कार्रवाई के अभाव के कारण प्रदेश में दुष्कर्म के मामलों की वृद्धि: राज्यपाल सीवी आनंद बोस
अशोक झा, सिलीगुड़ी: बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने एक बार फिर टीएमसी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि समय पर कार्रवाई के अभाव के कारण प्रदेश में दुष्कर्म के मामलों की वृद्धि हुई है। राज्यपाल की यह टिप्पणी दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर इलाके में 10 वर्षीय लड़की के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले में हंगामे के बीच आई है। दूसरी तरफ, इस मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद और अभिनेता देब ने भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म और हत्या के अपराधियों को देखते ही गोली मार दी जानी चाहिए।कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। ऐसे में शुक्रवार को दक्षिण 24 परगना जिले के कुलतली में 10 वर्षीय लड़की के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या ने हलचल मचा दी है। इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने शनिवार को एक पुलिस चौकी में आग लगाने के साथ ही वाहनों में तोड़फोड़ की थी।
टीएमसी सरकार में हिंसा का कोई इलाज नहीं: राज्यपाल
इस मामले को लेकर राज्यपाल बोस ने कहा कि बंगाल में मौजूदा सरकार के तहत हिंसा का कोई इलाज नहीं दिख रहा है। यह अजीब है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से अपराधियों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई से जघन्य अपराधों के खिलाफ मदद मिलेगी।बोस ने कहा, ‘अन्यथा, यह राज्य में दुष्कर्म और हिंसा को बढ़ावा देने जैसा होगा। इससे किसी को भी श्रेय नहीं मिलेगा। अब समय आ गया है कि राज्य सरकार इस शाश्वत सत्य को समझे कि रोकथाम इलाज से बेहतर है।’
दोषी साबित होने पर अपराधियों को देखते ही गोली मार देनी चाहिए: टीएमसी सांसद
इस मामले को लेकर घाटल से टीएमसी सांसद और अभिनेता देब ने कहा, ‘अगर अपराधियों की पहचान हो जाती है और वे दोषी साबित हो जाते हैं, तो करदाताओं का पैसा उन पर बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए…उन्हें देखते ही गोली मार दी जानी चाहिए।’ देश के कानून को मजबूत बताते हुए देब ने कहा, ‘इसके बावजूद हम अपनी मां-बेटियों को नहीं बचा पा रहे हैं।’अभिनेता से नेता बने देब ने जोर देकर कहा कि ऐसे अपराधों में दोषी पाए जाने वालों के लिए सजा इतनी कठोर होनी चाहिए कि कोई भी भविष्य में ऐसे कृत्य करने के बारे में सोच भी न सके। उन्होंने कहा, “अगर अपराधियों में डर नहीं होगा तो ऐसे अपराध नहीं रोके जा सकते।’