सिलीगुड़ी में विवेक जागरण यात्रा के माध्यम से आरजीकर कांड के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग
अशोक झा, सिलीगुड़ी: कोलकोता आरजीकर कांड को लेकर पूरे बंगाल में जूनियर डॉक्टर आंदोलन पर है। इसी बीच इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठन से जुड़े लोग सिलीगुड़ी के सड़कों पर उतरे। बाघाजतिन पार्क से शुरू हुई रैली पूरे शहर का भ्रमण किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा की बंगाल में जिस प्रकार ममता राज में सबकुछ तेजी से संगठित अपराधियों के हाथ में चला गया है उससे आम रोग गुस्से में है। बंगाल को आमलोग इसी तर्ज से आंदोलित देखना चाहते थे और सभी को अपनी तरह से विरोध करते हुए देखकर उन्हें अच्छा लगा। इस आंदोलन में राजनीति का रंग न लगाने की बात की और खुद भी राजनीति पर कुछ कहने से मना किया। लोगों ने कहा की बंगाल में विरोधी नेता काफी समय से कह रहे हैं कि भविष्य में पश्चिम बंगाल की स्थिति और भी भयावह हो जाएगी। बांग्ला के लोग सिर ऊँचा करने की क्षमता खो रहे हैं। इस घृणित अपराध में शामिल लोगों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा देने की मांग की। गौरतलब है कि आरजीकर कांड के बाद एक महीना बीत चुका है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में जूनियर डॉक्टरों को हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने का आदेश दिया गया है। लेकिन वे अपने फैसले पर अडिग रहते हुए और मांगें बढ़ाते हुए स्वास्थ्य भवन के सामने विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से बातचीत की मांग की है और अगर उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तो वे आंदोलन जारी रखने की धमकी दी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी डॉक्टर आरजी कर अस्पताल में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने 9 सितंबर को प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को निर्देश दिया था कि वे सभी कल यानी 10 सितंबर शाम 5 बजे तक अपने अपने काम पर लौट जाएं।मगर सुप्रीम कोर्ट की मनाही के बाद भी डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है।CM ममता और डॉक्टर्स के बीच नहीं बनी बात: डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त करने को लेकर ममता सरकार ने बातचीत का प्रस्ताव दिया था लेकिन बातचीत की शर्तों को लेकर दोनों पक्षों में गतिरोध अभी भी बना हुआ है. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज मंत ने गुरुवार को प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन ममता बनर्जी के घंटों इंतजार के बाद भी डॉक्टर्स बातचीत के लिए तैयार नहीं हुए.इसके बाद ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम लोगों से माफी मांगीं और डॉक्टरों से अपील की कि वे अपने अपने काम पर लौट आएं. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से बातचीत के लिए ममता बनर्जी ने करीब 2 घंटे से ज्यादा इंतजार की. महीने भर से प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों को ममता सरकार ने तीसरी बार बातचीत के लिए बुलाया था. मगर बातचीत नहीं हो सकी।
अपनी मांग पर अड़े रहे प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स: डॉक्टर्स मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर अड़े रहे और मीटिंग नहीं हो सकी. इसके बाद ममता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोगों से माफी मांगी. उन्होंने कहा कि आज मैंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का दो घंटे इंतजार किया, लेकिन वे बातचीत के लिए तैयार नहीं हुए. मैं उन लोगों से माफी मांगना चाहती हूं जिन्हें लगा था कि आज डॉक्टरों और सरकार के बीच बैठक होगी और इस आंदोलन का हल निकलेगा।ममता ने आगे कहा कि मैं भी इस मामले में न्याय चाहती हूं. इन डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से कोलकाता का हेल्थ सिस्टम ठप्प होता जा रहा है. कई जानें जा चुकी हैं. लाखों मरीजों की हालत खराब है. लोगों की खुशी के लिए मैं इस्तीफा देने को भी तैयार हूं। सीबीआई जांच में अबतक क्या मिला: इस 9 अगस्त को इस घटना के एक महीने पूरे हो गए थे. सीबीआई लगाचार इस मामले की जांच कर रही है. हाल ही में जांच एजेंसी कोलकाता के प्रेसिडेंसी जेल जाकर मुख्य आरोपी संजय रॉय के दांतों के निशान लिए थे. बुधवार को सीबीआई ने आरोपी संजय रॉय, 4 जूनियर डॉक्टरों, 2 पुलिस अधिकारियों से एक बार फिर पूछताछ की थी. कोलकाता रेप मर्डर केस की गुत्थी को सुलझाने के लिए सीबीआई लगातार जांच कर रही है और हर एंगल से जांच कर रही है। संजय रॉय मुख्य आरोपी, वारदात को उसने अकेले अंजाम दिया। अस्पताल की CCTV फुटेज और फॉरेंसिक रिपोर्ट में संजय रॉय की वारदात में संलिप्तता के सबूत मिले.
वारदात के बाद पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका संदिग्ध है. उसकी गिरफ्तारी हो चुकी है।
कोलकाता पुलिस की जांच के तरीके पर सवाल. FIR दर्ज करने में 14 घंटे की देरी हुई। अस्पताल में कई अनिमितताओं का पता चला है।पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को लेकर की गई शिकायतों को नजरअंदाज किया गया। 4 जूनियर डॉक्टर, 2 पुलिस अधिकारियों से भी CBI की पूछताछ। सुप्रीम कोर्ट ने CBI को दिया 17 सितंबर तक का समय। सीबीआई ने संजय के दांतों के निशान लिए। CBI आरोपी संजय रॉय का नार्को एनालिसिस टेस्ट करवाएगी. कोर्ट में एप्लिकेशन लगाई है। क्या है कोलकाता का रेप मर्डर केस?दरअसल, नौ अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल के अंदर एक 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के साथ पहले रेप किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई. इसके बाद से देशभर के डॉक्टरों ने न्याय के लिए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. डॉक्टरों का देशव्यापी हड़ताल शुरू हो गया. लोगों का आक्रोश बढ़ता देख हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया. मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंपी. हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने अपनी जांच शुरू कर दी. फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दो बार सुनवाई भी हुई है. पिछली सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 17 सितंबर तक समय दिया था।