बांग्लादेश में फिर एक बार भड़की हिंसा, भीड़ ने भी सेना के वाहनों को जला दिया
बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा: बांग्लादेश में एक बार फिर आग भड़क उठी है। इस बार हिंदुओं पर हमलों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुए हैं। प्रदर्शनकारियों पर बांग्लादेशी सेना के अत्याचारों की कई खबरें आ रही हैं, जिससे वहां माहौल तनावपूर्ण होने लगा है। जगह-जगह प्रदर्शनकारियों ने हंगामा शुरू किया है और सेना के साथ भी कुछ जगह झड़पें हुई हैं। गोपालगंज में झड़प के दौरान 7 लोग घायल हो चुके हैं। भीड़ ने भी सेना के वाहनों को जला दिया है। बांग्लादेश के गोपालगंज में अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों के हजारों नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आज दोपहर पार्टी अध्यक्ष शेख हसीना की देश वापसी की मांग को लेकर जुलूस निकाला। अवामी लीग के लोग गोपीनाथपुर यूनियन, गोपालगंज सदर उपजिला के जलालबन यूनियन और काशियानी उपजिला के निजामकांडी यूनियन से आए थे। इसी दौरान गोपालगंज सदर उपजिला के गोपीनाथपुर यूनियन में गोपीनाथपुर बस स्टैंड के पास प्रदर्शनकारियों की सेना के साथ झड़प हुई। गोपालगंज में हुई झड़प में 5 सैन्यकर्मियों समेत कम से कम 7 लोग घायल हो गए और एक सैन्य वाहन को आग के हवाले कर दिया गया।बांग्लादेश में हिंदू भी सड़क पर उतरे: बांग्लादेश में समुदाय पर हो रहे हमलों के विरोध में शनिवार को लाखों हिंदू सड़कों पर उतर आए। राजधानी ढाका और देश के दूसरे सबसे बड़े शहर चटगांव में लाखों लोग विशाल रैलियों में शामिल हुए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस रैली में 7 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए। हिंदू समुदाय ने सुरक्षा और न्याय की मांग करते हुए अपना अब तक का सबसे बड़ा सड़क प्रदर्शन किया। हिंदुओं ने बांग्लादेश के ढाका और चटगांव के साथ बारीसाल, तंगेल और कुरीग्राम जैसे प्रमुख शहरों में प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हिंदुओं को बांग्लादेश में रहने का अधिकार है। उन्होंने घरों, दुकानों और मंदिरों पर हमलों के विरोध में ढाका में शाहबाग चौराहे को जाम कर दिया। लोगों के हाथों में बैनर-पोस्टर थे, जिन पर ‘बांग्लादेशी हिंदुओं को बचाओ। हमें न्याय और सुरक्षा चाहिए।’, ‘मेरे मंदिरों और घरों को क्यों लूटा जा रहा है? हमें जवाब चाहिए।’ ‘हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें’ जैसे नारे लिखे थे। ना सिर्फ बांग्लादेश में, बल्कि अमेरिका और ब्रिटेन में भी इसी तरह के प्रदर्शन हुए हैं।