प्रिय बंधु बांग्ला के रिपोर्टर/एंकर के खिलाफ अत्रि शर्मा ने दर्ज कराया मामला दर्ज
मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ आपत्तिजनक और भ्रामक वीडियो जारी करने का आरोप
अशोक झा, सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी के अधिवक्ता अत्रि शर्मा ने “प्रिय बंधु बांग्ला मीडिया” के सुधा शील नामक एक रिपोर्टर/एंकर के खिलाफ यह लिखित शिकायत दर्ज कराया है। सिलीगुड़ी थाना में दर्ज मामला में आरोपी के खिलाफ केस संख्या 838/24 दिनांक 13/09/2024 267/352/353 (1) (बी) (सी) (2) बीआइएनएस के तहत दर्ज कराया है। अधिवक्ता अत्रि शर्मा ने कहा की आर.जी. कर के मामले से संबंधित भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ एक आपत्तिजनक वीडियो अपलोड और प्रसारित किया। जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है कि रिपोर्टर/एंकर ने एक रिपोर्ट तैयार की और संचार योग्य उपकरणों के माध्यम से सामग्री प्रसारित की जो कि बहुत ही आक्रामक, अपमानजनक और चरित्र में धमकी देने वाली है। जिस तरह से रिपोर्टर ने भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश को संबोधित किया वह बहुत अपमानजनक है, और रिपोर्टर द्वारा प्रसारित उक्त समाचार/रिपोर्ट की पूरी सामग्री झूठी है। झुंझलाहट, असुविधा, अपमान, चोट और आपराधिक धमकी। जबकि रिपोर्टर/एंकर ने जानबूझकर मूल तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर गलत जानकारी पेश करके समाज के प्रति दुश्मनी और नफरत पैदा करने के लिए झूठी रिपोर्ट बनाई। इतना ही नहीं, मीडिया ने दुर्भावनापूर्ण इरादे से माननीय मुख्य न्यायाधीश की शक्ति को चुनौती देने वाली खबर/रिपोर्ट प्रसारित की और काल्पनिक तरीके से जनता को माननीय मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ ही आंदोलन करने की धमकी भी दी। उक्त प्रसारित/रिपोर्ट में रिपोर्टर/एंकर ने आरोप लगाया कि भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश देश की जनता को न्याय दिलाने की प्रक्रिया में देरी करके अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन नहीं कर रहे हैं। रिपोर्टर ने यह भी आरोप लगाया कि माननीय मुख्य न्यायाधीश अपने गुप्त एजेंडे के अनुसार काम कर रहे हैं और सीजेआई जानबूझकर मामलों की गंभीरता और देश के कानून पर विचार किए बिना अपनी मर्जी के अनुसार कुछ मामलों/कानूनी मुद्दों को लटका रहे हैं। रिपोर्टर ने यह भी आरोप लगाया कि सीजेआई कुछ चुनिंदा मुद्दों में पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रहे हैं। वीडियो में एंकर ने जानबूझकर देश के मुख्य न्यायाधीश और राष्ट्र की संपूर्ण न्यायिक प्रणाली का अपमान किया है, जिससे जनता में व्यापक स्तर पर आक्रोश फैलेगा, जिससे सार्वजनिक शांति और सौहार्द भंग होगा तथा देश के लोगों के मन में घृणा, दुश्मनी और संदेह की भावना पैदा होगी।रिपोर्टर/एंकर ने रिपोर्ट में कहा था कि भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश हमारे न्यायिक इतिहास में अब तक के सबसे कलंकित सी.जे.आई. हैं और माननीय मुख्य न्यायाधीश को तुरंत उनके पद से हटा दिया जाना चाहिए। रिपोर्टर ने यह भी कहा कि आर.जी.कर के मामले की सुनवाई माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध नहीं की जाएगी और आर.जी.कर को तब तक न्याय नहीं मिलेगा जब तक कि माननीय मुख्य न्यायाधीश को कार्यवाहक सी.जे.आई. से महाभियोग नहीं लगाया जाता। यह पूरी रिपोर्ट/खबर फर्जी है, जिसे जानबूझकर भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश को बदनाम करने और सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा पर हमला करने के लिए सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया था, जिसका उद्देश्य अविश्वास भड़काना और सार्वजनिक शांति भंग करना था।रिपोर्टर द्वारा इस तरह से सामग्री प्रकाशित की गई है जिससे भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश के संबंध में आक्षेप उत्पन्न होता है, जिससे नुकसान, घृणा उत्पन्न होती है तथा समाज का सौहार्द बिगड़ता है। इसलिए एक अधिवक्ता होने के कारण यह कदम उठाया है।