फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल करने के आरोपी निलंबित ​शिक्षक ही बर्खास्तगगी -बीएसए

फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल करने के आरोपी निलंबित ​शिक्षक ही बर्खास्तगगी -बीएसए

उप्र बस्ती जिले के परिषदीय विद्यालय में फर्जीवाड़ा कर नौकरी हथियाने के आरोप में एक शिक्षक पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। मामला हर्रैया ब्लॉक क्षेत्र के प्राइमरी विद्यालय मुकुंदपुर का है। यहां कार्यरत प्रधानाध्यापक रामजी सिंह को फर्जी व कूटरचित अभिलेखों के आधार पर नियुक्ति प्राप्त करने की शिकायत के बाद निलंबित किया जा चुका है। सोनभद्र जिले के निवास प्रमाण-पत्र की जांच कराने पर पता चला कि यह प्रमाण-पत्र जिस व्यक्ति का है, वह इंटर ही पास है। बीएसए अनूप कुमार तिवारी ने बताया कि आरोपी प्रधानाध्यापक रामजी सिंह को अंतिम अवसर देते हुए सात दिनों के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। पक्ष नहीं रखने पर सेवा समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।बीएसए कार्यालय के अनुसार 2010 में बस्ती जनपद में शिक्षक के तौर पर रामजी सिंह की नियुक्ति हुई थी। फर्जीवाड़ा कर नियुक्ति हासिल करने की शिकायत के बाद बीएसए ने 10 जून 2024 को आरोपी शिक्षक रामजी सिंह को निलंबित करते हुए प्रकरण की जांच बीईओ कप्तानगंज को सौंपी दी थी। बीएसए ने निलंबन अवधि में बीआरसी पर उपस्थिति दर्ज कराने का आदेश दिया था। लेकिन प्रधानाध्यापक न तो अपने मूल विद्यालय और न ही बीआरसी पर उपस्थित हुए। जांच अधिकारी ने आरोपी प्रधानाध्यापक के खिलाफ आरोप तय करते हुए रिपोर्ट भेज दिया है।

बीएसए कार्यालय के अनुसार नियुक्ति में लगाए निवास प्रमाण-पत्र में पता लोहरा परगना अहरौरा तहसील राबर्ट्सगंज जिला सोनभद्र अंकित है। इसे सत्यापन के लिए एसपी सोनभद्र को भेजा गया। एसपी स्तर से जांच कराकर बीएसए बस्ती को रिपोर्ट भेजी गई है। इसमें बताया गया है कि अभिलेख में लगाए गए निवास प्रमाण-पत्र के अनुसार रामजी सिंह से पूछताछ किया गया तो उसने बताया कि वह केवल इंटरमीडियट तक ही पढ़ा है। पूना महाराष्ट्र में स्थित एक प्राइवेट कम्पनी पूना में बेल्डर का कार्य करता है। उसके गांव में उसके अलावा कोई भी रामजी नहीं है। इससे यह साफ हो गया कि दर्ज पते पर निवासरत व्यक्ति बस्ती में कार्यरत अध्यापक नहीं है। ऐसे में शैक्षिक अंकपत्रों, प्रमाण-पत्रों का फर्जी व कूटरचित तरीके से दुरुपयोग करते हुए जनपद में नियुक्ति प्राप्त करने के आरोप जांच में सही पाए गए हैं। विभागीय स्तर से आरोपी प्रधानाध्यापक रामजी सिंह को अपना पक्ष रखने का अंतिम मौका दिया गया है।

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