन्हें इसका जवाब देना होगा।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल से की मुलाकात
बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने रविवार को लोकसभा चुनाव के बाद हिंसा प्रभावित भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ राजभवन में राज्यपाल सीवी आनंद से मुलाकात की। पीड़ितों से मुलाकात करते हुए राज्यपाल ने कहा, उन्हें कुल 1025 शिकायतें मिली हैं। पीड़ितों से मुलाकात के दौरान राज्यपाल ने कहा, हिंसा के खिलाफ हम सब मिल कर लड़ेंगे। मैं नेता जी, रवीन्द्रनाथ, स्वामी विवेकानन्द की शपथ लेता हूं, मैं अंत तक लड़ूंगा।।उल्लेखनीय है कि गुरुवार को पुलिस ने रोक दिया था, इसलिए अधिकारी और पीड़ित राजभवन नहीं जा सके थे। इसके बाद अधिकारी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट के आदेश के बाद शुभेंदु अधिकारी हिंसा पीड़ितों के साथ रविवार शाम राजभवन पहुंचे। राज्यपाल से मुलाकात के दौरान अधिकारी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने राज्यपाल से दुर्गा पूजा तक केंद्रीय बलों को बंगाल में रखने का अनुरोध भी किया। राजभवन से निकलने के बाद शुभेंदु ने कहा, मैंने राज्यपाल से कहा कि बंगाल में लोकतंत्र के सभी चार स्तंभ प्रभावित हैं। पांच हजार से अधिक लोगों के राशन कार्ड छीन लिए गए हैं। यहां तक कि पशुओं तक को नहीं छोड़ा गया।
कूचबिहार का दौरा करेगा बीजेपी प्रतिनिधिमंडल: कूचबिहार में पूर्व केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक की तृणमूल उम्मीदवार जगदीश चंद्र बसुनिया से हार के बाद से क्षेत्र में चुनाव बाद हिंसा के आरोप लग रहे हैं. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कूचबिहार का दौरा करने के बाद चुनाव बाद हिंसा आरोप लगाया था।इसके बाद रविवार को वह ‘प्रभावितों’ के साथ राजभवन गए। राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात की. 24 घंटे के अंदर चार बीजेपी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भी कूचबिहार पहुंचेगा।हालांकि, भाजपा प्रतिनिधिमंडल के राज्य में आने के बाद सबसे पहले दक्षिणी जिलों की स्थिति का पता लगाया जाना था। रविवार को कोलकाता पहुंचने के बाद उन्हें सोमवार को डायमंड हार्बर जाना था। लेकिन सोमवार को ईद का त्योहार होने के कारण उन्होंने वहां जाने के बजाय उत्तर बंगाल के कूचबिहार जाने का फैसला किया बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, चारों सांसद सुबह की फ्लाइट से कूचबिहार जाएंगे, लेकिन रात में कोलकाता लौट आएंगे। अगले दिन, वे डायमंड हार्बर, जयनगर और बशीरहाट लोकसभा क्षेत्रों में ‘प्रभावित’ भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर सकते हैं। जहां पीड़ितों को रखा गया था वहां मिला बम: कोलकाता के माहेश्वरी भवन में पीड़ित बीजेपी कार्यकर्ताओं के रहने की व्यवस्था की गई थी। रविवार शाम को चार सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल माहेश्वरी भवन पहुंचा। त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब समेत चार सदस्यीय टीम बीजेपी कार्यकर्ताओं-समर्थकों से मिलने के लिए माहेश्वरी भवन में दाखिल ही हुई थी। तभी माहेश्वरी भवन के बाहर बम का आतंक फैल गया। सूचना मिलते ही कोलकाता पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस कर्मियों ने उस स्थान को घेर लिया, जहां सुतली बम जैसी दिखने वाली वस्तु पड़ी थी. इसकी खबर बम निरोधक दस्ते को भी दी गयी। स्नाइफर डॉग लाया गया. बम डिटेक्टर भी लाए गए। आखिरकार बम स्क्वायड टीम ने संदिग्ध वस्तु को बरामद कर लिया और उसे कहीं और ले जाया गया। हालांकि, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि वस्तु वास्तव में बम थी या नहीं। बाद में जब बिप्लब देव से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह बेहद शर्मनाक बात है। यह घटना इस राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाती है। बंगाल में किस तरह से तृणमूल के गुंडों ने गुंडागर्दी कायम कर रखी है। इसका बड़ा उदाहरण सड़कों पर बम है। इसकी जिम्मेदारी बंगाल की पुलिस और प्रशासन की है। बंगाल में चुनाव बाद हिंसा पर घमासान: बीजेपी ने आरोप लगाया कि इस बार पूरे देश में लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए। लोकसभा चुनावों के अलावा, 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा चुनाव हुए। इनमें से कुछ में सत्ता परिवर्तन हो चुका है। लेकिन कहीं कोई हिंसक घटना नहीं हुई। सिर्फ बंगाल में हुआ। लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की छाया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मूक दर्शक की भूमिका निभा रही हैं. लेकिन उनकी ही पार्टी के उपद्रवी लगातार विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं और वोटरों पर हमले कर रहे हैं. बंगाल दौरे के बाद वे बीजेपी के अखिल भारतीय अध्यक्ष नड्डा को विस्तृत रिपोर्ट देंगे। बता दें कि इसके पहले पश्चिम बंगाल में साल 2021 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद हुए पंचायत चुनाव में जमकर हिंसा हुई थी। हिंसा में दर्जनों लोगों की जान गई थी और बीजेपी के कार्यकर्ताओं को घर छोड़कर जाने के लिए बाध्य होना पड़ा था। बाद में यह मामला कलकत्ता हाईकोर्ट में गया और कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद चुनाव बाद हिंसा के मामले की जांच सीबीआई कर रही है। हिंसा के कई मामले में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं। दूसरी ओर, ममता बनर्जी हिंसा के आरोपों को खारिज करती रही है और इसे बीजेपी द्वारा राज्य को बदनाम करने की साजिश करार देती रही है।

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