मैनपुरी जिले में बेटी के शव को स्ट्रेचर न मिलने से हाथ में लेकर जाने की घटना के जांच का आदेश

मैनपुरी जिले में

स्वास्थ्य विभाग की बड़ी संवेदनहीनता सामने आई है। बच्ची की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए पिता के गोद में थमा दिया। पिता बच्ची को गोद में लेकर बरसते हुए पानी में आंखो में आंसू लिए पैदल पोस्टमार्टम हाउस जाता नजर आया। पिता अपनी गोद में बच्ची का शव लिए जाते हुए आसूं बहा रहा था, जिसने भी उस पिता को देखा उसका दिल दहल गया लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की संवेदनहीनता खुले आम नजर आई।
अब सोचने वाली बात यह है कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग मंत्री लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हुए नजर आ रहे हैं लेकिन उन दावों की पोल जनपद मैनपुरी के जिला चिकित्सालय में खुलती हुई नजर आ रही है जहां पोस्टमार्टम के नाम पर
हाल ही में मैनपुरी पोस्टमार्टम हाउस पर तैनात कर्मचारियों ने अकाशी बिजली की चपेट में आ जाने से एक बच्चे की मौत हो गई थी। बच्चे की मौत के बाद बच्चे के पोस्टमार्टम के नाम पर 15 हजार रुपए भी वसूल लिए थे, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक में मामले का संज्ञान लिया था और 2 स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा समाप्ति के आलावा मामले में गहनता से जांच के आदेश भी दिए थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग पर इससे भी कोई सबक नहीं लिया और एक बार फिर लापरवाही देखने को मिली lमैनपुरी जिले में बेटी के शव को स्ट्रेचर न मिलने से हाथ में लेकर जाने की घटना के जांच का आदेश शासन ने मंगलवार को दिया है।

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