क्या षड्यंत्र के तहत हुई बहराइच में हिंसा-घायल सुधाकर तिवारी

क्या षड्यंत्र के तहत हुई बहराइच में हिंसा-घायल सुधाकर तिवारी

उप्र बहराइच महराजगंज में हुई हिंसा अचानक नहीं भड़की थी। इसके लिए पहले से ही सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र रचा गया था। लोगों को धारदार हथियार व लाठी-डंडों के साथ बुलाया गया था। जैसे ही विसर्जन जुलूस अब्दुल के घर के पास पहुंचा तो तय योजना के अनुसार श्रद्धालुओं पर पथराव किया गया और ऐसे हालात पैदा किए गए कि पूरा इलाका हिंसा की आग में झुलस गया। यह दावा है लखनऊ स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में भर्ती हिंसा में घायल सुधाकर तिवारी का।

महसी निवासी सुधाकर का वीडियो एक्स पर प्रसारित हो रहा है. जिसमें वह बता रहा है कि रविवार को जब जुलूस निकल रहा था, तब वह सड़क के किनारे खड़े थे। एक गली से मुस्लिम युवक लाठी डंडे व धारदार हथियार लेकर वहां पहुंचे और उन पर पीछे से हमला कर दिया। जबरन लोग म्यूजिक सिस्टम बंद कराने लगे। इससे लोगों गुस्सा भड़क गया। आरोप है कि इस दौरान 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्र गुस्से में अब्दुल की छत पर चढ़ गया और वहां लगे हरे झंडे को निकालकर भगवाध्वज फहराने लगा। इस बीच आरोपित उसे घर में घसीट ले गए और उसके साथ बर्बरता कर गोली मार दी। पूरी घटना पर गौर करें तो एक बात साफ है कि हिंसा भड़काने की साजिश पहले ही तैयार की गई थी, लेकिन खुफिया तंत्र इससे पूरी तरह बेखबर रहा, जिसका नतीजा रहा कि रामगोपाल की जान चली गई।

सुनियोजित थी रामगोपाल की हत्या!

हिंसा में जिस प्रकार से हुआ मंसूर निवासी रामगोपाल मिश्र की बर्बरतापूर्वक पिटाई के बाद गोली मारी गई, उससे शंका व्यक्त की जा रही है । क्या सुनियोजित तरीके से उसकी हत्या तो नहीं की गई? चर्चा है कि इस हत्याकांड में शामिल रेहुआ मंसूर गांव के ही दो मुस्लिम युवक ननकऊ और मारूफ से रामगोपाल की पहले से कहासुनी हुई थी। शायद वही रंजिश का कारण बनी ।
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थानाध्यक्ष कमल शंकर चतुर्वेदी का पर कहना है कि पुलिस जांच कर रही है कि दोनों आरोपित किस योजना के तहत महराजगंज में विसर्जन केदिन आए थे। नामजद आरोपितो में एक राजा ऊर्फ साहिर खान उर्फ दानिश को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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