यूपी में बिजली विभाग के 1332 संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त,22 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर
संविदा कर्मचारी उपस्थित न करा पाने पर 7 एजेंसियों पर केस, काम न करने वालों पर तत्काल मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश
यूपी में बिजली विभाग के 1332 संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त,22 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर
-संविदा कर्मचारी उपस्थित न करा पाने पर 7 एजेंसियों पर केस, काम न करने वालों पर तत्काल मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश
लखनऊ। प्रदेशभर में बिजलीकर्मियों की हड़ताल से बिजली-पानी का संकट प्रदेश के तमाम शहरों में गहरा गया है। बिजली कर्मियों की हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार दोपहर को आपात बैठक बुलायी।वाराणसी के दो दिनी दौरे से लौटते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा व बिजली विभाग के अफसरों संग 40 मिनट तक बैठक की। बैठक में हड़ताल को लेकर प्रदेश के सभी जिलों में बिजली आपूर्ति की समीक्षा संग कई बिंदुओं पर चर्चा हुई। बैठक में बिजलीकर्मियों की हड़ताल से बंद फीडरों से लेकर उपभोक्ताओं की दिक्कतों को दूर करने पर चर्चा हुई। इस बैठक बिजलीकर्मियों की हड़ताल को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से शुक्रवार को दिए गए आदेश पर भी बात हुई। मुख्यमंत्री ने बिजलीकर्मियों की हड़ताल को लेकर ऊर्जामंत्री एके शर्मा ने कहा कि 1332 संविदा कर्मचारियों को किया गया बर्खास्त। 22 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर। संविदा कर्मचारियों को 4 घंटे का नोटिस। वापस नहीं हुए तो सभी संविदा कर्मचारी होंगे बर्खास्त। संविदा कर्मियों को उपस्थित न करा पाने वाली सात एजेंसियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराने के साथ भविष्य में उनको किसी भी विभाग में काम न सौंपने का निर्देश जारी हुआ। कुछ देर में ऊर्जा मंत्री भी मीडिया से मुखातिब होंगे।
गौरतलब बिजलीकर्मियों की हड़ताल के 40 घंटे से ज्यादा बीत गए हैं लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। प्रशासन का दावा फेल साबित हुआ है। मुख्यमंत्री के गृहजनपद गोरखपुर से लेकर यूपी के शो विंडो नोएडा तक में बिजली संकट से आपूर्ति बाधित हो रही है। बिजली विभाग के हड़ताली कर्मियों का कहना है कि सरकार हमारी जायज मांगों के प्रति गंभीर नहीं है और एस्मा के डर से कर्मचारियों को दबाना चाह रही है जो कदापि नहीं होगा । सांकेतिक हड़ताल के जरिए अभी हम लोग सरकार को आइना दिखाकर कर केवल यह साबित करना चाह रहे हैं कि सरकार भी यह जाने कि लोकतन्त्र में बिजली विभाग का भी योगदान है बिना बिजली विभाग के पूर्ण लोकतंत्र की कल्पना नहीं की जा सकती है । प्रशासनिक स्तर पर हड़ताल से निपटने हेतु मजिस्ट्रेटों व राजस्व विभाग तथा पंचायत विभाग के कर्मचारियों की वैकल्पिक ड्यूटी कागजों में लगायी गयी है हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किए गए हैं परन्तु हकीकत यह है कि हेल्प नम्बर नहीं उठ रहा है व हड़ताल से निपटने हेतु लगाए गए कर्मचारी आंकड़ों में केवल दिखाने मात्र के लिए हैं धरातल में उनका कोई लाभ नहीं दिख रहा है।