कड़ी सुरक्षा के बीच बंगाल के छह विधानसभा में उपचुनाव शांतिपूर्ण प्रारंभ
अशोक झा, कोलकाता: पश्चिम बंगाल में छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव आज सुबह 7 बजे से शुरु हो गया है। मतदान शाम 5 बजे तक जारी रहेगा।उपचुनाव अलीपुरद्वार जिले के मदारीहाट, कूचबिहार जिले के सीताई, उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी और हरोआ, बांकुड़ा जिले के के तलडांगरा, और पश्चिम मेदिनीपुर जिले के मेदिनीपुर विधानसभा क्षेत्रों में हो रहे हैं. मतगणना 23 नंबर को सुबह आठ बजे से शुरू होगी. इन छह सीट पर कुल 44 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से कराये जाने के लिए केंद्रीय पुलिस बल के कुल 108 कंपनियां तैनात की गयी हैं।
इसके अलावा, मतदान समाप्ति के बाद स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा के लिए छह कंपनियां तैनात की जाएंगी।चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की तैनाती निम्नलिखित होगी:सिताई: 18 कंपनियांमादरीहाट: 18 कंपनियांनैहाटी: 13 कंपनियांहारोआ: 18 कंपनियांमिदिनीपुर: 19 कंपनियांतालडांगा: 22 कंपनियांकुल 1,583 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा। मिदिनीपुर में सबसे अधिक 304 मतदान केंद्र हैं। विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या इस प्रकार है:सिताई: 305,565मादरीहाट: 220,342
नैहाटी: 193,835हारोआ: 291,714तालडांगा: 241,497
मिदिनीपुर: 291,715 सभी विधानसभा सीटों के बारे में यह भी बताया गया कि इन सीटों में से कई सीटें पहले उन नेताओं द्वारा जीती गई थीं जो अब अन्य पदों पर काम कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, नैहाटी के पूर्व विधायक पार्थ भौमिक अब लोकसभा सांसद हैं। हारोआ के पूर्व विधायक हाजी नूरुल का हाल ही में निधन हुआ है। इसी तरह, सिताई, तालडांगा, मिदिनीपुर और मादरीहाट की सीटों पर भी चुनावी बदलाव हुआ है, जहां विधायक अब सांसद बन चुके हैं। 89 कंपनियों में 24 कंपनी सीआरपीएफ, 30 कंपनी बीएसएफ, 12 कंपनी सीआईएसएफ शामिल थीं. इसमें आईबीपी की 10 कंपनियां और SSB की 13 कंपनियां शामिल थीं।अब सीआरपीएफ को बढ़ाकर 5 कंपनियां कर दिया गया है, बीएसएफ को 10 कंपनियों तक बढ़ा दिया गया है और CISF और ITBP को बढ़ाकर 2 कंपनी कर दिया गया।बीजेपी ने उपचुनाव में जताई हिंसा की आशंका: तीन दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य में आये थे। उस वक्त बीजेपी नेता शिशिर बाजोरिया ने अमित शाह से राज्य की कानून व्यवस्था की शिकायत की थी. स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए अधिक केंद्रीय बलों की तैनाती का अनुरोध किया था. उन्होंने चुनाव के दौरान हिंसा की आशंका जताई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी उम्मीदवारों को डराया-धमकाया जा रहा है।पिछले लोकसभा और कुछ दिन पहले 4 विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव में आयोग की भूमिका को लेकर उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से शिकायत की थी. बाजोरिया ने बंगाल बीजेपी की ओर से चुनाव आयोग में समन्वयक की भूमिका निभाई. अमित शाह से अधिक केंद्रीय बलों की मांग करने के तीन दिन बाद आयोग ने उपचुनाव में केंद्रीय बलों की 19 और कंपनियों की तैनाती की घोषणा की।इन उपचुनावों में जिन छह विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होंगे उनमें कूचबिहार जिले का सिताई, अलीपुरद्वार का मदारीहाट, बांकुरा का तालडांगर, पश्चिम मेदिनीपुर का मेदिनीपुर और उत्तर 24 परगना जिले के हरोआ और नैहाटी शामिल हैं। इन सभी सीटों पर उपचुनाव इसलिए हो रहे हैं क्योंकि यहां के पूर्व विधायक इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए हैं। 2021 के विधानसभा चुनाव में, मदारीहाट को छोड़कर अन्य पांच सीटों पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी, जबकि मदारीहाट में भाजपा उम्मीदवार विजयी रहे थे।इस बार के उपचुनावों के लिए 108 कंपनी सीएपीएफ की तैनाती की गई है, जो कि पहले तैनात की गई 89 कंपनियों से काफी अधिक है। तैनात बलों में 40 कंपनियां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), 29 कंपनियां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), 12 कंपनियां भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), 14 कंपनियां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और 13 कंपनियां सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) शामिल हैं। इन सीटों के लिए मतगणना 23 नवंबर को होगी। इस बार उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, वाम मोर्चा और उसके सहयोगी तथा कांग्रेस के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा क्योंकि 2016 से वाम मोर्चा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे की व्यवस्था नहीं रही है। वाम मोर्चा ने सिताई, मदारीहाट, मेदिनीपुर और तालडांगर में उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि हरोआ सीट पर ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (एआईएसएफ) और नैहाटी में दीपांकर भट्टाचार्य के नेतृत्व वाले सीपीआई (एम-एल) को समर्थन दिया है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विपक्षी दलों के बीच मतों के तीन-तरफा बंटवारे का लाभ तृणमूल कांग्रेस को मिल सकता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव प्रचार के अंतिम समय में कहा कि अगर उनकी पार्टी के उम्मीदवार सभी छह सीटों से जीतते हैं, तो इससे राज्य में विकास की गति बढ़ेगी।जिसमें 41 उम्मीदवारों में से 7 पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। भाजपा के 4, तृणमूल कांग्रेस के 2 और कांग्रेस के 1 उम्मीदवार पर आरोप हैं। सबसे अमीर उम्मीदवार है। कूचबिहार सीताई (एससी), हरोआ, नैहाटी, मेदिनीपुर, तलडांगरा और मदारीहाट (एसटी) में 13 नवंबर को उपचुनाव होने हैं। पश्चिम बंगाल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 42 उम्मीदवारों में से 41 के शपथ-पत्रों का विश्लेषण किया। मदारीहाट (एसटी) से चुनाव लड़ रहे एक स्वतंत्र उम्मीदवार पंकज लोहरा के हलफनामे का विश्लेषण नहीं किया जा सका। क्योंकि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उनके पूर्ण और ठीक से स्कैन किए गए दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे। भाजपा के चार, तृणमूल कांग्रेस के दो तथा कांग्रेस के एक उम्मीदवार पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।गंभीर आपराधिक मामलों में वे अपराध शामिल हैं जिनके लिए अधिकतम सजा पांच साल या उससे अधिक है, गैर-जमानती अपराध, चुनावी अपराध और राजकोष को वित्तीय नुकसान से संबंधित अपराध। इनमें मारपीट से संबंधित अपराध, हत्या, अपहरण, बलात्कार और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत उल्लंघन या महिलाओं के खिलाफ अपराध भी शामिल हैं।विश्लेषण में कहा गया है कि सबसे अधिक करोड़पति पार्टी कांग्रेस (3) है, उसके बाद भाजपा (2) है, जबकि सीपीआईएम (एल) और टीएमसी के एक-एक उम्मीदवार हैं। टीएमसी के सनत डे (नैहाटी) सबसे अमीर उम्मीदवार हैं, जिनकी कुल संपत्ति 4 करोड़ 90 लाख 97 हजार 914 रुपये है, जिसमें 1 करोड़ 80 लाख रुपये की अचल संपत्ति शामिल है। उनके बाद भाजपा की अनन्या रॉय चक्रवर्ती (तालडांगरा) हैं, जिनकी कुल संपत्ति 2 करोड़ 98 लाख 59,287 रुपये है, और टीएमसी के श्यामल कुमार घोष (मेदिनीपुर) 1 करोड़ 69 लाख 43 हजार 060 रुपये हैं। हलफनामे के अनुसार, उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 58.14 लाख रुपये है। विश्लेषण के अनुसार, कूचबिहार सीताई (एससी) से कामतापुर पीपुल्स पार्टी (यूनाइटेड) के उम्मीदवार काशीकांत बर्मन के पास सबसे कम घोषित संपत्ति है, जो मात्र 5,000 रुपये है।