ग्रेटर नोएडा में रिजर्व प्राइस से डेढ़ गुना अधिक कीमत पर बिका संस्थागत भूखंड

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ई-ऑक्शन के जरिए तीन भूखंड किए आवंटित

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की संस्थागत स्कीम के तीन आवेदकों को ई-ऑक्शन के जरिए भूखंड आवंटित किए गए हैं। इनमें से एक भूखंड लगभग डेढ़ गुना दाम पर बिका है। इन तीन भूखंडों से प्राधिकरण को 90 दिनों में 15.40 करोड़ रुपये की रकम प्राप्त हो जाएगी। इससे करीब 250 करोड़ रुपये का निवेश और लगभग 250 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दिसंबर माह में 12 संस्थागत भूखंडों की योजना लांच की थी। इनमें चार भूखंडों के सापेक्ष आवेदन प्राप्त हुए थे। ई ऑक्शन के जरिए बुधवार को हुई बिड में तीन भूखंडों के बिड लगाई गई। रिजर्व प्राइस के हिसाब से इन तीन भूखंडों की कीमत 12.83 करोड़ रुपये होती है। इसके सापेक्ष 15.40 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई है। ये तीन भूखंड एनएच-31 सेक्टर ओमेगा वन, नॉलेज पार्क थ्री का भूखंड संख्या 30/20 और एनएस टू, सेक्टर 10 हैं। इस योजना में आवेदन की अंतिम तिथि 06 जनवरी 2023 थी। बुधवार को इस योजना के भूखंडों की बिड लगाई गई। एसीईओ अदिति सिंह ने बताया कि इसन तीन भूखंडों से ग्रेटर नोएडा में लगभग 250 करोड़ रुपये का निवेश और 250 लोगों को प्रत्.क्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने संस्थागत विभाग को आवंटन की औपचारिकता शीघ्र पूरी कराने के निर्देश दिए हैं।

ग्रेटर नोएडा में भी जल्द चलेंगी एनएमआरसी की सीएनजी बसें

ग्रेटर नोएडा। नोएडा के साथ ही ग्रेटर नोएडा की सड़कों पर भी नई सीएनजी बसें बहुत जल्द दौड़ती दिखाई देंगी। सीईओ रितु माहेश्वरी ने एनएमआरसी के साथ बैठक कर ग्रेटर नोएडा के प्रस्तावित छह रूटों पर बृहस्पतिवार को मुहर लगा दी है। छह के अतिरिक्त अन्य रूटों पर रोडवेज की तरफ से संचालित बसें चलती रहेंगी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने एसीईओ अदिति सिंह की मौजूदगी में जिन छह रूटों पर मुहर लगाई गई है, उनमें पहला रूट जीबीयू से कुलेसरा हिंडन पुल तक है। इस रूट की बसें कासना, होंडा क्रॉसिंग, वेनिस मॉल, परी चौक, अल्फा वन, जगत फार्म, सूरजपुर चौक, हल्दौनी होकर चलेंगी। दूसरा रूट परी चौक से परी चौक वाया अल्फा कॉमर्शियल बेल्ट, रेयान गोलचक्कर, ओसीपी मॉल, ग्रेनो ऑफिस, सेक्टर-37 रोटरी सिटी आदि जगहों से होकर चलेगी। तीसरा रूट, जगत फार्म से जगत फार्म वाया एलजी चौक, शारदा विवि, लॉयड कॉलेज, गलगोटिया कॉलेज, पी थ्री गोलचक्कर, रेयान गोलचक्कर आदि जगहों को जोड़ते हुए तय किया गया है। चौथा रूट, राइज चौक से राइज चौक वाया नॉलेज पार्क-5, गौड़ सिटी मॉल, हनुमान मंदिर चौक आदि जगहों को जोड़ते बनाया है। पांचवां रूट चार मूर्ति से कैपिटल एथेना वाया गौड़ सिटी वन व , गौड़ सिटी मॉल, एक मूर्ति चौक, इको विलेज वन है। छठां रूट चार मूर्ति गोलचक्कर से चार मूर्ति पुलिस चौकी वाया गौड़ सिटी सेंटर, एक मूर्ति, टेकजोन 7 रोटरी, इरोज संपूर्णनम, गौड़ सौंदर्यम होते हुए तय किया गया है। सीईओ रितु माहेश्वरी ने एनएमआरसी से इन रूटों को ध्यान में रखते हुए औपचारिकता पूर्ण कर शीघ्र बसें चलाने के निर्देश दिए हैं।

ग्लोबल इनवेस्ट समिट में हुए एमओयू को धरातल पर लाने की कोशिश

ग्रेटर नोएडा। ग्लोबल इनवेस्टर समिट में हुए अनुबंधों को अब अमली जामा पहनाने की पहलग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने की है। सीईओ ने सभी विभागों के साथ बैठक कर निवेशकों को जमीन उपलब्ध कराने व अन्य औपचारिकताएं पूरी कराने के निर्देश दिए। बीते माह फरवरी में आयोजित ग्लोबल इनवेस्टर समिट में ग्रेटर नोएडा की तरफ से 79 हजार करोड़ रुपये के एमओयू कराए गए हैं। अब इन एमओयू को निवेश में तब्दील करने की कोशिश शुरू हो गई है।
प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बिल्डर, संस्थागत, आईटी, उद्योग व कॉमर्शियल विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर एमओयू को निवेश के रूप में धरातल पर लाने और दो माह में जमीन आवंटन की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से कुल 117 एमओयू किए गए हैं, जिनसे करीब 79 हजार करोड़ रुपये के निवेश के लिए करार हुए हैं। प्राधिकरण के उद्योग विभाग की तरफ से करीब 28,500 करोड़, कॉमर्शियल से करीब 9 हजार करोड़, बिल्डर से लगभग 29,200 करोड़, आईटी से लगभग 11 हजार करोड़, इंस्टीट्यूशनल से करीब डेढ़ हजार करोड़ और आईआईटीजीएनएल से लगभग 70 करोड़ रुपये के एमओयू साइन हुए हैं। इस बैठक में एसीईओ अदिति सिंह व अमनदीप डुली, ओएसडी सतीश कुशवाहा समेत कई अधिकारीगण मौजूद रहे।
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4– प्रेस विज्ञप्ति–ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण–02–मार्च–23
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अवैध होर्डिंग हटाए जाएंगे और पेनल्टी भी लगेगी
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–सीईओ ने अर्बन सर्विसेज विभाग के साथ बैठक कर दिए निर्देश
–अवैध होर्डिंग मिलने पर विभाग पर भी कार्रवाई की दी चेतावनी
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ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने शहर में अवैध होर्डिंग हटाने के लिए तत्काल अभियान चलाने को कहा है। बिना अनुमति होर्डिंग लगाने वालों पर तगड़ी पेनल्टी भी लगाई जाएगी।ग्रेटर नोएडा में कहीं पर भी होर्डिंग लगाने के लिए प्राधिकरण से अनुमति लेना अनिवार्य है। होर्डिंग लगाने वाले की तरफ से आवेदन पत्र और शुल्क जमा कराने के बाद अर्बन सर्विसेज विभाग से अनुमति दी जाती है। कई जगहों पर अवैध होर्डिंग लगी होने की जानकारी मिली है। इसी मसले पर सीईओ रितु माहेश्वरी ने बृहस्पतिवार को अर्बन सर्विसेज विभाग के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने कहा कि पूरे शहर में पड़ताल कर लें कि कहीं पर अवैध होर्डिंग तो नहीं लगी है। अगर कोई होर्डिंग बिना अनुमति के लगी दिखे तो उसे तत्काल हटाएं। होर्डिंग लगाने वालों पर पेनल्टी भी लगाएं, ताकि कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के होर्डिंग न लगाए। इस बैठक में एसीईओ अदिति सिंह, ओएसडी एसके कुशवाहा आदि अधिकारीगण मौजूद रहे।
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5–प्रेस विज्ञप्ति–ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण–02–मार्च–23
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बकाया रकम न चुकाने वाले बिल्डरों के आवंटन रद्द करेगा ग्रेनो प्राधिकरण
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–बकाया धनराशि की रिकवरी के लिए आरसी भी जारी करने के दिए निर्देश
–खाली प्लॉटों को कब्जे में लेकर नई स्कीम के जरिए आवंटित करने के निर्देश
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ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बृहस्पतिवार को बिल्डर विभाग की समीक्षा की। सीईओ ने कहा कि जमीन आवंटन के एवज में बकाया भुगतान न करने वाले बिल्डरों के आवंटन रद्द किए जाएंगे। उनको आरसी जारी कर वसूली की जाएगी। खाली भूखंड प्राधिकरण अपने कब्जे में ले लेगा।
ब्याज निर्धारण के मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतिम निर्णय आ जाने के मद्देनजर विभागीय समीक्षा करते हुए सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि बकाया जमा न करने वाले किसी भी आवंटी को अब और समय नहीं दिया जा सकता। लंबे अर्से से प्लॉट लेकर बैठे हुए हैं। न तो प्रोजेक्ट पूरा कर रहे हैं और न ही प्राधिकरण का पैसा जमा कर रहे हैं। अब ऐसे आवंटियों पर कार्रवा जरूरी है। वे चाहे बिल्डर हों या फिर किसी अन्य तरह के आवंटी हों। सीईओ ने कहा कि जिन बकाएदारों को अंतिम नोटिस जारी की जा चुकी है उनको अब और नोटिस भेजने के बजाय सीधे आवंटन रद्द करें। बकाया रकम प्राप्त करने के लिए इन आवंटियों के खिलाफ आरसी जारी की जाएगी। सीईओ ने विभागाध्यक्षों से कहा है कि आवंटन रद्द करने के बाद खाली प्लॉटों को कब्जे में लेकर नई स्कीम के जरिए आवंटित करें, ताकि नए निवेशक आएं और ग्रेटर नोएडा में निवेश करें।
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