देव दीपावली कल, दीपों से जगमग होगा महानंदा के घाट
– भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का अंत किया था और देवताओं को उसके आतंक से बचाया था
– भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा का भी विधान
अशोक झा, सिलीगुड़ी: इस वर्ष देव दीपावली 15 नवंबर शुक्रवार को है। देव दीपावली का पर्व कार्तिक पूर्णिमा को है, इसे देव दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन काशी और प्रयागराज में गंगा नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। सिलीगुड़ी और उसके आसपास तो कोई गंगा नदी नहीं है इसलिए महानंदा समेत अन्य नदियों को दीप जलाकर सजाया जाएगा। हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का अंत किया था और देवताओं को उसके आतंक से बचाया था। इतना ही नहीं सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाले गंगा स्नान को बेहद शुभ माना जाता है। कार्तिक मास की पूर्णिमा पर होने वाले इस स्नान को करने के लिए लाखों श्रद्धालु गंगा जी के तट पर पहुंचते हैं, जिससे मेले जैसा माहौल बन जाता है।मान्यता है कि इस पावन दिन पर जो जातक गंगा स्नान करते हैं, उन्हें पापों से मुक्ति मिल जाती है और जीवन के उपरांत वे मोक्ष को प्राप्त करते हैं. इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा का भी विधान है। आइए जानते हैं कि इस साल गंगा स्नान की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि क्या है।
गंगा स्नान की तिथि: इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान की तिथि 15 नवंबर 2024 को सुबह 6.19 बजे से शुरू हो रही है. इस तिथि का समापन 16 नवंबर को तड़के 2.58 मिनट पर हो जाएगा। चूंकि उदयातिथि 15 नवंबर को पड़ रही है, इस लिहाज से गंगा स्नान 15 नवंबर को ही माना जाएगा।देव दीपावली पर कितनी संख्या में दीपक जलाना चाहिए? भगवान शिव के दिन कितने मुख वाला दीप जलाना शुभ फलदायी होता है? आइए जानते हैं देव दीपावली पर दीपदान के नियमों के बारे में.
देव दीपावली पर कितने दीए जलाते हैं? पंडित अभय झा के अनुसार शुभ मौकों पर विषम संख्या में दीप जलाना शुभ माना जाता है. देव दीपावली पर आप शुभ मुहूर्त में 5, 7, 9, 11, 51, 101 की संख्या में दीप जा सकते हैं. यदि आप इससे भी अधिक दीपक जलाना चाहते हैं तो आपको विषम संख्या का ध्यान रखना चाहिए. देव दिवाली पर कब जलाएं दीपक? नोट कर लें शुभ मुहूर्त, लगेगी स्वर्ग की भद्रा: देव दीपावली पर जलाएं 8 या 12 मुखवाला दीपक: देव दीपावली के अवसर पर भगवान शिव की पूजा करते हैं. भगवान भोलेनाथ के लिए 8 या 12 मुख वाला दीपक जलाना शुभ होता है. ऐसे में आप देव दीपावली पर शाम को 8 या 12 मुखी एक दीपक भगवान शिव के लिए जलाएं. इससे भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होंगे और आपके दुखों को दूर करेंगे. आपके संकट मिटेंगे और जीवन में सुख-समृद्धि आएगी।
देव दीपावली पर दीपदान के नियम: दीपदान के लिए आपको मिट्टी के दीपक का उपयोग करना चाहिए. दीप जलाने से पहले उसे पानी में भीगों दें. जब वो सूख जाए तो दीप जलाएं। देव दीपावली पर आपको घी का दीपक जलाना चाहिए। देवताओं के लिए गाय के घी का दीपक जलाने की मान्यता है।इससे घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है. हालांकि यदि घी की उलब्धता नहीं है तो आप तिल या सरसों के तेल का भी दीपक जला सकते हैं। भगवान शिव के लिए घी वाला 8 या 12 मुखी दीपक जलाएं. घी वाले दीपक में रूई की बाती का उपयोग करें. बाकी अन्य तेल से दीप जला सकते हैं।दीपदान आप किसी भी पवित्र नदी, मंदिर, पूजा स्थान पर कर सकते हैं। यदि भगवान शिव आपके इष्ट देव हैं तो आप उनके लिए घी वाला 1 मुखी दीपक भी जला सकते हैं. इष्ट देव के लिए 1 मुखी दीपक जलाने का विधान है. 8 या 12 मुखी दीपक है तो यह और भी अच्छी बात है।यदि आप देव दीपावली का दीपक घर के पूजा स्थान पर जलाना है तो आप उसे ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व कोने, पूर्व, पश्चिम और उत्तर दिशा में जलाएं. पूर्व दिशा में दीप जलाने से आयु वृद्धि, उत्तर में जलाने से धन प्राप्ति और पश्चिम में जलाने से संकटों से मुक्ति मिलती है। देव दीपावली पर दीप जलाने से पूर्व आपको स्नान करके साफ कपड़े पहनने चाहिए. फिर भगवान शिव की पूजा करने के बाद दीपदान करना चाहिए।
दीप जलाने का मंत्र: शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोस्तुते।।
दीपो ज्योति परंब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोस्तुते।। कार्तिक पूर्णिमा 2024 स्नान-दान शुभ मुहूर्त : वैदिक पंचांग के मुताबिक, इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और उसके बाद दान देने का शुभ समय करीब एक घंटे का रहेगा. यह शुभ सुबह 4 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर सुबह 5 बजकर 51 मिनट तक चलेगा। जबकि भगवान सत्यनारायण की पूजा का समय सुबह 6.44 बजे से 10.45 बजे तक रहेगा. चंद्रोदय शाम 4.51 बजे होगा।
देव दीपावली पूजा शुभ मुहूर्त: कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देव दीपावली भी मनाई जाती है. इस बार देव दीपावली की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:10 बजे से लेकर रात 7:47 बजे तक रहेगा। वहीं मां लक्ष्मी के पूजन का शुभ मुहूर्त 15 नवंबर को रात 11:39 बजे बजे से 16 नवंबर को सुबह 12:33 बजे तक होगा।आप इस अवधि के दौरान कभी भी दोनों ईश की पूजा कर सकते हैं। अगर स्नान के लिए गंगाजी न जा पाएं तो?: अगर किसी मजबूरी की वजह से आप कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए न जा पाएं तो आप इस दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में उठें और नित्य क्रिया के बाद घर में ही स्नान करें। बाल्टी में पानी भरने के बाद आप उसमें थोड़ा सा गंगाजल मिला लें।इसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को याद करते हुए धीरे-धीरे स्नान करें।स्नान के पश्चात दोनों देवों की पूजा करें और फिर उन्हें भोग लगाएं। भोग के पश्चात दिन में किसी न किसी जरूरतमंद को दान जरूर दें।