बांस से मारकर की थी हत्या 8 साल बाद उम्रकैद की सजा
बांस से मारकर की थी हत्या 8 साल बाद उम्रकैद की सजा
उप्र बस्ती जिले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुलदीप सक्सेना की अदालत ने जमीनी रंजिश में हुई हत्या के मामले में आठ साल बाद एक हत्यारे को आजीवन कारावास की सजा व दस हजार रुपये अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड न देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी ।जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परिपूर्णानंद पांडेय, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कमलेश कुमार चौधरी व आलोक सिंह ने अदालत में पीड़ित पक्ष की तरफ से पैरवी करते हुए कहा कि घटना दुबौलिया थाना क्षेत्र के माझाकिता अव्वल की है। गांव के बाढ़ू पुत्र नथई 7 सितंबर 2014 को शाम सात बजे अपने घर पर चारपाई पर सो रहे थे। उनकी पत्नी केसमता देवी बगल में बैठी थी। पुरानी रंजिश को लेकर अचानक बांस लेकर गांव का अर्जुन पुत्र रामफेर आया और 55 वर्षीय बाढ़ू पर हमला कर दिया। गंभीर अवस्था में उनको इलाज के लिए फैजाबाद ले जाया गया। सुधार न होने पर लखनऊ ले जाते समय रास्ते में ही बाढ़ू की मौत हो गई। मृतक के पुत्र रामसहाय की तहरीर पर दुबौलिया थाना में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल हुआ। 27 नवंबर 2014 को न्यायालय में अर्जुन के विरूद्ध आरोप तय किया। तब से मामला सुनवाई में चल रहा था। अभियोजन की तरफ से न्यायालय में 10 गवाह प्रस्तुत किए गए। सभी ने घटना का समर्थन किया। न्यायाधीश ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद गैर इरादतन हत्या के मामले में अर्जुन को दोषी मानते आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा दी