बीएचयू में विद्यार्थियों के लिए नए अवसरों की उपलब्धता व सृजन की दिशा में करने होंगे और अधिक प्रयासः कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन

विज्ञान संस्थान के 6 विभागों के शिक्षकों से कुलपति जी ने किया संवाद

 

वाराणसी: कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित विज्ञान संस्थान संसाधनों की सीमा के बावजूद शिक्षण व शोध के मामले में शानदार कार्य कर रहा है। प्रो. जैन विज्ञान संस्थान के महामना सभागार में संकाय सदस्यों से संवाद कर रहे थे। संस्थान के भौमिकी, भू-भौतिकी, जैव-रसायन, रसायनशास्त्र, भौतिकी तथा भूगोल विभाग के शिक्षकों के साथ लगभग साढ़े चार घंटे चले इस संवाद कार्यक्रम में कुलपति जी ने शिक्षण व अनुसंधान कार्य में संकाय सदस्यों को आने वाली प्रशासनिक व अन्य प्रकार की चुनौतियों के बारे में बात की तथा इन चुनौतियों के समाधान की दिशा में सुझाव भी मांगे। उन्होंने कहा कि विज्ञान संस्थान कई मामलों में एक मॉडल संस्थान की तरह उदाहरण पेश कर रहा है। कुलपति जी ने कहा कि बतौर शिक्षक विद्यार्थियों के हित में निरन्तर कार्य करना हमारा सर्वोपरि दायित्व है और इसके लिए हमें अनुशासन के लिए प्रतिबद्धता व नियमों का पालन भी सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि बतौर कुलपति वे विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों की चुनौतियां कम करने के लिए सदैव उपलब्ध व प्रयत्नशील हैं। कुलपति जी ने कहा कि हमें अपने विद्यार्थियों के लिए नए अवसरों की उपलब्धता व सृजन की दिशा में और अधिक प्रयास करने होंगे। विश्वविद्यालय में कक्षाओं व प्रयोगशालाओं के लिए स्थान की कमी के सवाल पर प्रो. जैन ने आश्वस्त किया कि विज्ञान संस्थान के कई विभागों के भवनों के विस्तार, नए भवनों के निर्माण तथा नवीनीकरण को मंज़ूरी दी गई है और ये परियोजनाएं पूर्ण होने पर स्थान की चुनौती से काफी हद तक निपटा जा सकेगा। हालांकि, उन्होंने संकाय सदस्यों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी प्रकार से स्थान की बरबादी न हो, व इसका बेहतर इस्तेमाल किया जाए।

शैक्षणिक व शिक्षणेतर गतिविधियों के संबंध में वित्त संबंधी चुनौतियों के बारे में कुलपति जी ने बताया कि विभागों के वार्षिक राशि आवंटन में काफी बढ़ोतरी की गई है और आवश्यकता पड़ने पर इसमें और इज़ाफा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान संस्थान में बड़ी संख्या में प्रतिभावान शिक्षक व वैज्ञानिक हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन का प्रयास है कि उनके कार्य व योगदान को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिले और इस क्रम में ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें प्रतिष्ठित सम्मानों व फेलोशिप के लिए नामित करने की व्यवस्था को और प्रभावी बनाया गया है। कुलपति जी ने कहा कि सुनियोजित शैक्षणिक कैलेण्डर, समयबद्ध परीक्षाएं तथा परिणामों की घोषणा ऐसे विषय हैं जो सीधे-सीधे विद्यार्थियों के हित से जुड़े हैं और इसलिए इस दिशा में नए सुधारों की ओर खुले दिमाग से विचार करने में हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए।

विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी ने संस्थान व वहां कार्यरत शिक्षकों की उपलब्धियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विज्ञान संस्थान के भौतिकी, रसायनशास्त्र तथा गणित विभाग विश्वविद्यालय की स्थापना से ही अस्तित्व में हैं तथा एक गौरवपूर्ण अतीत को सहेजे हुए हैं। प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि विज्ञान संकाय के अनेक विद्वानों ने वैज्ञानिक अनुसंधान के मामले में विश्वविद्यालय ही नहीं अपितु देश का मान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया है।

विज्ञान संकाय की प्रमुख प्रो. मधुलिका अग्रवाल ने कुलपति जी का स्वागत किया और कहा कि कुलपति जी द्वारा अनेक शैक्षणिक विषयों पर संस्थान को अधिकार दिये गए हैं, जिनसे विद्यार्थी हित में और बेहतरी के साथ कार्य करना संभव हो पा रहा है।
संवाद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे, जिन्होंने संस्थान व विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए विविध विषयों पर अपने सकारात्मक सुझाव सामने रखे।

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