यूपी में बिजली लोड बढ़ने के हिसाब से कंपनियां अपने सिस्टम नहीं कर रही अपग्रेड
लखनऊ। विद्युत नियामक आयोग में व्यापक बिजली दर बढोतरी की सुनवाई के पहले उपभोक्ता परिषद ने उठाया बडा सवाल कहा पहले बिजली कंपनियां अपने सिस्टम को करें सही तब बिजली दर बढाने की करें बात। सिस्टम और उपभोक्ताओ का भार आपस में है मिसमैच जिससे लो वोल्ट्ज सहित नहीं मिल पाती उच्च गुणवक्ता की बिजली ।
उपभोक्ता परिषद ने बिजली कंपनियो को लिया आडे हाथों कहा वर्ष 2023-24 के आकड़े बता रहे कहां प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का भार जहां 7 करोड 47 लाख किलो वाट के करीब वही 132 केवी सब स्टेशनों की क्षमता मात्र 5 करोड़ 21 लाख किलो वाट के करीब ऐसे में सिस्टम को अपग्रेड करने की जरूरत जिससे गर्मी में जब डायवर्सी फैक्टर वन बाई वन हो तो मिले सके अच्छी बिजली ।
प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के बिजली दरों में 18 से 23ः की व्यापक बढोतरी के खिलाफ जहां विद्युत नियामक आयोग द्वारा आम जनता की सुनवाई शुरू कर दी है और उसी क्रम में बनारस में पहली सुनवाई संपन्न हो चुकी है वहीं अब कल 21 अप्रैल को मध्यांचल व पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन की सुनवाई नियामक आयोग सभागार में 11.30 बजे शुरू होगी। जिसके लिए उपभोक्ता परिषद ने अपनी तैयारी को अंतिम रूप दे दिया है और कल उपभोक्ता परिषद सभी पहलुओं पर बात करेगा और सिद्ध कर देगा कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढोतरी की कोई भी जरूरत नहीं है जब बिजली दर बढोतरी की सुनवाई कल नियामक आयोग में होने जा रही है उसके पहले उपभोक्ता परिषद प्रदेश की बिजली कंपनियों से मांग करता है कि वह अपने ट्रांसमिशन क्षमता को ज्यादा से ज्यादा अपग्रेड करें फिर बिजली दर बढ़्तोतरी की बात करे सिस्टम उच्च गुणवक्ता की बिजली देने में सक्षम नहीं है ऐसे में बिजली डरो में बढ़ोतरी की बात करना प्रदेश की जनता के साथ धोखा है ।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष वा राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा वर्तमान में वर्ष 2023 -24 में लगभग 3 करोड़ 52 लाख 98 हजार 672 विद्युत उपभोक्ताओं के लिए जो बिजली दर बढोतरी प्रस्तावित की गई है यदि उनका श्रेणी वार कुल भार निकाला जाए तो प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का कुल संयोजित भार लगभग 7 करोड 47 लाख 59 हजार 332 है और वहीं दूसरी ओर पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन के 132 केवी सब स्टेशनों की कुल क्षमता देखी जाए तो मार्च 2022 तक लगभग 57906 एमबीए यदि इस को किलोवाट में देखा जाए तो यह लगभग 5 करोड़ 21 लाख 15 हजार 400 किलो वाट के करीब होगा यानी कि पीक आवर्स में जब प्रदेश का विद्युत उपभोक्ता गर्मी में अपना फुल लोड का प्रयोग करेगा तो पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन की क्षमता मिसमैच करने लग जाएंगे गर्मी में पीक आवर्स में डायवर्सिटी फैक्टर जब 1 अनुपात 1 होता है उस दौरान उपभोक्ता अपना अधिकतम भार का प्रयोग करता है वहीं दूसरी तरफ सिस्टम पर 17 से 20 प्रतिसत बिजली चोरी का भार भी एकाएक आ जाता है ऐसे में उपभोक्ताओं को जहां बडे पैमाने पर लो वोल्टेज का खामियाजा भुगतना पडता है वहीं दूसरी ओर पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन व बिजली कंपनियों का सिस्टम कांपने लगता है ऐसे में प्रदेश की बिजली कंपनियों को युद्ध स्तर पर अपने सिस्टम को अपग्रेड करना होगा जिससे प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को सुचारू विद्युत आपूर्ति गर्मी के मौसम में मिलती रहे। वर्ष 2023 -24 की बात कर ले तो प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा जो लिया गया कुल संयोजित भार प्रस्तावित किया गया है वह निम्नानुसार है यह कहना भी उचित होगा इस बार गर्मी में डिमांड 28 हजार मेगा वाट के ऊपर जा सकती है।
श्रेणी वर्ष 2023 -24 प्रस्तावित संख्या वर्ष 2023 -24 प्रस्तावित भार
घरेलू 31288830 46093285 किलो वाट
कामर्शियल 1982530 5565659 किलो वाट
किसान 1432410 8806046 किलो वाट
अन्य सभी श्रेणी 594912 14294342 किलो वाट
कुल श्रेणी 3 करोड़ 52 लाख 98672 7 करोड़ 47 लाख 59332 किलो वाट
यानी कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का विद्युत भार लगातार बढता जा रहा है ऐसे में उसी अनुपात में बिजली कंपनियों को अपने सिस्टम के भार को भी अपग्रेड करना होगा तभी प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को सुचार विद्युत आपूर्ति मिल पाएगी ।