नगर पंचायत चेयरमैन पर 21 लाख धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज
नगर पंचायत चेयरमैन पर 21 लाख धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज
उप्र बस्ती जिले के रुधौली नगर पंचायत के चेयरमैन धीरसेन निषाद पर कार्यकाल खत्म होते ही मुसीबतों का दौर शुरू हो गया है। शनिवार को जिला न्यायालय एसीजेएम प्रथम के आदेश पर चेयरमैन पर धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। नगर पंचायत के आबेडकर नगर वार्ड के निवासी आकाश वर्मा की तहरीर के पर रुधौली नगर पंचायत अध्यक्ष पर फर्जी फर्म के सहारे 21 लाख रुपये गबन का पुलिस ने मुक़दमा दर्ज किया है। नगर पंचायत के अंबेडकर नगर वार्ड निवासी आकाश वर्मा ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी तहरीर में बताया कि वर्ष 2019 में नगर पंचायत के चेयरमैन धीरसेन निषाद ने अपने फर्म यंग कंस्ट्रक्शन के कागजात पर आकाश के फर्म सत्यम कंस्ट्रक्शन से फरवरी 2019 से अक्तूबर 2019 के बीच कुल 21,23,520 रुपये की इंटरलाकिंग सीमेंट ईंट खरीदी थी, जिसके भुगतान के तौर पर महज पचास हजार की धनराशि उन्हें प्राप्त हो पाई। बकाए की लंबी राशि को देखते हुए जब चेयरमैन से बकाया मांगा गया तो उस दौरान उन्होंने कोरोना लॉकडाउन का बहाना बनाकर बकाया देने में असमर्थता जताई। कोरोना कॉल से लेकर अब तक चेयरमैन व विक्रेता के बीच बकाया को लेकर कई बार बातचीत हुई, लेकिन चेयरमैन मामले को टालते रहे। आकाश ने बताया कि 13 अक्तूबर 2022 को शाम लगभग आठ बजे जब उनके चाचा राजकुमार उर्फ राजू चौधरी बकाया मांगने के लिए चेयरमैन के दरवाजे पर गए तो चेयरमैन व उनके दो सहयोगियों ने दरवाजग पर विवाद कर लिया गया। बकाया न देने की बात कहते हुए तथा गाली दी। बकाया मांगने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इसी बीच आकाश भी मौके पर पहुंच गए तो चेयरमैन ने उन्हें भी धमकी देते हुए अपने घर से भगा दिया। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय ने रुधौली प्रभारी निरीक्षक रामकृष्ण मिश्रा को मामले में चेयरमैन धीरसेननिषाद के विरुद्ध धोखाधड़ी व मारपीट की धारा में मुकदमा पंजीकृत करने के लिए निर्देशित किया जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।
चेयरमैन धीरे सेन निषाद ने कहा कि इस तरह के मामले का कोई मुझे कोई जानकारी नही है। मेरे द्वारा किसी तरह का कोई गबन नही किया गया है। कुछ राजनीतिक विरोधियों मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। साजिशों के संबंध में मैंने पहले ही रुधौली थाने पर तहरीर दी है, लेकिन उस पर प्रभारी निरीक्षक ने कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की।