हत्या के 25 वर्ष पुराने मामले में उम्रकैद

हत्या के 25 वर्ष पुराने मामले में उम्रकैद

उप्र बस्ती,जिले में विशेष सत्र न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट शिवचंद्र की अदालत ने परशुरामपुर थानाक्षेत्र के सेहरिया गांव में हुई हत्या के 25 साल पुराने मामले में एक आरोपित को आजीवन कारावास व 22 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। दूसरा आरोपित फरार होने के कारण उसकी पत्रावली अलग कर दी गई है। विशेष शासकीय अधिवक्ता हयात मोहम्मद ने न्यायालय में घटनाक्रम की जानकारी दी। घटना परसरामपुर थानाक्षेत्र के सेहरिया गांव की है। गांव निवासी पंकज सिंह और पिंकू सिंह उर्फ उग्रसेन सिंह 23 सितंबर 1998 को गोपीनाथपुर में दुर्गा पूजा देखने जा रहे थे। इसी गांव का अनुसूचित जाति का हजारीलाल भी अपने भाई मंकु के साथ जा रहा था। करीब नौ बजे रात में रास्ते में साइकिल खड़ी करने के विवाद में कहासुनी हो गई, बात इतनी बढ़ गई कि पंकज सिंह और पिंकू सिंह ने चाकुओं से हजारीलाल पर हमला कर दिया। घायल होकर हजारीलाल तड़पने लगा तो आरोपित भाग निकले। आसपास के लोग घायल को थाने लेकर जा रहे थे कि रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। तत्कालीन थानाध्यक्ष अंजनी उपाध्याय ने विवेचना शुरू की और दोनों आरोपितों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप-पत्र दाखिल किया। न्यायालय की कार्यवाई से पंकज सिंह फरार रहने लगा। तब उसकी पत्रावली अलग कर पिंकू सिंह के विरुद्ध अदालत में सुनवाई शुरू हुई। गवाहों के बयान अंकित किए गए, दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद अदालत ने माना कि पंकज सिंह और पिंकू सिंह दोनों ने एक राय होकर हत्या की नीयत से हमला किया था और अपने ही गांव के अनुसूचित परिवार के हजारीलाल की हत्या कर दी।

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