सैर सपाटा: ऑरलैंडो 1 @ 18 सौ किमी लंबा सफर प्लेन में मिले कुत्ते- बिल्लियां भी

सैर सपाटा: ऑरलैंडो 1
———————————‐—
अमेरिका में ठंड कैसी पड़ती है, इसका अच्छे से अनुभव हमें रोचेस्टर शहर में हो रहा था । लेकिन इतने बड़े देश में एक जैसा मौसम तो होता नहीं। न्यूयॉर्क इलाके में जहां सर्दी खूब पड़ती है , वहीं अमेरिका के दक्षिण पूर्वी क्षेत्र के राज्य फ्लोरिडा में दिसंबर के महीने में भी मौसम खुशगवार रहता है । इसी राज्य में एक शहर ऑरलैंडो है । जहां दिसंबर माह में रात में ठंड परेशान करने वाली नहीं रहती और दोपहर में गर्मी भी नहीं लगती। इसलिए इन दिनों यहां पर्यटक काफी बढ़ जाते हैं। हमें मौसम के बदलाव को महसूस कराने के लिए ऋतंभरा – देवेश जी ने ऑरलैंडो जाने का प्लान बनाया था। यहां पर वह पहले भी जा चुके हैं। वैसे रोचेस्टर से ऑरलैंडो की दूरी पर्याप्त है। लगभग 18 सौ किलोमीटर। जहाज से सफर करने में 3 घंटे लगते हैं । हमारी फ्लाइट 12:15 बजे दिन की थी , परंतु 2 घंटे पहले घर से निकलना जरूरी था। घर से नाश्ता के रूप में चीला और चाय खा-पीकर निकले। बाहर बर्फ थी । सड़क की बर्फ तो रोज हटा दी जाती है , लेकिन सड़क के दोनों तरफ बर्फ ही बर्फ दिखाई पड़ रही थी। रोचेस्टर एयरपोर्ट पहुंंचने तक ऑरलैंडो के मौसम के बारे में कल्पना करता रहा।
वाह, प्लेन में कुत्ते- बिल्लियां भी
————————————
रोचेस्टर एयरपोर्ट पर बोर्डिंग पास और सामान बुक कराने की प्रक्रिया में हम लाइन में लग गए।
इस पंक्ति में वे लोग भी खड़े थे जो अपने कुत्ते- बिल्लियों के साथ यात्रा करने वाले थे। इनका अलग से पैैसा लगता है । मेरे लिए यह देखना पहली बार था और मजेदार भी । छोटे कुत्ते और बिल्लियां जाली वाले बैग में थे। वे शांत थे । इसका मतलब तो यही हुआ कि इस तरह की यात्रा करने की आदत रही होगी।
जबकि बड़े कुत्तों की चेन उनके स्वामी हाथ में पकड़े हुए थे । कोई कुत्ता विशेषज्ञ ही इनकी नस्ल और नाम के बारे में बता पाएगा ।
मैं यह भी सोच रहा था कि अमेरिका के कुत्ते जहाज से सफर करते हैं और महंगे सामान का इस्तेमाल करते हैं। क्या-क्या नखरे उनके मालिक नहीं सहते ?
बात विषयांतर लग सकती है , लेकिन है रोचक। चाहे कितनी भी ठंड पड़े, इनको बाहर टहलाना जरूरी है । रास्ते में गंंदगी करते हैं , तब उनके मालिक उठाते भी हैं। सचमुच बड़े नसीब वाले हैं अमेरिका के कुत्ते और बिल्लियां भी।
मैं यह सब देख भी रहा था और रामधारी सिंह दिनकर की कविता दिमाग में चल भी रही थी –
श्वानों को मिलता दूध वस्त्र ,
भूखे बालक अकुलाते हैं।
एक अपना देश है , जहां बेचारों को भरपेट भोजन तक नसीब नहीं होता। मुझे अपने एक बनारसी मित्र की कही बात याद आती है । जब वह अकसर कहते हैं कि अमेरिका में पैदा होना भी सौभाग्य की बात है।
जहाज में कुत्तों को कहां रखा गया था यह तो नहीं जान पाया।
स्पिरिट अमेरिकन एयरलाइंस है। जिससे हमारी यात्रा आरंभ हुई । रास्ते में खाने-पीने का कोई सवाल ही नहीं था। मेरे पास पहले से ही 16- 17 घंटे की अविराम यात्रा का अनुभव था और उसकी तुलना में यह बहुत छोटी यात्रा थी।
ऑरलैंडो एयरपोर्ट से बाहर निकले तो आसमान साफ और मौसम सुहावना था। वह एयरपोर्ट इतना बड़ा था कि बाहर आने के लिए ट्रेन से कुछ मिनट का सफर करना पड़ा।
शाम का वक्त था और शहर का तापमान 19 डिग्री सेल्सियस बता रहा था।
किराए पर मिलती है कार
——————————–‐-
ऑरलैंडो में किराए पर कार भी मिल जाती है । हालांकि इसके लिए आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी होना चाहिए ।
ऐसी कई एजेंसियां हैं जो कार किराए पर देती हैं। ऐसे ही एक किराए वाली कार लेकर हम एयरपोर्ट से बाहर निकल रहे थे । पार्किंग गेट के पास देवेश जी का ड्राइविंग लाइसेंस चेक किया गया।
दूसरे शहर में यदि कार की सुविधा मनमाफिक मिल जाए तो घूमने का मजा बढ़ जाता है। बस पेट्रोल भरवाते रहना है । मुझे लगता है कि यह व्यवस्था अमेरिका के अन्य शहरों में भी हो सकती है।
क्रमश: ……..-लेखक आशुतोष पाण्डेय अमर उजाला वाराणसी के सीनियर पत्रकार रहे हैं, इस समय वह अमेरिका घूम रहे हैं,उनके संग आप भी करिए दुनिया की सैर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button