आज के बजट से उत्तर बंगाल के विकास रथ को मिलेगा उड़ान या थम जाएगा पहिया
अशोक झा, सिलीगुड़ी: पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार सिलीगुड़ी। यह क्षेत्र चाय के साथ उद्योग और शिक्षा के लिए चर्चित है। आज के बजट में मोदी सरकार से यहां के लोगों को काफी उम्मीदें है। देखना है की इसपर सरकार कहां तक खड़ी उतरती है। टैक्स राहतों की बढ़ती मांग के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट मंगलवार आज 23 जुलाई को पेश करने के लिए तैयार हैं। जनता उन घोषणाओं का बेसब्री से इंतजार कर रही है जो उनके टैक्स बोझ को कम कर सके।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाया जा सकता है।MSME पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है।पीएम किसान सम्मान निधि बढ़ाई जा सकती है।कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर को तेज करने के लिए उपायों की घोषणा हो सकती है।ग्रामीण इलाकों में पीएम आवास योजना को लेकर ऐलान हो सकता है। मनरेगा के कार्य दिवस बढ़ाने की संभावना, कृषि से जुड़े कामों को भी शामिल करने को लेकर ऐलान किए जा सकते हैं।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज पेश करेंगी देश का बजट, क्या जनता को मिलेगी राहत?वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज देश का बजट पेश करेंगी। सुबह 11 बजे संसद में उनका बजट भाषण शुरू होगा। बजट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। देश की जनता को बजट से काफी उम्मीदे हैं।बजट 2024 से मुख्य उम्मीद यह है कि यह बुनियादी ढांचा क्षेत्र और गति शक्ति योजनाओं को बढ़ावा देने पर जोर देने के साथ रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय आवंटन जारी रखेगा।टैक्सपेयर्स को इस बजट से बहुत उम्मीदें हैं। मध्यम वर्गीय परिवार इस उम्मीद में हैं कि बजट 2024 में उनके लिए अच्छी खबर होगी। मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए आयकर स्लैब और दरों को समायोजित किए जाने का अनुमान भी लगाया जा रहा है। प्रयोज्य आय और उपभोक्ता व्यय में वृद्धि के साथ-साथ विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में पूंजीगत लाभ कर संरचना को सरल और तर्कसंगत बनाने की भी उम्मीद है। आयकर में जटिलता को कम करना और अनुपालन में सुधार करना साथ ही साथ, विशेष रूप से एमएसएमई के लिए कॉर्पोरेट कर दरों को सरकार द्वारा कम करने की उम्मीद आयकर दाता कर रहे हैं। व्यावसायिक गतिविधि और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ विशेष फैसले भी इस बजट में होने की उम्मीद है।आर्थिक सर्वेक्षण में प्रत्यक्ष करों के बारे में क्या कहा गया?सोमवार को जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार वित्त वर्ष 2024 के लिए सकल कर राजस्व (जीटीआर) में वृद्धि 13.4 प्रतिशत अनुमानित की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप कर राजस्व में 1.4 की उछाल आई। यह वृद्धि वित्त वर्ष 2013 की तुलना में प्रत्यक्ष करों में 15.8 प्रतिशत की वृद्धि और अप्रत्यक्ष करों में 10.6 प्रतिशत की वृद्धि से प्रेरित थी।डायरेक्ट टैक्स ने जीटीआर में लगभग 55 प्रतिशत योगदान दिया, जबकि अप्रत्यक्ष करों ने शेष 45 प्रतिशत योगदान दिया। वित्त मंत्रालय के दस्तावेज में कहा गया है कि डायरेक्ट टैक्स का यह बढ़ा हुआ योगदान टैक्सेशन में प्रगतिशीलता बढ़ाने के सरकार के प्रयासों के अनुरूप है। इसके अलावा, समय के साथ टैक्स कलेक्शन की दक्षता में सुधार हुआ है। प्रत्यक्ष कर संग्रह की लागत वित्त वर्ष 2020 में ग्रॉस कलेक्शन के 0.66 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 23 में 0.51 प्रतिशत हो गई है। लचीली आर्थिक गतिविधि और बढ़े हुए अनुपालन के कारण प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों दोनों में मजबूत वृद्धि के परिणामस्वरूप कर राजस्व रूढ़िवादी बजटीय अनुमान से अधिक हो गया।
कर मुक्त आय को बढ़ाकर दस 10 लाख किया जाए।आयकर पर लगाए गए सरचार्ज एवं सेस हटा दिए जाएं, क्योंकि जीएसटी से अच्छा रुपया प्राप्त हो रहा है।सांसदों एवं विधायकों की आय पर आयकर लगाया जाए।टैक्स में राहत वाला बजट हो: भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल की ओर से मांग की गई है की केन्द्र सरकार से मांग की आयकर की तरह ही जीएसटी में भी किसी भी प्रकार के नोटिस, स्क्रूटनी, ऑडिट आदि से संबंधित कार्यवाही फेसलैस तरीके से ही होनी चाहिये.यह राजस्व एवं करदाता दोनों के हितों की रक्षा करेगा।जीएसटी रिपोर्ट, जीएसटी पोर्टल पर आसानी से उपलब्ध करने की मांग की.पोर्टल में कुछ तकनीकी खामियां है जिनको दूर करने की आवश्यक है. पोर्टल पर कोई जीएसटी नंबर लोगिन करते हैं तो लिंक के अभाव में संबंधित माह के रिटर्न पर जाना संभव नहीं है। हर दो-तीन महीने में जीएसटी पासवर्ड बदला जाता है, इनकम टैक्स की तरह जीएसटी का पासवर्ड भी एक साल तक एक ही करने की मांग रखी. गलत पासवर्ड की सुरक्षा प्रदान करने के लिये पासवर्ड कुछ निर्दिष्ट तरीके से बनाये जाने चाहिये।टैक्स विसंगतिया दूर हो
भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बजट पर मांग रखी ओर कहा कि जीएसटी नोटिस ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सरकार चाहती है तो सरकार को उसी तरह के प्रावधान करने होंगे।व्यापारी को दिये जाने वाले नोटिस: जीएसटी ऑडिट, स्क्रूटनी, समन, आईटीसी मिसमैच, जीएसटीआर-1 एवं 3बी का मिसमैच, ब्याज के नोटिस, सर्च के नोटिस, आउटपुट टैक्स का शत प्रतिशत पेमेन्ट करने के नोटिस आदि इस प्रकार के नोटिस है जो व्यापारी के लिये सिरदर्द पैदा करते हैं. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस करने के लिये इन पर विवेचना आवश्यक है।
व्यापारी,कर्मचारी,मजदूर की सुरक्षा के नियम हो: बधाई कार्ड, शादी कार्ड, अचार, पूजा की थाली, देसी घी एवं ड्राइफ्रूट्स 12 प्रतिशत से घटकार 5 प्रतिशत की श्रेणी में करने की मांग की.उपभोक्ता मामलात मंत्रालय एमआरपी से नीचे बिकने वाले माल को प्रतिबंधित करें। घटिया माल ब्राण्ड के आधार पर बेचने पर कड़े नियम बनाये जायें। बाजारों में काम कर रहे करोड़ों व्यापारियों, कर्मचारियों और मजदूरों को सुरक्षा देते हुए व्यापार सुरक्षित रहने के लिये नियम बनाये जाना आवश्यक है।