सुप्रीम कोर्ट ने 20 साल की एक अविवाहित लड़की का एम्स में डिलीवरी कराने का आदेश दिया

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 20 साल की एक अविवाहित लड़की का एम्स में डिलीवरी कराने का आदेश दिया है और कहा है कि डिलीवरी के बाद बच्चे को उसे गोद लेने के इच्छुक पैरेंट्स को दे दिया जाए। उक्त पैरेंट्स ने पहले से गोद लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रखा है। 29 सप्ताह के गर्भ को टर्मिनेट कराने के लिए एक 20 साल की अविवाहित महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह आदेश अति विशेष परिस्थितियों में दिया जा रहा है क्योंकि लड़की अपनी प्रिगनेंसी के काफी बाद के स्टेज में आई थी ऐसे में अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट ने अपने शक्ति का इस्तेमाल करते हुए निर्देश जारी किया।

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