अक्षय नवमी पर आवले के पेड़ का हुआ विधि विधान से पूजन अर्चन

अमृत फल आवला भगवान विष्णु का प्रतीक स्वरूप है -डॉ जयप्रकाश मिश्र

 

वाराणसी । कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि जिसे हम अक्षय नवमी के नाम से भी जानते हैं पर रविवार को असि स्थित गोयनका संस्कृत विद्यालय परिसर में अपने हाथों से लगाए गए आवले का पौधा जो इस समय पेड़ का रूप धारण कर लिया है का विधि विधान से जागृति फाउंडेशन के सदस्यों द्वारा पूजन अर्चन किया गया। समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि लोक भूषण सम्मान से सम्मानित डॉक्टर जयप्रकाश मिश्रा, विशिष्ट अतिथि समाजसेवी अनुराग पांडे उर्फ छोटू एवं जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र वेद मंत्रो के बीच विधि विधान से आवले के पेड़ का पूजन अर्चन किया। सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी अभिषेक तिवारी ने पूजन संपन्न कराया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर जयप्रकाश मिश्रा ने कहा कि आवला को देव वृक्ष माना गया है । यह अमृत फल भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। कहा जाता है कि आज इस वृक्ष का पूजन अर्चन करने से सभी सुखों की प्राप्ति होती है । वही समाज सेवी अनुराग पांडे उर्फ छोटू ने कहा कि आज अक्षय नवमी के दिन आवले के पेड़ का पूजन करने का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ। कहा जाता है कि आज के दिन कोई भी काम करने से वह अक्षय हो जाता है तो आज अ वृक्ष का पूजन करके हम लोगों ने देश की देश के विकास और तरीके की कामना की है । कार्यक्रम के संयोजक एवं जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने कहा कि 2001 में इस आवले के पौधे का रोपण किया गया और आज 23 साल बाद पूरी तरह से पेड़ का स्वरूप धारण कर लिया है और दो-तीन साल से तो यह फल भी दे रहा है। 2001 में इसे पुत्र के रूप में रोपित किया गया और आज ये बड़ा हो गया है ये देखकर बहुत ही खुशी मिलता है कि कम से कम एक ऐसा पेड़ लगाया गया जो आज पूरी तरह से पेड़ का स्वरूप धारण कर लिया है। इस अवसर पर नवीन सेवा समिति के नवीन बाजपेई, अभिषेक तिवारी

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