घायल बांग्लादेशी वकील रवींद्र घोष से अर्जुन सिंह और कार्तिक महाराज ने की मुलाकात

कहा, बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए रवींद्र घोष के साहस को हम सराहते है

 

अशोक झा, सिलीगुड़ी: भाजपा के वरिष्ठ नेता अर्जुन सिंह ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में जेल में बंद हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास का बचाव कर रहे बांग्लादेशी वकील रवींद्र घोष से मुलाकात की। सिंह ने मुलाकात के दौरान बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए घोष के संघर्ष को सराहा। सिंह और घोष की ये मुलाकात बैरकपुर इलाके में हुई, जहां वकील घोष फिलहाल चिकित्सा कारणों से अपने बेटे के घर रह रहे हैं। इस मुलाकात के दौरान हिंदू भिक्षु कार्तिक महाराज भी उपस्थित थे। बता दें कि बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच के अध्यक्ष और वकील रवींद्र घोष बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की परेशानियों को लेकर हमेशा से ही मुखर रहे हैं। इतना ही नहीं उनके द्वारा चिन्मय कृष्ण दास का बचाव किए जाने के कारण उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिल चुकी हैं। मुलाकात के बाद बोले भाजपा नेता:
भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने वकील रविंद्र घोष से मुलाकात के बाद कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए रवींद्र घोष के साहस को हम सराहते हैं। जान को खतरा होने के बावजूद उनका संघर्ष प्रेरणादायक है। इसके साथ ही कार्तिक महाराज ने भी घोष की सराहना करते हुए कहा कि उत्पीड़ित समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ा होना बहुत जरूरी है।
घोष ने व्यक्त किया आभार: वकील रविंद्र घोष ने इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति बहुत खराब है और मैं अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगा। इसके साथ ही घोष ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की बिगड़ती स्थिति पर भी चिंता जताई और कहा कि वर्तमान सरकार की चुप्पी चिंताजनक है। यह न्याय का मजाक है।
चिन्मय कृष्ण की गिरफ्तारी: गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में चिन्मय कृष्ण दास को ढाका एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था। जमानत से इनकार होने पर उन्हें 2 जनवरी तक जेल भेज दिया गया है। जहां घोष ने आरोप लगाया है कि दास पर बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को एकजुट करने के कारण झूठे आरोप लगाए गए हैं। इसके साथ ही घोष और उनके एनजीओ ने हाल के महीनों में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा, भूमि हड़पने और जबरन धर्मांतरण के कई मामले दर्ज किए हैं। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इन अत्याचारों पर ध्यान देने की अपील की। भाजपा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की आलोचना करती रही है और उस पर अल्पसंख्यकों की रक्षा में नाकाम रहने का आरोप लगाती रही है।

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