लव जिहाद के खिलाफ दुर्गा वाहिनी का प्रदर्शन, एसडीओ से रोकथाम की मांग

उत्तरबंग प्रांत प्रशिक्षण वर्ग में 76 मातृ शक्ति ले रही प्रशिक्षण

– कहा बनाना है नारी शक्ति गुण, साहस, शौर्य और पराक्रम का प्रतीक

अशोक झा, सिलीगुड़ी: बंगाल बिहार सीमावर्ती क्षेत्रों में इन दिनों एक सुनियोजित साजिश के तहत हिन्दू युवतियों और नाबालिग को लव के नाम पर धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है। ऐसी ही घटना न्यू जलपाईगुड़ी के हथियाडांगा में सामने आया है। नाबालिग को मुस्लिम युवक प्रेम के चक्कर में भगा ले गया। नाबालिग को उद्धार किए जाने के अब पुलिस परिवार के साथ पूरा सहयोग नहीं कर रही है। इसी के खिलाफ आज उत्तर बंग दुर्गा वाहिनी की ओर से प्रदर्शन करते हुए एसडीओ सिलीगुड़ी को मांगपत्र सौंपा जाएगा। विश्व हिंदू परिषद के विभाग प्रमुख राकेश अग्रवाल तथा प्रवक्ता सुशील रामपुरिया ने बताया कि उत्तरबंग प्रांत प्रशिक्षण वर्ग में दुर्गा वाहिनी की 76 मातृ शक्तियों सिलीगुड़ी में भाग ले रही है। मातृ शक्ति नारी शक्ति गुण, साहस, शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है। हमें माता अहिल्याबाई होल्कर, दुर्गावती और रानी पद्मावती के आदर्शों को आत्मसात करते हुए सेवा, सुरक्षा एवं संस्कार को ध्यान में रखना है। भारतीय कानून भी अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की आजादी हमें प्रदान करता है। नारी अबला नहीं सबला है।लव जिहाद जैसे विषयों पर समाज को जागरूक करने, अपनी आवाज उठाने के साथ-साथ परिवार और समाज को सशक्त बनाने का कार्य मातृशक्ति को करना है। विश्व हिंदू परिषद के राकेश अग्रवाल और सुशील रामपुरिया ने कहा कि आज पूरी दुनिया में नारी की शक्ति से इनकार नहीं किया जा सकता। आध्यात्मिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां नारी शक्ति अग्रणी स्थान में ना हो।वह धार्मिक गुट के मूलतत्त्व वादी गुटों से प्रेरित है । गैरमुस्लिम महिलाओं को फंसा कर विवाह द्वारा इस्लाम में धर्मांतरित किया जा रहा है । लव जिहाद का आरोप लगाने वाले कहते हैं कि मुस्लिम युवक अपनी पहचान छिपाकर दूसरे धर्मों की लड़कियों को भावनात्‍मक रूप से धर्म परिवर्तन करने को मजबूर करते हैं। इसमें टेरर एंगल भी देखा जा रहा है। लगभग एक दशक पहले लव जिहाद का नाम सुना गया है। कई राज्यों में अंतर्धार्मिक शादियों के द्वारा तथाकथित “जबरन धर्म परिवर्तन” को रोकने के लिए कानून भी लाए गए हैं। लेकिन बंगाल में तुष्टिकरण के कारण “लव जिहाद” के विचार की जड़ इस कल्पना से परे है। मुस्लिम मर्द, हिंदू लड़कियों को केवल धर्मांतरण के लिए फुसलाते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इसके पीछे कट्टर संगठनों द्वारा फैलाया जा रहा है जिनके सदस्य खुद को ” लव जिहाद योद्धा” समझते हैं। यह लोग मुस्लिम मर्दों के द्वारा हिंदू लड़कियों को अपने परिवार के खिलाफ कर देने के लिए “जादू-टोने” का इस्तेमाल, या मुसलमान “कामुक दरिंदे” हैं जो हिंदू महिलाओं का शिकार करते हैं, या फिर कैसे भारत 2060 तक एक “इस्लामिक राष्ट्र” बन जाएगा, का प्रचार करते है। अग्रवाल और
रामपुरिया ने बताया कि
हिन्दू लडकियों का धर्म परिवर्तन कर ISIS में शामिल होने की कहानी है, फिल्म ‘द केरला स्टोरी’। जिसे आप सबों ने देखा भी होगा।
हिंदू लडकियों को लुभाने, फंसाने, धर्मांतरित करने और उनका शोषण करने के इस गुप्त जिहाद के विषय में हिन्दू जनजागृति समिति एक दशक से अधिक समय से जागृति कर रही है। लव जिहाद पर आधारित समिति की पुस्तक अनेक घरों में पहुंची है और कई लडकियों को लव जिहाद का शिकार होने से बचाया है । संत, न्यायालय तथा सामान्य जनता ने समान रूप से लव जिहाद के खतरे की निंदा की है। फिर भी प्रत्येक दिन हम लडकियों को इसका शिकार होते देखने को मजबूर हैं। तो अब इसे समाप्त करने का समय आ गया है ! और यह तभी होगा जब हम लव जिहादियों की पद्धतियों को पहचानना सीखेंगे, सतर्क रहेंगे और उसका सामना करेंगे।

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