तूल पकड़ता जा रहा है ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या का मामला

IMA ने देशव्यापी हड़ताल का ऐलान, 17 व 18 को हड़ताल पर रहेंगे डॉक्टर

अशोक झा, कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और उसके बाद हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मामले में बुधवार की रात हुए हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ के बाद ये केस और ज्यादा उलझ गया है।कोलकाता के इस कांड को सुलझाने के लिए CBI की टीम जुट गई है और पूछताछ की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। गुरुवार को जहां एक ओर सीबीआई ने मृतका ट्रेनी डॉक्टर के तीन बैचमेट्स से पूछताछ की तो वहीं, टीम आरजी कर मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल सुरहिता पॉल को आगे की पूछताछ के लिए सीजीओ कॉम्प्लेक्स भी ले गई। उधर, इन बड़े घटनाक्रमों के बीच, IMA ने देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इससे पहले दिन में FORDA (फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन) ने भी हड़ताल का ऐलान किया है। IMA ने किया हड़ताल का ऐलान: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 17 अगस्‍त को देशव्‍यापी हड़ताल का ऐलान किया है. कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्या को लेकर आईएमए हड़ताल करेगा. आईएमए ने अस्‍पतालों को सेफ जोन घोषित करने के साथ ही सरकार से सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट को तुरंत लागू करने की मांग की है. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बुधवार रात हुई हिंसा को लेकर भी आईएमए प्रदर्शन करेगा। शनिवार 17.08.2024 को सुबह 6 बजे से रविवार 18.08.2024 को सुबह 6 बजे तक 24 घंटे तक सभी सेवाएं बंद रहेंगी। FORDA ने फिर किया हड़ताल का ऐलान
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रशासन सबूतों से छेड़छाड़ कर रहा है. उन्होंने वीडियो शेयर कर कहा- सेमिनार हॉल में तोड़फोड़ की गई है. बता दें कि इससे पहले भी FORDA (फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन) ने हड़ताल बुलाई थी, जिसका असर देशभर के अस्पतालों में दिखा था, लेकिन आरजीकर हॉस्पिटल में बुधवार रात हुई हिंसा और तोड़फोड़ के FORDA ने फिर से हड़ताल का फैसला लिया है. FORDA की ओर से कहा गया है कि, सरकार काम के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं. इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही विफल रही हैं, जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।
सरकार पर लगाए ये आरोप: सरकार हमारी प्रतिबद्धताओं और सेवा को उचित सम्मान नहीं दिला पा रही है, यह उसकी बड़ी विफलता है. FORDA ने कहा कि, हाल के घटनाक्रम की गंभीरता और न्याय की मांग को देखते हुए, हमने तुरंत प्रभाव से हड़ताल फिर से शुरू करने का फैसला किया है. इसके लिए हम रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के साथ काम कर रहे हैं और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ काम कर रहे हैं। मृतका ट्रेनी डॉक्टर के तीनों बैचमेट्स से CBI पूछताछ
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या के मामले में तीन बैचमेट्स से पूछताछ की. ये वही बैचमेट्स हैं जो उस रात ड्यूटी पर थे जब यह दुखद घटना घटी थी. सूत्रों के अनुसार, सीबीआई की टीम ने कई घंटे तक इन डॉक्टरों से पूछताछ की, ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके. यह पूछताछ तब की गई जब डॉक्टर की हत्या से संबंधित जांच के तहत नए सबूत और जानकारी सामने आई थी। बुधवार रात को हुई तोड़फोड़: इससे पहले गुरुवार को, अस्पताल में डॉक्टरों ने प्रशासनिक भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने भवन को घेर लिया और प्राचार्य व अधीक्षक को बाहर नहीं जाने दिया. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने गुरुवार तड़के अस्पताल में हुई तोड़फोड़ और हिंसा पर अधिकारियों से स्पष्ट जवाब की मांग की.
डॉक्टरों में दहशत: पुलिस के अनुसार, विरोध प्रदर्शन की आड़ में लगभग 40-50 लोगों के एक समूह ने बुधवार देर रात अस्पताल परिसर में घुसकर तोड़फोड़ की. इससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. पुलिस ने हिंसा पर काबू पाने के लिए आंसू गैस छोड़ी और लाठीचार्ज किया. इस हिंसक घटना ने अस्पताल में भय और अराजकता का माहौल बना दिया है. यह घटना तब हुई जब डॉक्टर की हत्या के विरोध में महिलाओं का एक समूह ‘रिक्लेम द नाइट’ अभियान के तहत आधी रात को सड़कों पर उतर आया. उन्होंने अस्पताल परिसर में एकत्र होकर अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया।सीबीआई ने प्रिंसिपल से की पूछताछ: सीबीआई की टीम ने घंटों की लंबी पूछताछ के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल सुरहिता पॉल को आगे की पूछताछ के लिए सीजीओ कॉम्प्लेक्स ले गई. यह कार्रवाई मामले की गहराई से जांच करने और संबंधित व्यक्तियों से अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए की गई. केंद्रीय जांच एजेंसी की टीम ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज पहुंचकर प्रदर्शनकारी छात्रों से भी मुलाकात की. उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की जाएगी, ताकि दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जा सके।इस घटना और उसके बाद के हंगामे ने कोलकाता के चिकित्सा समुदाय में हलचल पैदा कर दी है, और सभी की निगाहें अब सीबीआई की जांच पर टिकी हैं. डॉक्टर और छात्र न्याय की मांग कर रहे हैं, जबकि सीबीआई इस मामले को सुलझाने में जुटी हुई है।12 आरोपियों की अब तक हो चुकी है गिरफ्तारी: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में तोड़फोड़ के मामले में गुरुवार शाम को तीन और आरोपियों को अरेस्ट किया गया है, लिहाजा पुलिस ने अबतक 12 आऱोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को अदालत में पेश किया गया और 22 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। तोड़फोड़ की घटना के बाद डॉक्टर्स में आक्रोश: मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में तोड़फोड़ की घटना के बाद डॉक्टर्स में आक्रोश है, गुरुवार को डॉक्टर्स ने अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. डॉक्टरों ने प्रशासनिक भवन को घेर लिया. साथ ही प्रिंसिपल और अधीक्षक को इमारत से बाहर नहीं निकलने दिया. प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के बारे में अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा. इसके अलावा अस्पताल की नर्सों ने भी विरोध प्रदर्शन किया। 40-50 लोगों की भीड़ ने की अस्पताल में तोड़फोड़
वहीं, कोलकाता पुलिस ने कहा कि 31 वर्षीय लेडी डॉक्टर के साथ दरिंदगी और हत्या के मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने कहा कि विरोध प्रदर्शन की आड़ में करीब 40-50 लोगों की भीड़ ने बुधवार देर रात अस्पताल परिसर में धावा बोला और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. पुलिसकर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। कोलकाता के तीन पुलिस स्टेशनों में केस दर्ज
कोलकाता पुलिस के मुताबिक आरजी कर अस्पताल में हुए हमले के मामले में कोलकाता के तीन अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. पहला केस उल्टाडांगा पुलिस स्टेशन में BNS की धारा 191(2)/191(3)/190/189(5)/195/132/121(1)/109/324(5), PDPP अधिनियम की धारा 3 और लोक व्यवस्था बनाए रखने के अधिनियम की धारा 9 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत दर्ज किया गया है।दूसरा केस ताला पुलिस स्टेशन में बीएनएस की धारा 191(2)/191(3)/190/189(5)/195/132/121(1)/109/324(5) के तहत, पीडीपीपी अधिनियम की धारा 3 के साथ ही पश्चिम बंगाल लोक व्यवस्था बनाए रखने अधिनियम की धारा 9, शस्त्र अधिनियम की धारा 25, पश्चिम बंगाल चिकित्सा सेवा व्यक्ति और चिकित्सा सेवा संस्थान (हिंसा और संपत्ति की क्षति की रोकथाम) अधिनियम 2009 की धारा 4 के तहत केस दर्ज किया गया है।तीसरा केस श्यामपुकुर पुलिस स्टेशन में बीएनएस की धारा 191(1)/191(3)/190/121(1)/132/224/324(4)/285 और पीडीपीपी अधिनियम की धारा-3 के तहत केस दर्ज किया गया. हालांकि अभी तक अस्पताल से कोई शिकायत नहीं मिली है. इस मामले में अभी तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, सभी आरोपियों को 22 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. वहीं 5 और आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।
आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ केस के बड़े अपडेट्स: कोलकाता पुलिस ने आरजी कर अस्पताल में हुई हिंसा के मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने कई सीसीटीवी फुटेज भी बरामद किए हैं और उनकी गहन जांच की जा रही है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। IMA ने कहा कि भीड़ का हमला ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे युवा मेडिकल छात्रों को निशाना बनाने का प्रयास था। कोलकाता पुलिस ने X पर एक पोस्ट में कहा कि हिंसा के दौरान लेडी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी और हत्या के अपराध स्थल को नहीं छेड़ा गया था. पुलिस ने कहा कि अपराध स्थल को छुआ नहीं गया है. हम अफवाह फैलाने के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करेंगे।डॉक्टर की हत्या की जांच कर रही CBI की टीम गुरुवार को पीड़िता के घर पहुंची. एजेंसी ने अस्पताल का भी दौरा किया. इस दौरान CBI की टीम चेस्ट मेडिसिन विभाग की चौथी मंजिल पर ये जांच करने गई कि सेमिनार हॉल जहां जूनियर डॉक्टर की हत्या हुई थी, कल रात हुई तोड़फोड़ से सुरक्षित है या नहीं। गुरुवार सुबह अस्पताल की नर्सों ने तोड़फोड़ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. एक नर्स ने कहा कि भीड़ सेमिनार रूम में घुसना चाहती थी, जहां अपराध हुआ था. उसने यह भी आरोप लगाया कि दो पुलिसकर्मियों ने भीड़ के उपद्रव के दौरान नर्सों से उन्हें छिपाने के लिए कहा।इस घटना के बाद बीजेपी और सत्तारूढ़ टीएमसी के बीच वॉकयुद्ध शुरू हो गया है. भाजपा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है. वहीं, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि आरजी कर में गुंडागर्दी और तोड़फोड़ सभी सीमाओं को पार कर गई है. कोलकाता पुलिस से दोषियों की पहचान करने और उन्हें 24 घंटे के भीतर दंडित करने को कहा गया है।अस्पताल में देर रात हुए हमले में लाठी-डंडे लेकर भीड़ ने आपातकालीन वार्ड और बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) के एक हिस्से में तोड़फोड़ की. अस्पताल में पुलिस चौकी में भी तोड़फोड़ की गई और वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया था. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी दागे. कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने कहा कि मीडिया द्वारा चलाए गए ‘दुर्भावनापूर्ण’ अभियान ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। पीड़िता के पिता ने कहा कि अगर हम उसकी जान के बदले पैसे लेंगे तो वह बहुत दुखी होगी. मृतका के पिता ने कहा कि सीबीआई के अधिकारी आज आए और हमारे बयान समेत सभी सबूत ले गए. हम पूरे देश के साथ-साथ विदेशों में भी इस घटना को लेकर हो रहे विरोध और आंदोलन के पक्ष में हैं. हम सभी को अपना बेटा-बेटी मानते हैं. अस्पताल पर हुए हमले को लेकर उन्होंने कहा कि यह प्रशासन का मामला है. प्रशासन इसे समझेगा. इस पर मेरा टिप्पणी करना उचित नहीं है। यह न्यायिक मामला है. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने भरोसा दिलाया है कि आरोपियों को कड़ी सजा दी जाएगी. यह जल्द से जल्द किया जाएगा। बंगाल के राजभवन की ओर से कहा गया है कि कल रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कथित तोड़फोड़ और हिंसा की सूचना मिलने के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने परिसर का दौरा किया और छात्रों, शिक्षण, गैर-शिक्षण कर्मचारियों, उप-प्रधानाचार्य और प्राचार्य से बातचीत की. डॉक्टरों और नर्सों ने राज्यपाल को अपनी दुर्दशा बताई तथा उग्र भीड़ द्वारा उन्हें मिली धमकियों के बारे में बताया. उन्होंने राज्यपाल सीवी आनंद बोस से कहा कि पुलिस मेडिकल कॉलेज के छात्रों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही, क्योंकि अनियंत्रित भीड़ ने उत्पात मचाया. परिसर में बाहरी लोगों का बेरोकटोक प्रवेश है. हिंसक भीड़ द्वारा महिला डॉक्टरों को ‘बलात्कार’ की धमकी दी गई. प्रशासन एक पूर्ण सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित करने और बाहरी लोगों से परिसर को साफ-सुथरा रखने में विफल रहा है. अस्पताल में प्रवेश और निकास अनियंत्रित और बेलगाम है. आशंका है कि अपराध स्थल के आस-पास के इलाकों में छेड़छाड़ की गई है। राज्यपाल ने प्रदेश सरकार से आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कानून और व्यवस्था बहाल करने और वहां के डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स, शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी है।

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