नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक बीच में छोड़ निकली सीएम ममता माइक बंद करने का आरोप
वित्त मंत्री ने कहा यह सोची समझी रणनीति, माईक नहीं था बंद
अशोक झा, कोलकोता: शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 9 वीं बैठक हुई। मीटिंग में शामिल होने पहुंचीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया।बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक को बीच में ही छोड़कर बाहर निकल आईं। उन्होंने बंगाल के लिए फंड मांगने पर उनका माइक बंद करने का आरोप लगाया है। सरकारी सूत्रों ने ममता के दावों को खारिज किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ममता बनर्जी ने मीडिया में कहा है कि उनका माइक बंद कर दिया गया, यह पूरी तरह से झूठ है। ‘झूठा है ममता का दावा’: ममता बनर्जी के आरोपों पर निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘सीएम ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल हुईं. हम सभी ने उन्हें सुना. हर मुख्यमंत्री को अलॉट किया हुआ समय दिया गया जो हर टेबल पर लगी स्क्रीन पर दिखाई दे रहा था. उन्होंने मीडिया में कहा कि उनका माइक बंद कर दिया गया था. यह पूरी तरह से झूठ है। उन्होंने आगे कहा, ‘हर मुख्यमंत्री को बोलने के लिए उचित समय दिया गया था. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि उनका माइक बंद कर दिया गया था, जो सच नहीं है. उन्हें झूठ पर आधारित नैरेटिव गढ़ने के बजाय सच बोलना चाहिए। केंद्रीय मंत्रियों ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना: केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, ‘पार्लियामेंट में कोई कहता है मेरा माइक बंद कर दिया जाता है, कोई कहता है मुझे बोलने नहीं दिया जाता. ये कहीं ना कहीं अफवाह है और जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है. मैं उस मीटिंग में था नहीं लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसा नहीं हुआ होगा। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ममता बनर्जी जो कह रही हैं वह पूरी तरह से मिसलीडिंग है. उन्होंने खुद कहा कि वह जल्दी निकलना चाहती हैं इसलिए उन्हें पहले बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्हें पूरा समय दिया गया. उनकी घंटी भी नहीं बजी थी. उन्होंने अपनी बात कही. फिर वह बाहर आ गईं और वही किया जो उन्हें करना था. अफसोस की बात है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘मैंने नहीं देखा कि (नीति आयोग) बैठक में क्या हुआ. मैं केवल इतना ही कह सकता हूं कि यह तथाकथित INDI गठबंधन कोई गठबंधन नहीं है क्योंकि ममता ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी. वे जनता के जनादेश को पचा नहीं पा रहे हैं इसलिए हाय तौबा मचा रहे हैं। बैठक बीच में ही छोड़कर निकलीं ममता बनर्जी: ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक को बीच में ही छोड़कर निकल आईं. उन्होंने कहा, ‘मैंने बैठक का बहिष्कार किया है. चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए. असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के सीएम ने 10-12 मिनट तक बात की. मुझे सिर्फ पांच मिनट बाद बोलने पर ही रोक दिया गया. यह गलत है। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष की ओर से, सिर्फ मैं यहां प्रतिनिधित्व कर रही हूं और इस बैठक में इसलिए भाग ले रही हूं क्योंकि सहकारी संघवाद को मजबूत करने में मेरी अधिक रुचि है. नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय ताकत दें या योजना आयोग को वापस लाएं. मैंने अपना विरोध दर्ज कराया और मैं बाहर आ गई। ‘ये मेरा अपमान है’: ममता ने कहा, ‘मैंने कहा बंगाल को फंड दीजिए और आप भेदभाव मत कीजिए. मैंने बोला जब केंद्र सरकार चलाते हैं तो सारे राज्यों का सोचना चाहिए. मैं सेंट्रल फंड के बारे में बता रहा थी कि इसे पश्चिम बंगाल को नहीं दिया जा रहा है, तभी उन्होंने मेरा माइक म्यूट कर दिया. मैंने कहा कि विपक्ष से मैं ही बैठक में भाग ले रही हूं, आपको खुश होना चाहिए, इसके बजाय आप अपनी पार्टी और सरकार को अधिक वरीयता दे रहे. यह न केवल बंगाल का अपमान है, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का भी अपमान है. ये मेरा भी अपमान है। पीएम बोले- विकसित भारत@2047 हर भारतीय की महत्वाकांक्षा: नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी ने कहा, ‘विकसित भारत@2047 हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है. राज्य इस लक्ष्य को हासिल करने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि वे लोगों से सीधे जुड़े हुए हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यह दशक बदलावों का है, तकनीकी और भू-राजनीतिक के साथ-साथ अवसरों का भी. भारत को इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए और अपनी नीतियों को अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए अनुकूल बनाना चाहिए. यह भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रगति की सीढ़ी है।