दिल्ली में यमुना को बचाने गोविंदाचार्य की अगवाई में #वज़ीराबाद_से_कालिन्दीकुंज तक 4 जून को बनेगी #मानव_श्रृंखला
#अक्षय_तृतीय के दिन मैं यमुना जी के सामने खड़ा था| मैं ग्लानि, दुःख, असहायपन के मिश्रित भाव से कुछ क्षण आँख मूँद कर खड़ा रहा। कुछ क्षणों के बाद पूजा में #सहभागी_हुआ।
क्या कालिन्दी ऐसी थी? वह कदंब कहाँ है? राधा जी कृष्ण के लिये #वैजयन्ती फूलों की माला गूँथकर इन्ही #यमुनाजी में प्रवाहित करती थी जो हमारी यमुना जी उल्टे प्रवाह में जाकर यमुना जी में पैर डालकर बैठे श्री कृष्ण तक पहुँचाती थी? जैसा समाज वैसी नदियाँ? क्या यह सच है?
तो हम क्या करें? मन, मस्तिष्क इन्ही बातों में लिपटा हुआ है। क्या हम ऐसी यमुना जी प्राप्त करने के पात्र है? अगर नहीं तो कुछ सोचें, कुछ करें यही मैंने ख़ुद से कहा।
बड़े-बड़े लोग जून तक चमत्कार करने की घोषणा कर रहे हैं। समस्या पुराने समय से है, आज अति चिंताजनक स्थिति में है। समस्या जटिल भी है यह ध्यान रहें। #समाज_और_सरकार दोनों को लगना होगा। थोथी घोषणा, हवाई बातों, बयानबाज़ी से इस मुद्दे को दूर रखें, यह पहली ज़रूरत है।
इन सब बातों में हम सब एक कदम बढ़े| इसके लिये #4_जून को #प्रातः 6:30 बजे यमुना जी के प्रति कर्तव्यबोध जागरण के लिये एक अवसर मिल रहा है। यमुना नदी पर #वज़ीराबाद_से_कालिन्दीकुंज तक बनने वाली #मानव_श्रृंखला का हिस्सा बनें। दिल्ली के 50 हज़ार जन 4 जून को यमुना जी के प्रति निष्ठा और कर्तव्य निर्वहण को संकल्प लें। स्वयं, सपरिवार, सबंधु-बांधव #सहभागी_हो यह विनती है। ( गोविंदाचार्य के फेसबुक स साभार)