बिहार में पूर्व IPS सुपर कॉप और सिंघम शिवदीप लांडे ने शुरू की “रन फॉर सेल्फ’ के नाम पर राजनीतिक सफर
ज्यादा से ज्यादा लोगों को जुड़ने का किया आह्वान, कहा इस काम के लिए मां से मिला प्रेरणा

अशोक झा, पटना : बिहार में पूर्व IPS सुपर कॉप और सिंघम जैसे नाम से पहचान बनाने वाले शिवदीप लांडे ने शुक्रवार को अपनी नई पारी का ऐलान किया।’रन फॉर सेल्फ’ के बैनर तले वे बिहार में काम करेंगे। शिवदीप लांडे जनसुराज के प्रशांत किशोर की राह पर चल पड़े हैं। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ बिहार की बेहतरी के लिए काम करेंगे। उनका मकसद बिहार की दिशा और दशा को बदलना है। बिहार के चर्चित पूर्व IPS अधिकारी शिवदीप वामनराव लांडे पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उनके साथ उनकी पत्नी ममता भी मौजूद हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कनेक्ट विद शिवदीप ऐप लॉन्च किया। पूर्व IPS के मुताबिक, ये ऐप आज से प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगी। शिवदीप लांड ने कहा, ‘मेरे पास बहुत ऑप्शन थे। CBI में जा सकता था, लेकिन मेरा मन बेचैन था। मेरा जन्म महाराष्ट्र में हुआ, लेकिन आइडेंटिटी बिहार ने दी। मेरी कर्म भूमि बिहार रही है।प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा, ‘जब मैंने अपनी मां से पूछा कि मैं बिहार के युवाओं के लिए कुछ करना चाहता हूं। मां ने मेरा समर्थन किया। पत्नी ने भी मेरा समर्थन किया। दोनों की सहमति के बाद मैंने रिजाइन किया।’ पूर्व IPS ने कहा कि मुझे रोज हजारों मैसेज आते हैं। लोग कहते हैं सर, मुझे आपसे मिलना है। आप से अपना दुख दर्द बताना है। इसके बाद मुझे लगा मुझे उनके बीच जाना है। मैं युवाओं से मिलूंगा। मैंने खाकी छोड़ी है। लेकिन मेरे अंदर भी खाकी बसा हुआ है, मेरे ऊपर यूनिफॉर्म नहीं है।अपनी पत्नी के साथ लांडे ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेस की। ‘रन फॉर सेल्फ’ के बैनर तले उन्होंने अपनी नई पारी की घोषणा की।.उन्होंने कहा कि बिहार के युवा देश के हर क्षेत्र में आगे बढकर काम कर रहे हैं। बिहार के युवा उनसे उम्मीद रखते हैं, इसलिए वे बिहार के युवाओं से मिलने के लिए उनके बीच जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हम पहले फिट होंगे तभी सबको फिट रख सकते हैं। फिजिकल, मेंटल दोनों तरह से फिट रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब पटना से उनका तबादला हुआ था उस समय पटना के युवा उनके लिए रोये थे. इसलिए अब उनके आंसू का कर्ज चुकायेंगे. उन्होंने कहा कि जिस माटी ने मुझे पहचान दी उसके साथ मैं गद्दारी नहीं कर सकता। इसलिए युवाओं के साथ मिलकर बिहार के लिए काम करना है। पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे ने कहा कि मेरे पास बहुत सारा ऑप्शन था। सीबीआई में भी जा सकता था लेकिन मेरा मन बेचैन था। मेरा जन्म महाराष्ट्र में हुआ है लेकिन मुझे पहचान बिहार ने दी। मेरी कर्म भूमि बिहार रही। जब मैंने अपनी मां से पूछा कि मैं बिहार को युवाओं के लिए कुछ करना चाहता हूं। तब मां ने भी इसका समर्थन किया। वही पत्नी ने मुझे समर्थन दिया। मां और पत्नी का जब साथ मिला तब मैंने रिजाइन किया। मुझे बिहार के युवाओं के बीच में जाना है। मुझे रोज हजारों मैसेज आते है। लोग कहते है सर मुझे आपसे मिलना है। आपसे अपना दुख दर्द बताना है। इसके बाद मुझे लगा कि मुझे उनके बीच जाना चाहिए। मैं युवाओं से मिलूंगा। मेरे कर्मभूमि की शुरुआत मुंगेर से हुई थी। इसलिए 4 मार्च को वही से आगे की शुरुआत करूंगा। मैं उसी दिन से मुंगेर से तमाम युवाओं से मिलना शुरू करूंगा। मैंने अपने नौकरी में हमेशा इंसानियत को देखा। धर्म जाति यह कभी मेरे लिए मैटर नहीं किया।मैं जब नौकरी में था तो सीधा लोगों की कंप्लेंट सुनता था। मैं किसी मिडिएटर के जरिए कंप्लेंट नहीं सुना करता था। कनेक्ट विद शिवदीप ऐप आज लॉन्च किया गया। यह ऐप आज से प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। मैंने खाकी छोड़ी है लेकिन मेरे अंदर भी खाकी बसा हुआ है। मेरे ऊपर यूनिफॉर्म नहीं है। लेकिन चमड़ी पूरी तरह खाकी बन चुकी है। मीडिया ने पूछा कि आपने खाकी छोड़ी है क्या आने वाले भविष्य में खादी पहनेंगे ? उन्होंने कहा कि अभी मैं युवाओं से मिलने के लिए निकला हूं। पहले घूम-घूम कर उनसे मिलूंगा उसके बाद ही कोई निर्णय लूंगा। हम किसी पार्टी की विचारधारा से प्रभावित नहीं है। हमारी अपनी विचारधारा है। मैंने वर्दी जरूर छोड़ दी है लेकिन अभी भी खाकी के रूप में ही काम करूंगा।