SARS CoV2 वायरस के खिलाफ जंगः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण खोज को मिला अंतरराष्ट्रीय पेटेंट

वायरस के अस्तित्व के लिए ज़रूरी तीन प्रोटीन को निशाना बनाने वाली प्रणाली विकसित करने में मिली मदद

वाराणसी: SARS CoV2 वायरस के खिलाफ जंग में एक और मुकाम हासिल करते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक कार्य को अंतरराष्ट्रीय पेटेंट हासिल हुआ है। इस बारे में सेन्टर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर्स, तथा प्राणि विज्ञान विभाग, विज्ञान संस्थान, के शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण खोज की है। इस के तहत सार्स सीओवी2 वायरस के विरुद्ध सोमिनोन फाइटोमोलेक्यूल की त्रि-लक्ष्य एंटीवायरल गतिविधि की पहचान की गई है, जिसके लिए बीएचयू को जर्मन पेटेंट प्रदान किया गया है। प्रो परिमल दास के नेतृत्व वाली वाली शोधकर्ताओं की टीम में प्रशांत रंजन (पीएचडी स्कॉलर), नेहा (पीएचडी स्कॉलर), चंद्रा देवी (पीएचडी स्कॉलर), डॉ. गरिमा जैन (मालवीय पोस्ट डॉक्टोरल फेलो), और डॉ. भाग्यलक्ष्मी महापात्र (एसोसिएट प्रोफेसर, प्राणि विज्ञान विभाग) शामिल हैं।

अश्वगंधा से प्राप्त एक नए एंटीवायरल अणु, सोमिनोन ने SARS CoV2 वायरस के संबंध में उल्लेखनीय रूप से 96 प्रतिशत निषेध का प्रदर्शन किया है। सोमिनोन के अद्वितीय गुणों की पहचान करने और उनका दोहन करने के लिए यह अनुसंधान दल पिछले तीन वर्षों से अथक प्रयास कर रहा है। इस महत्वपूर्ण सफलता ने एक ऐसी प्रणाली के विकास को प्रेरित किया है जो SARS CoV2 वायरस के अस्तित्व के लिए आवश्यक तीन महत्वपूर्ण प्रोटीन Mpro, ORF8, और RdRp को निशाना बनाती है।
इस शोध को अंतरराष्ट्रीय पेटेंट मिलना एंटीवायरल अनुसंधान के क्षेत्र को आगे बढ़ाने की शोध टीम की प्रतिबद्धता का प्रमाण है तथा यह SARS CoV2 वायरस के खिलाफ लड़ाई में बड़ा कदम है। यह पेटेंट COVID-19 के लिए प्रभावी उपचार विकसित करने में अभिनव दृष्टिकोण और शोध के संभावित प्रभाव को परिलक्षित करता है।

परियोजना के प्रमुख अन्वेषक प्रो. परिमल दास ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “हम सोमिनोन पर अपने शोध के लिए दूसरा अंतरराष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त करने पर रोमांचित हैं। यह SARS CoV2 वायरस का मुकाबला करने के प्रयासों में एक मील का पत्थर है। हमें उम्मीद है कि हमारे निष्कर्ष एंटीवायरल थेरेपी के विकास में योगदान देंगे और अंततः COVID-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करेंगे।”

बीएचयू का सेन्टर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर्स तथा प्राणि विज्ञान विभाग आणविक जीव विज्ञान और आनुवंशिकी के क्षेत्र में अपने अत्याधुनिक शोध के लिए प्रसिद्ध है। यह नवीनतम उपलब्धि वैज्ञानिक उत्कृष्टता के प्रति उनके अटूट समर्पण और वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए अभिनव समाधानों की उनकी अथक खोज की एक पहल है।

Back to top button