अधिकारी दें ध्यान, लोग न हों परेशान : सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने जनता दर्शन में सुनीं 350 लोगों की समस्याएं
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे लोगों की समस्याओं पर पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से ध्यान देकर उनका त्वरित निस्तारण कराएं ताकि किसी को भी परेशान न होना पड़े। जरूरतमंदों को शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाए। जिन्हें इलाज में सरकार से आर्थिक सहायता की आवश्यकता है तो उनके इस्टीमेट की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूर्ण कराया जाए। यदि कहीं कोई जमीन कब्जा या दबंगई कर रहा हो तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए। हर व्यक्ति की समस्या का निस्तारण समयबद्ध और पारदर्शी रूप से उसकी संतुष्टि के अनुरूप किया जाना सुनिश्चित होना चाहिए।
सीएम योगी ने ये निर्देश मंगलवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन कार्यक्रम में लोगों की समस्याओं को सुनने के दौरान दिए। मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार के सामने आयोजित जनता दर्शन में उन्होंने करीब 350 लोगों की समस्याओं को सुना और अधिकारियों को त्वरित निस्तारण के लिए निर्देशित किया। इस दौरान कुछ महिलाओं के साथ आए उनके बच्चों को आशीर्वाद व दुलार देने के साथ उन्होंने चॉकलेट गिफ्ट कर खूब पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
*इलाज में भरपूर मदद देने को तत्पर है सरकार*
जनता दर्शन में इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार वाले आवेदन अधिक आए थे। मुख्यमंत्री ने सभी को आश्वस्त किया कि सरकार इलाज में भरपूर मदद करने को तत्पर है। किसी के इलाज में धन की बाधा नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि इलाज में आर्थिक सहायता संबंधी आवेदनों में इस्टीमेट की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूर्ण कराकर शासन को उपलब्ध कराएं। इस्टीमेट की प्रक्रिया पूर्ण होते ही धनराशि आवंटित कर दी जाएगी।
*गोवंश को दुलार सीएम योगी ने खिलाया गुड़ चना*
गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन में लोगों की समस्याओं को सुनने के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या परम्परागत रही। गुरु गोरखनाथ का दर्शन पूजन व अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर मत्था टेकने के बाद सीएम योगी ने गोशाला में भी कुछ समय व्यतीत किया। गोशाला में उनकी आवाज पर गोवंश उनके पास यूं चले आए जैसे घर के मुखिया के बुलाने पर बच्चे चले आते हैं। उन्होंने गोवंश को दुलारा और अपने हाथों से गुड़ चना खिलाया। सीएम योगी की स्नेह की भाषा और उनके आत्मीय सानिध्य में गोवंश की भाव भंगिमा भाव विह्वल करने वाली थी।