गोण्डा में करनैलगंज से छह बार विधायक रहे अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भइया का निधन 

 

23 वर्ष की उम्र में 1989 में निर्दलीय विधायक बने थे 1991 मे थामा था भाजपा का दामन

 

यूपी के गोण्डा जिले में करनैलगंज विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक रहे कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया का बृहस्पतिवार शाम को निधन हो गया। उन्होंने मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना क्षेत्र में आते ही हर कोई अवाक रह गया।

करनैलगंज विधानसभा से छह बार प्रतिनिधित्व करने वाले धनावा स्टेट के राजकुमार कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे थे। करीब एक वर्ष पूर्व उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, उसके बाद से उनका इलाज चल रहा था। काफी दिनों तक वे स्वस्थ होकर अपने बरगदी आवास पर रहे। पिछले एक माह से वे अपने लखनऊ आवास पर रह रहे थे। दो दिन पहले उन्हें अस्वस्थ होने पर लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनका इलाज चल रहा था। बृहस्पतिवार शाम को 5:30 बजे उन्हें चिकित्सकों ने मृत घोषित किया। उनके निधन की सूचना जब करनैलगंज क्षेत्र में आई तो पूरे विधानसभा क्षेत्र में लोगों के बीच चर्चा फैल गई और हर कोई लल्ला भैया के निधन से दुखी दिखाई दे रहा था। क्योंकि लल्ला भैया हमेशा जिले की राजनीति में आगे रहते थे और करनैलगंज ब्लाक प्रमुख पद अधिकांश समय तक उनके परिवार में ही बना रहा। उन्हें अधिकांश राजनेता अपना गुरु मानते थे और यह कहा जाता था की लल्ला भैया वह शख्स है जो अपनी विधानसभा क्षेत्र में किसी को भी चुनाव जितवा सकते हैं। अपनी दबंगई और राजसी कार्यप्रणाली के लिए जाने जाते रहे। तमाम बड़े राजनेताओं के साथ उनके संबंध रहे। पिछले विधानसभा चुनाव में वे अस्वस्थ होने के साथ ही भाजपा से टिकट न मिलने पर चुनाव मैदान में नहीं आए। उन्होंने किसी भी दल या प्रत्याशी का समर्थन भी नहीं किया। बल्कि भाजपा, बसपा, कांग्रेस सहित सपा में भी मजबूत पकड़ रहती थी।

 

23 वर्ष की उम्र में 1989 में निर्दलीय विधायक बने थे 1991 मे थामा था भाजपा का दामन

कुंवर अजय प्रताप सिंह लल्ला भैया पहली बार 23 वर्ष की अवस्था में 1989 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विजई हुए थे। उसके बाद 1991 में इन्हें भारतीय जनता पार्टी ने टिकट दिया और यह पुनः चुनाव जीते। 1993 के उपचुनाव में भी भाजपा से यह विधायक बने। फिर 1996 में भारतीय जनता पार्टी से विधायक चुने गए। वर्ष 2002 में पार्टी का टिकट बहुत देर में मिलने के कारण चुनाव मैदान में आए, मगर योगेश प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी से चुनाव हार गए। 2007 के विधानसभा चुनाव में लल्ला भैया कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते, फिर 2008 के मध्यावधि चुनाव में लल्ला भैया ने खुद चुनाव मैदान में न आकर बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर अपनी बहन कुंवरि ब्रिज सिंह को चुनाव मैदान में उतारा और उन्हें विधायक बनाया। 2012 में योगेश प्रताप सिंह को सफलता मिली, मामूली मतों से चुनाव हार गए। 2017 के चुनाव में लल्ला भैया भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता था। फिर 2022 के चुनाव में पार्टी ने इन्हें टिकट नहीं दिया और यह चुनाव मैदान से बाहर रहे।

 

 

अन्तिम संस्कार कटरा शाहबाजपुर सरयूघाट पर शुक्रवार को

 

पूर्व विधायक कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया का अंतिम संस्कार शुक्रवार को ग्राम कटरा शाहबाजपुर सरयू घाट पर किया जाएगा। उनके निधन की सूचना मिलने के बाद से लगातार बरगदी स्थित उनके आवास पर लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया है।

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