मिलावटखोरी के मामले में 39 साल बाद दो भाइयों को सजा
मिलावटखोरी के मामले में 39 साल बाद दो भाइयों को सजा

उप्र बस्ती जिले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम उमेश यादव की अदालत ने पुराने विवादों को निपटाने के क्रम में 39 साल पुराने मिलावट खोरी के मामले का निपटाया गया। इस मामले में दो सगे भाई दोषी पाए गए। अदालत ने उन्हें दो वर्ष के साधारण कारावास की सजा दी है। प्रत्येक को तीन-तीन हजार रुपये अर्थदंड से भी देना होगा। अर्थदंड नहीं देने पर एक माह 15 दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। बस्ती जनपद के बखिरा (अब जनपद संतकबीरनगर) थानाक्षेत्र के पड़रिया चौराहा पर 18 नवंबर 1984 को सुबह नौ बजे अपने सहयोगियों के साथ खाद्य निरीक्षक नरसिंह नारायण श्रीवास्तव ने जांच किया। श्रीशंकर उर्फ रामशंकर और शिवप्रसाद एक दुकान पर मिले। उनकी दुकान में 40 पैकेट लेमनचूस रखा हुआ था, जो रंगीन थे। जिसकी गुणवत्ता पर खाद्य निरीक्षक को संदेह हुआ। उसमें तीन पैकेट नमूना के लिए खाद्य निरीक्षक ने लिया। दोनों भाइयों ने अपने पिता भूलन के साथ मिलकर नमूने में लिए गए लेमनचूस के पैकेट को छीन लिया। आरोप है कि निरीक्षक को धमकाया भी। निरीक्षक की शिकायत पर खाद्य अपमिश्रण का मुकदमा दर्ज हुआ। गवाहों का बयान दर्ज किया गया। पत्रावली सुनवाई में चलती रही। अब 39 साल बाद मजिस्ट्रेट उमेश यादव ने मामले की त्वरित सुनवाई की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद श्रीशंकर और शिव प्रसाद को दोषी मानते हुए दंडित किया।