रविवार को एक मंच पर होंगे अश्विनी उपाध्याय के साथ लक्ष्मी नारायण भाला उर्फ लख्खी दा

अशोक झा, सिलीगुड़ी: “एक देश एक विधान” के जटिल विषय पर 27 अक्टूबर को सिलीगुड़ी अग्रसेन भवन में आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्त वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय के साथ अब इस मंच को बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ प्रचारक सह संविधान पर पुस्तक लिखने वाले लक्ष्मी नारायण भाला उर्फ लख्खी दा मौजूद रहेंगे। यह कार्यक्रम सर्व हिंदी विकास मंच एवं भारत विकास परिषद, सिलीगुड़ी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित है। कार्यक्रम के संयोजक सीताराम डालमिया ने बताया कि 27 अक्टूबर 2024 को अग्रसेन भवन, अग्रसेन रोड, सिलीगुड़ी में सुबह 11 बजे से यह कार्यक्रम रखा गया है। इसके आयोजन में सर्व हिंदी विकास मंच के अध्यक्ष करण सिंह जैन, सचिव कल्याण साहा, भारत विकास परिषद के अध्यक्ष कैलाश कंदोई ,सचिव मीना देवी अग्रवाल है। कार्यक्रम के संयोजक सीताराम डालमिया और सुशील रामपुरिया का कहना है कि आर्टिकल 14 के अनुसार हम सब समान हैं। आर्टिकल 15 जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र, जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव को निषेध करता है। आर्टिकल 19 सभी नागरिकों को पूरे देश में कहीं पर भी जाने, रहने, बसने और रोजगार शुरू करने का अधिकार देता है। संविधान को यथारूप पढ़ने से स्पष्ट है कि समता, समानता, समरसता, समान अवसर और समान अधिकार भारतीय संविधान की आत्मा हैं। कुछ लोग आर्टिकल 25 में प्रदत्त धार्मिक आजादी की दुहाई देकर ‘समान नागरिक संहिता या भारतीय नागरिक संहिता’ का विरोध करते हैं। लेकिन वास्तव में ऐसे लोग समाज को गुमराह कर रहे हैं। आर्टिकल 25 की तो शुरुआत ही होती है- ‘सब्जेक्ट टू पब्लिक ऑर्डर, हेल्थ एंड मोरैलिटी’ अर्थात रीति और प्रथा का पालन करने का अधिकार है, लेकिन किसी भी प्रकार की ‘कुप्रथा, कुरीति, पाखंड और भेदभाव’ को आर्टिकल 25 का संरक्षण प्राप्त नहीं है।
आखिर क्यों? इन्हीं प्रश्नों का जवाब इस परिचर्चा के माध्यम से लोग जान पाएंगे।

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