झारखंड में हार के बाद बांग्लादेशी घुसपैठियों’ पर क्या बोले सीएम हिमंता

घुसपैठ की व्यापक समीक्षा और लगातार इसके खिलाफ आंदोलन करने की जरूरत

अशोक झा, सिलीगुड़ी: असम के सीएम हिमंता ने कहा, ‘झारखंड के कार्यकर्ताओं को करीब से देखने का मुझे सौभाग्य मिला। मैं आज भी समझता हूं… घुसपैठियों की जो समस्या है वो आने वाले दिनों में झारखंड को बहुत ज्यादा क्षति पहुंचाने वाली है। मैं झारखंड की सरकार से निवेदन करूंगा कि आप घुसपैठियों को झारखंड से निकालने या कम से कम उनकी पहचान करिए। यह संविधान प्रदत्त जिम्मेदारी होती है। मेरा विश्वास है कि झारखंड की सरकार इस जिम्मेदारी को निभाएगी।हम विपक्ष में रहकर इस मुद्दे को हमेशा उठाते रहेंगे: सीएम हिमंता ने कहा, ‘विधानसभा में विपक्षी की भूमिका का पालन करते हुए हम हमेशा इस (बांग्लादेशी घुसपैठ) मुद्दे को हमेशा उठाते रहेंगे। मैं चुने हुए विधायकों से अपनी तरफ से यह निवेदन करता हूं। मैं झारखंड में खूब समय बिताया। मिशन में सफल नहीं हुए। लेकिन आप लोगों का प्यार हमेशा मुझे याद रहेगा। हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो के नेतृत्व वाला गठबंधन झारखंड में सत्ता बरकरार रखने की ओर है। आक्रामक प्रचार अभियान के बावजूद भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा। भाजपा की ओर से झारखंड चुनाव के सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि भले ही हमने असम में सभी पांच उपचुनावों में जीत हासिल कर ली हो लेकिन झारखंड में हार मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत दुखद है। हमें लोगों के जनादेश को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करना चाहिए। हिमंता बिस्वा सरमा ने आगे कहा- मैंने झारखंड में अपने कार्यकर्ताओं के अटूट समर्पण और अथक प्रयासों को देखा है। झारखंड में भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस चुनाव में अपना सब कुछ झोंक दिया। हमने राज्य को घुसपैठ से बचाने और छात्रों और युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करते हुए इसे विकास के पथ पर ले जाने के नजरिये के साथ चुनाव लड़ा। इन चुनौतीपूर्ण समय में हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे। हम उनको अपना अटूट समर्थन प्रदान करेंगे। असम के सीएम ने आगे कहा- झारखंड में झामुमो और उसके सहयोगियों ने शानदार जीत हासिल की है। इस उपलब्धि पर हेमंत सोरेन और उनकी पूरी टीम को मेरी हार्दिक बधाई। मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में झारखंड प्रगति और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। हमें लोगों के जनादेश को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करना चाहिए। यही लोकतंत्र का असली सार है। वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जेएमएम की अगुवाई वाले गठबंधन को मिली कामयाबी पर कहा- झारखंड में NDA और INDIA के बीच मुकाबले में INDIA गठबंधन का बेहतरीन प्रदर्शन दिख रहा है। झारखंड के मतदाताओं को मैं बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी हमको बधाई के संदेश भेजे हैं। मैं उनका भी बहुत-बहुत शुक्रिया अदा करता हूं। लोकतंत्र के इस महापर्व को लोगों ने बहुत उत्साह से मनाया। हमें जानकारी मिली है कि हमने लगभग 56 सीट जीती है। लोकतंत्र की परीक्षा हमने पास की। ये दरअसल चुनावी जीव हैं। चुनाव में बढ़ते और पनपते हैं। चुनाव का मौसम गया कि ये भी चले जाते हैं। अब ये अपने ‘घुसपैठिये’ अगले चुनावी मौसम में किसी और राज्य में इस या किसी और नाम से प्रकट करवाएंगे। इन ‘घुसपैठियों’ से कहा जाएगा कि जाओ नफ़रत फैलाकर, हिंदुओं को मुसलमानों का डर दिखाकर हमें जिताने का अभियान चला कर आओ। गठबंधन ने 81 सीटों वाली विधानसभा में 55 सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार सत्ता पर कब्जा किया। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को केवल 22 सीटों पर जीत हासिल हुई, जबकि 4 सीटें अन्य दलों के खाते में गईं।

चुनाव परिणाम के बाद असम के मुख्यमंत्री और झारखंड चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने झामुमो सरकार से घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने का आग्रह किया। सरमा ने कहा कि अवैध प्रवासी झारखंड के लिए गंभीर खतरा हैं और सरकार का यह संवैधानिक कर्तव्य है कि वह इस मुद्दे पर कार्रवाई करे। उन्होंने नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों से विधानसभा में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की अपील की।

चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने घुसपैठ को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। सरमा ने हर चुनावी सभा में इस विषय को उठाया और इसे राज्य के विकास में बाधा बताया। चुनाव परिणाम के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि उन्हें विश्वास है कि झारखंड में घुसपैठ की समस्या राज्य के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। उन्होंने झामुमो सरकार से अपील की कि वह कम से कम अवैध प्रवासियों की पहचान करे और इसे प्राथमिकता दे।
हेमंत सोरेन की जीत विपक्ष के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि भाजपा ने इस चुनाव को पूरी ताकत से लड़ा था। इसके बावजूद, झामुमो गठबंधन ने अपने प्रदर्शन को बनाए रखते हुए एक मजबूत जनादेश हासिल किया। अब झारखंड में सरकार के सामने विकास के साथ-साथ घुसपैठ जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी प्रभावी कदम उठाने की चुनौती है।

Back to top button