सीबीआई ने फर्जी कागजों पर पासपोर्ट बनाने वाले रैकेट का पर्दाफाश – सिलीगुड़ी के पासपोर्ट ऑफिसर सीनियर सुपरिंटेडेंट गौतम कुमार शाह और होटल एजेंट गिरफ्तार

कोलकाता: केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आज शनिवार (14 अक्टूबर) को पश्चिम बंगाल के कोलकाता और सिक्किम के गंगटॉक समेत 50 जगहों पर छापेमारी कर रही है। छापेमारी के दौरान सीबीआई ने फर्जी कागजों पर पासपोर्ट बनाने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है। जानकारी के अनुसार सीबीआई ने इस मामले में सिलीगुड़ी के पासपोर्ट ऑफिसर सीनियर सुपरिंटेडेंट गौतम कुमार शाह और होटल एजेंट दीपू छतरी को 1 लाख 90 हजार रूपये कि रिश्वत लेते हुए रंगे हांथो गिरफ्तार किया है। एक सीबीआई अधिकारी ने बताया कि उन्हे जानकारी मिली थी, कि सरकारी अधिकारियों की मिली भगत से फर्जी कागजों पर पासपोर्ट बनाए जा रहे हैं। जिस पर सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए 16 लोक सेवकों समेत 24 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन्होने कहा कि इस मामले में तलाशी ली जा रही है और कई संदिग्ध रडार पर हैं। उन्होने कहा, पूरे मामले में सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता के सबूत भी बरामद किए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, कोलकाता, सिलिगुड़ी, गंगटोक और अन्य स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं। पिछले रविवार को ममता सरकार के मंत्री के आवास पर मारा था छापा : वहीं इससे पहले 08 अक्टूबर को राज्य में नागरिक निकाय भर्ती में कथित अनियमितताओं के संबंध में पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम और विधायक मदन मित्रा के परिसरों पर सीबीआई ने छापा मारा था। पिछले रविवार की सुबह पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हाकिम और विधायक मदन मित्रा के घर पर CBI की एक टीम ने छापा मारा था। जानकारी के अनुसार, नगर निगम में भर्ती में घोटाले को लेकर सीबीआई ने यह कार्रवाई की थी। बता दें कि फिरहाद दो साल पहले भी सीबीआई के चंगुल में फंस चुके हैं। तब केंद्रीय जांच एजेंसी ने नारदा स्कैम में उनसे पूछताछ की थी और अब नागरिक निकाय भर्ती मामले में उनकी संलिप्तता को लेकर सीबीआई ने उनके घर पर रेड की।
2021 में नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तार हुए थे हाकिम और मदन मित्रा: इससे पहले, हाकिम और मदन मित्रा दोनों को 2021 में नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तार किया गया था। मित्रा को 2014 में सारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई ने गिरफ्तार भी किया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ ने इस साल 21 अप्रैल को सीबीआई को नगर निगम भर्ती घोटाला मामले की जांच अपने हाथ में लेने का आदेश दिया था। यह आदेश प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक आवेदन के आधार पर पारित किया गया था। हालांकि, बंगाल सरकार ने आरोप लगाया था कि न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के पास नगरपालिका मामलों की सुनवाई का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं था।@रिपोर्ट अशोक झा

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