कांग्रेस सांसद भी महुआ की सदस्यता रद्द करने के पक्ष में, एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में क्या है लिखा?
कांग्रेस सांसद भी महुआ की सदस्यता रद्द करने के पक्ष में, एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में क्या लिखा?
नई दिल्ली : श-फॉर-क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा मुश्किलों में हैं और पार्टी भी बचाव करने की बजाय शुरुआत से ही दूरी बनाए देखी जा रही है। इस बीच, चर्चा है कि एथिक्स कमेटी ने महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश करने जा रही है।कमेटी ने राष्ट्रीय सुरक्षा को आधार बनाया है और महुआ के आचरण को अनैतिक बताया है। ऐसे में महुआ के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस से लेकर बीजेपी नेताओं ने बयान दिए हैं। महुआ ने आरोपों को निराधार बताया है। जानिए किसने क्या कहा…
बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया है। दुबे ने इसकी शिकायत लोकसभा स्पीकर से की थी। मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी जांच कर रही है। दुबे का आरोप है कि नकदी और गिफ्ट के बदले संसद में सवाल पूछने के लिए महुआ मोइत्रा और कारोबार दर्शन हीरानंदानी के बीच ‘रिश्वत’ का लेन-देन हुआ था। दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के पत्र का हवाला दिया, जिसमें मोइत्रा और हीरानंदानी के बीच कथित आदान-प्रदान के ‘सबूत’ का जिक्र किया गया है। एथिक्स कमेटी ने 500 पेज की रिपोर्ट तैयार की है। इसमें लोकसभा सचिवालय से महुआ के खिलाफ कड़ी सजा की सिफारिश की है।
महुआ मोइत्रा ने क्या कहा…
आरोपों के बीच टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने महिला कार्ड खेला है। उन्होंने कहा- दरअसल आपका पाला पहले किसी बंगाली महिला से नहीं पड़ा है शायद। हमारे लिए बंगाली महिलाओं का मतलब देवी, मां काली है, लेकिन आपके लिए वे सिर्फ एक वस्तु हैं. आप मेरी जैसी महिला को स्वीकार करना नहीं चाह रहे हैं । मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि वे (भाजपा सरकार) बेघर हो जाएं।’आपका बंगाली महिला से पाला नहीं पड़ा होगा?’: महुआ ने कहा, यह बीजेपी सरकार, एजेंसी सरकार है. मैंने अभी सुना कि झारखंड बीजेपी सांसद (निशिकांत दुबे) ने अपने ट्वीट में मेरे खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की। अगर वे जानना चाहते हैं कि मेरे पास कितने जोड़ी जूते हैं तो उन्हें मेरे घर अवश्य आना चाहिए। लेकिन मैं जानना चाहती हूं कि क्या एजेंसियों के हाथ में इतना कुछ है? जबकि अडानी के 13,000 करोड़ के कोयला घोटाले की जांच अभी भी लंबित है? उनके पास इसके लिए पर्याप्त शक्ति नहीं है, लेकिन मेरे पास मौजूद जूते के नंबर ढूंढने के लिए उनके पास समय और ऊर्जा है। उनके पास अडानी और गृह मंत्रालय अमित शाह से जुड़े राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दे की जांच करने का समय नहीं है। दरअसल, आपका पहले किसी बंगाली महिला से पाला नहीं पड़ा होगा। हम बंगालियों के लिए महिलाओं का मतलब देवी, मां काली है, लेकिन आपके लिए वे सिर्फ एक वस्तु हैं। आप एक महिला को मेरे रूप में स्वीकार नहीं करना चाहते हैं। मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि वे (भाजपा सरकार) बेघर हो जाएं। अगले चार महीनों तक वे (भाजपा) तृणमूल कांग्रेस और उसके नेताओं को बदनाम करने की कोशिश करेंगे लेकिन हम हिलेंगे नहीं. हमें मजबूत और एकजुट रहना है।
‘बंगाल की महिलाएं गई-गुजरी नहीं’
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने महुआ पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, बंगाल की महिलाएं मां काली की तरह बनना चाहती हैं, तुम्हारी तरह नहीं। बंगाल की महिलाएं गई-गुजरी नहीं हैं जो मेकअप, कॉस्मेटिक्स के लालच में आ जाएं। मजूमदार का कहना था कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि वो किस मां काली की बात कर रही हैं। वो मां काली का अपमान करती हैं। बंगाल की महिलाएं तो मां काली का प्रतिरूप हैं लेकिन उनके जैसी महिलाएं नहीं। बंगाल की महिलाएं सस्ती नहीं हैं. वे महंगी कॉस्मेटिक चीजों और गिफ्ट के चक्कर में नहीं पड़ेंगी। दुबई से उनकी लॉगिन आईडी कैसे एक्सेस की गई और उनके सिस्टम में सवाल कैसे फीड किए गए?
किसी की सदस्यता कैसे खारिज कर सकते हैं?’:
पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, मुझे शुरू से पता था कि जांच का क्या होगा। ये सिर्फ महुआ मोइत्रा की सदस्यता खारिज करना चाहते हैं. ये कमेटि का एक ही मंसूबा था कि महुआ के खिलाफ एक्शन लें। कमेटी ने बहुत जल्दी-जल्दी काम किया। किसी की सदस्यता कैसे खारिज कर सकते हैं। कमेटी में डिस्कस करते हैं और मीडिया में खबर फैलाते हैं। महुआ अपनी लड़ाई खुद लड़ सकती हैं’: वहीं, टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने भी महुआ को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा, महुआ अपनी लड़ाई खुद लड़ सकती हैं। अभिषेक ने एथिक्स कमेटी के एक्शन पर सवाल उठाया और इसकी तुलना रमेश विधुर मामले से की। ‘महुआ पर गंभीर आरोप हैं’: एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने कहा, महुआ पर आरोप सीरिएस हैं। पिछली मीटिंग से ये लोग वॉकआउट कर गए थे, जो एक ड्रामा था। आज मीटिंग मं विस्तृत चर्चा होगी जिसमें और भी चीजें डिस्कस होंगी। एथिक्स कमेटी बातचीत के लिए तैयार है।।महुआ ने आरोप लगाया कि BJP के लिए बंगाली महिलाएं सिर्फ वस्तु हैं। CBI जांच पर महुआ ने कहा कि एजेंसी के पास अडानी के कथित कोयला घोटाले की जांच के लिए लोग नहीं हैं, लेकिन उनके जूते गिनने के लिए बहुत समय है। लोकपाल ने आज मेरी शिकायत पर आरोपी सांसद महुआ जी के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने वाले मामले पर CBI जांच का आदेश दिया है।इस पर महुआ मोइत्रा बोलीं: मैंने सुना कि कोई चोर, गुंडा झारखंड से BJP सांसद (निशिकांत दुबे) ने अपने पोस्ट में मेरे खिलाफ CBI जांच की बात कही। अगर वो जानना चाहते हैं कि मेरे पास कितने जोड़ी जूते हैं तो उन्हें मेरे घर जरूर आएं। मैं जानना चाहती हूं कि अडानी के 13,000 करोड़ के कोयला घोटाले की जांच अभी भी क्यों लंबित है? CBI के पास अडानी और अमित शाह से जुड़े राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दे की जांच करने का समय नहीं है, लेकिन मेरे जूते गिनने के लिए समय और एनर्जी है। महुआ मोइत्रा ने आगे कहा: आपने पहले किसी बंगाली महिला को नहीं देखा होगा। हम बंगालियों के लिए महिलाओं का मतलब देवी, मां काली है लेकिन आपके लिए वो सिर्फ एक वस्तु हैं. आप मेरी जैसी महिला को स्वीकार नहीं कर सकते। मैं ये सुनिश्चित करूंगी कि वो (BJP नेता) बेघर हो जाएं। अगले चार महीनों तक वो (BJP) TMC पार्टी और नेताओं को बदनाम करने की कोशिश करेंगे लेकिन हम हिलेंगे नहीं। हमें मजबूत और एकजुट रहना है।।बता दें, एथिक्स पैनल की ड्राफ्ट रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है।500 पेज की रिपोर्ट में TMC सांसद के कामों को आपत्तिजनक, अनैतिक और आपराधिक करार दिया गया है। साथ ही उनके लिए कड़ी सजा की मांग की गई है। ड्राफ्ट रिपोर्ट को अपनाने के लिए एथिक्स पैनल बैठक करेगा। फिर संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान इसे लोकसभा अध्यक्ष को सौंपा जाएगा और चर्चा के बाद कार्रवाई की जाएगी। बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने बैठक की जिसमें समिति की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया है। बैठक के बाद सोनकर ने बताया कि समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट को स्वीकार करने का समर्थन किया और चार ने इसका विरोध किया है। बताया जा रहा है कि समिति ने मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की है। अब रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजी जाएगी।
कांग्रेस सांसद भी महुआ के खिलाफ!
खास बता है कि जिन छह सदस्यों ने रिपोर्ट को स्वीकार करने का समर्थन किया है उसमें एक कांग्रेस सांसद भी शामिल हैं। ये कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस सांसद परनीत कौर हैं। परनीत पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं। हालांकि खुद अमरिंदर अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। रिपोर्ट के पक्ष में जो सांसद हैं।उनमें विनोद सोनकर (बीजेपी), सुमेधानंद सरस्वती (बीजेपी), हेमंत गोडसे (शिवसेना), परिणति कौर (कांग्रेस), अपराजिता सारंगी (बीजेपी) और राजदीप रॉय (बीजेपी) शामिल हैं। जबकि विरोध में दानिश अली (बसपा), वी वैथिलिंगम (कांग्रेस), पी आर नटराजन (CPIM) और गिरिधारी यादव (JDU) शामिल हैं।
अभिषेक बनर्जी ने साधा निशाना
उधर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने अपनी सांसद महुआ मोइत्रा का समर्थन किया है। तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि जो भी सरकार से सवाल करता है, उसे केंद्र सरकार द्वारा “परेशान” किया जाता है। बनर्जी राज्य में कथित स्कूल नौकरी घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने यह सवाल भी किया कि मोइत्रा के खिलाफ आरोप साबित होने से पहले ही संसद की एक समिति उनके खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कैसे कर सकती है।
लड़ाई में TMC का पूरा समर्थन
बनर्जी ने सवाल किया कि जो कोई भी अडाणी मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछ रहा है, उसे परेशान किया जा रहा है। लोकसभा की आचार समिति महुआ मोइत्रा के खिलाफ आरोप साबित होने से पहले ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई कैसे कर सकती है। टीएमसी पार्टी ने मोइत्रा का अब तक सीधा बचाव नहीं किया है और एक समय तो यहां तक कहा था कि वह इस मुद्दे पर आचार समिति की रिपोर्ट का इंतजार करेगी। फिलहाल बनर्जी के स्पष्ट समर्थन से यह संकेत मिलता है कि टीएमसी सांसद मोइत्रा के लिए आगे की लड़ाई में अपना पूरा समर्थन देगी।
‘आरोप साबित किए बिना..?
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव बनर्जी ने सवाल किया कि किसी सांसद के खिलाफ एक भी आरोप साबित किए बिना उसके खिलाफ कार्रवाई कैसे शुरू की जा सकती है।।उन्होंने कहा कि समिति ने अभी तक भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, लेकिन विपक्षी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करने में बहुत तत्पर है, जो सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ लड़ रहे हैं। बनर्जी ने सवाल किया कि यदि उनके पास कोई सबूत नहीं है तो आचार समिति निष्कासन की सिफारिश कैसे कर सकती है।माकपा का अलग दावा :
हालांकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने हालांकि दावा किया कि टीएमसी मोइत्रा से जुड़े विवाद पर बोलने से कतरा रही है, क्योंकि उन्होंने अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ बोला है। यह पूछे जाने पर कि मोइत्रा मुद्दा सामने आने के बाद टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव को इस पर टिप्पणी करने में कई दिन क्यों लग गए, माकपा केंद्रीय समिति सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल इस मामले पर बोलने से कतरा रहा है। उन्होंने कहा, ‘महुआ मोइत्रा ने अडाणी और (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी के खिलाफ बोला है, इसलिए टीएमसी टिप्पणी नहीं करना चाहती है। बता दें कि मामले में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से संपर्क किया था और उन पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। रिपोर्ट अशोक झा