जिला महिला अस्पताल में भर्ती प्रसूताओं को सेफ्रट्रीजोन इंजेक्शन लगने से जूड़ी- बुखार से लगी चिल्लाने मंचा हड़कम पहुंचा
जिला महिला अस्पताल में भर्ती प्रसूताओं को सेफ्रट्रीजोन इंजेक्शन लगने से जूड़ी- बुखार से लगी चिल्लाने मंचा हड़कम पहुंचा
उप्र बस्ती जिले में बृहस्पतिवार की रात जिला महिला चिकित्सालय के माथे पर कलंक लगनेे से बच गया। रात दस बजे के बाद वार्डों में ऐसी अफरा- तफरी मची कि कुछ घंटों के लिए वहां मौजूद हर किसी की बेचैनी बढ़ गई। दृश्य ऐसा कि चिकित्सक, स्टाॅफ नर्स, डॉक्टर, प्रशासनिक अफसर या तीमारदार सभी के होश फाख्ते हो गए। सरकारी आपूर्ति की एंटीबॉयोटिक इंजेक्शन लगने के कुछ ही देर बाद प्राइवेट वार्ड से लेकर जनरल वार्ड तक भर्ती प्रसूताएं तेज जूड़ी- बुखार से कराहने लगी। इसी के बाद चीख- पुकार पूरे अस्पताल में मच गई।
स्थिति संभालने के लिए वहां मौजूद डॉक्टर और स्टॉफ नर्स दौड़े तो तीमारदारों ने दोबारा इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया। जिससे मरीजों की हालत और बिगड़ने लगी। आनन- फानन में सीएमओ डॉ. आरएस दुबे, सीएमएस डॉ. एके वर्मा समेत चिकित्सकों की पूरी टीम पहुंच गई। फिर भी तीमारदारों का भरोसा अस्पताल की दवा से उठ गया था। लोग डॉक्टरों की टीम को मरीज के पास जाने से मना करते रहे। बाद में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स बुलाई गई। तब जाकर चिकित्सकों ने बचाव कार्य शुरू किया। एंटीबॉयोटिक इंजेक्शन लगने के बाद प्रभावित 55 प्रसूताओं को एविल, डेक्सोना का डोज दिया जाने लगा। इसके बाद हालत में सुुधार होने लगा। इस बीच डीएम रवीश गुप्ता भी अधिकारियों के साथ रात दो बजे तक मौजूद रहे। रात में ही पूरे घटनाक्रम की जॉच- पड़ताल शुरू कर दी गई।
घटना रात 9.30 बजे के बाद अस्पताल में भर्ती सीजर से डिलीवरी कराने वाली प्रसूताओं को बेड पर सेफ्रट्रीजोन इंजेक्शन का डोज दिया गया। इसी के कुछ देर बाद इन प्रसूताओं को ठंड लगने के साथ बुखार चढ़ने लगा। देखते ही देखते अधिकांश प्रसूताओं में यह समस्या आ गई। कंपन और बुखार से बेड पर ही प्रसूताएं कराहने लगी। परिजनों में चीख पुकार मच गई। शोर मचा कि दवा रिएक्शन कर गई है। एक- एक यहां भर्ती 70 में से 55 प्रसूताएं प्रभावित होे गई। तीमारदार बाहर निकलकर हंगामा करने लगे। स्थिति बेकाबू होते देख उच्चाधिकारियों कोे सूचना दी गई। इसके बाद डीएम, एडीएम, सीएमओ, सीएमएस के अलावा चिकित्सीय टीम और बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंची।