जेल में बंद बंगाल के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को मंत्रिमंडल से छुट्टी

कोलकाता: राशन वितरण घोटाले में जेल में बंद ज्योतिप्रिय मल्लिक को आज मंत्री के पद से हटा दिया गया। यह कारवाई तब सामने आई है जब राशन वितरण मामले में गिरफ्तार व्यवसायी बिस्वजीत दास के बांग्लादेश से संबंधों को लेकर ईडी ने जांच शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल ने तत्काल मंत्री पद से कार्य मुक्त किया। राजभवन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने देर शाम इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल ने यह कदम उठाया है। पिछले साल 27 अक्टूबर को ईडी ने राशन घोटाले के सिलसिले में मल्लिक को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के करीब साढ़े तीन माह बाद मल्लिक को मंत्री पद से हटाया गया है। गिरफ्तारी के साढ़े तीन माह बाद मल्लिक की मंत्री पद से हुई छुट्टी। बताया गया कि राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 166(3) के तहत मल्लिक को मंत्री के रूप में उनके कर्तव्यों से तत्काल कार्य मुक्त कर दिया है। मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल ने मंत्री पार्थ भौमिक और बीरबाहा हांसदा को उक्त विभाग आवंटित किया है। राज्यपाल ने इसपर प्रसन्नता जताई है। इसमें सिंचाई और जलमार्ग विभाग की पहले से जिम्मेदारी संभाल रहे पार्थ भौमिक को सार्वजनिक उद्यम और औद्योगिक पुनर्निर्माण विभाग का अतिरिक्त दायित्व सौंपा गया है। वहीं, राज्यमंत्री के रूप में स्वयं सहायता समूह और स्वरोजगार विभाग (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी संभाल रहीं बीरबाहा हांसदा को वन विभाग (स्वतंत्र प्रभार) का अतिरिक्त दायित्व सौंपा गया है, जो मल्लिक के पास था। मल्लिक पर खाद्य मंत्री रहने के दौरान राशन वितरण में भारी अनियमितता का आरोप है। मिल रही जानकारी के अनुसार यही नहीं, बिस्वजीत दास पश्चिम बंगाल की मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक और तृणमूल कांग्रेस नेता शंकर आध्या की विश्वासपात्र बताए जाते हैं। यहां तक कि अपनी गिरफ्तारी से पहले भी दास बांग्लादेश में ही थे, लेकिन जब उन्हें यह सूचित किया गया कि ईडी अधिकारियों ने उनके परिसर में छापेमारी की है, तो वो फौरन बांग्लादेश से कोलकाता लौटे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।मल्लिक और आध्या राशन वितरण मामले में संलिप्तता की वजह से अभी न्यायिक हिरासत में हैं. वहीं, आध्या से पूछताछ के बाद दास का नाम भी सामने आया है। सूत्रों ने बताया कि ईडी अधिरकारी लगातार इस पूरे मामले की तह तक जा रहे हैं. ईडी अधिकारी हवाला और बांग्लादेश से संबंधों को लेकर अतिरिक्त साक्ष्य की तलाश में जांच कर रही है। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के नवीनतम निष्कर्षों के अनुसार, आद्या और दास ने पहले कथित घोटाले की आय को कई विदेशी मुद्रा लेनदेन संस्थाओं के माध्यम से परिवर्तित करने और फिर उसे हवाला मार्ग के माध्यम से विदेश में भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।बता दें कि हवाला के जरिए प्रमुख रूप से बांग्लादेश और दुबई में यह रकम भेजी गई थी। न्यायिक हिरासत के अंतिम दिन दास को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया। फिलहाल, पूरे मामले की सुनवाई जारी है। ईडी दफ्तर से बाहर लाते समय दास ने खुद को निर्दोष बताया और कहा, “हां, मैं शंकर शंकर अध्या को जानता हूं, लेकिन मेरे उसके साथ कभी प्रगाढ़ संबंध नहीं रहे हैं। मेरे साथ घोर अन्याय हुआ है। मैं एक सामान्य व्यापारी हूं। मैं इस तरह की राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त नहीं रहा हूं। रिपोर्ट अशोक झा

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