संदेशखली मामले में तृणमूल नेता शिबू हाजरा गिरफ्तार

संदेशखली मामले में तृणमूल नेता शिबू हाजरा गिरफ्तार
अशोक झा, सिलीगुड़ी: बंगाल के संदेशखली में महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत के बाद तृणमूल नेता शिबू हाजरा गिरफ्तार किया गया है। बंगाल के संदेशखाली में टीएमसी नेताओं के महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच बड़ा एक्शन लिया गया गया है। पुलिस ने संदेशखाली कांड में गैंग रेप की धारा भी जोड़ दी है। दोनों टीएमसी नेता एसके शाहजहां के करीबी सहयोगी हैं।कुछ दिन पहले गांव की महिलाओं की लिखित शिकायत के आधार पर संदेशखाली थाने में मामला दर्ज किया गया था। उस समय उनकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 के तहत छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया था। इस मामले में उत्तम सरदार को ही स्थानीय थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। एक अन्य आरोपी शिबू हाजरा अब भी फरार है। बाद में पीड़िता के कोर्ट में धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराए गए। सूत्रों का कहना है कि बयान दर्ज कराने के दौरान पीड़िता ने दावा किया कि उसके साथ सिर्फ छेड़छाड़ ही नहीं, बल्कि गैंगरेप भी किया गया था। पीड़िता का बयान दर्ज करने के बाद कोर्ट ने स्थानीय पुलिस को गैंगरेप की धारा जोड़ने का आदेश दिया। स्थानीय कोर्ट के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने टीएमसी नेता शिबू हाजरा और उत्तम सरदार के खिलाफ दर्ज एफआईआर में 376डी की धारा जोड़ दी है। बंगाल की सियासत का अखाड़ा बना संदेशखाली:बता दें कि बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 80 किलोमीटर दूर संदेशखाली उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट ब्लॉक में है. अब यही संदेशखाली बंगाल का नया सियासी अखाड़ा बन चुका है। संदेशखाली में महिलाओं के शोषण के खिलाफ विपक्ष आवाज बुलंद कर रहा है लेकिन ममता सरकार ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं की संदेशखाली में एंट्री पर रोक लगा दी है।
क्या हुआ था संदेशखाली में?: केंद्र सरकार का प्रतिनिधिमंडल जब संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं से मिलने जा रहा था तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जिसके बाद पुलिस और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी समेत सभी बीजेपी सांसदों से पुलिस की जोरदार बहस हुई। ममता सरकार का आरोप है कि, जो महिलाएं टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर यौन शोषण और जमीन कब्जे के आरोप लगा रहीं हैं वो बीजेपी समर्थक या बाहरी हैं। ऐसे में महिलाओं ने अपने आधार कार्ड दिखाकर बताया कि वो स्थानीय हैं और जुल्म को सियासत की आड़ में छिपाया नहीं जा सकता। ग्रामीणों का आरोप है कि संदेशखाली में बदमाशों ने सात माह के बच्चे को उसकी मां की गोद से छीनकर फेंक दिया था। बच्चे का फिलहाल उपचार किया जा रहा है। आयोग की सलाहकार सुदेशना रॉय ने पत्रकारों से कहा कि हम स्थिति का आकलन करने के लिए घटनास्थल पर आए हैं। हमारा कर्तव्य राज्य के हर बच्चे को सुरक्षा देना है और यह भी देखना है कि उनके अधिकार सुरक्षित हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि हम बच्चे की मां से बात करेंगे।आरोपी उत्तम सरदार और शिवप्रसाद (शिबू) हाजरा के खिलाफ गैंगरेप की धाराएं लगाई गई हैं। उत्तम सरकार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दूसरी ओर, शिवप्रसाद को भी शनिवार को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक महिला ने पुलिस को गुप्त बयान दिया है। उसकी शिकायत के आधार पर उत्तम और शिबू के खिलाफ मामले में सामूहिक दुष्कर्म की धारा जोड़ी गई। शनिवार को उत्तम को बशीरहाट सब-डिविजनल कोर्ट में पेश किया गया। उन्हें 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। बता दें कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख के सहयोगियों उत्तम सरकार और शिवप्रसाद के खिलाफ महिलाओं ने यौन उत्पीड़ने का आरोप लगाया था. स्थानीय महिलाओं ने टीएमसी नेताओं के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किया था और इन नेताओं के घरों में आग लगा दी थी. महिलाओं के प्रदर्शन के बाद प्रशासन जागी और इन नेताओं को गिरफ्तार किया।मामले में सरकारी वकील अरुण पाल ने कहा, ”दो धाराएं जोड़ी गई हैं. 376 (D)और 307 सामूहिक बलात्कार और हत्या के प्रयास की धारा जोड़ी गई है। उस मामले में 10 दिन की हिरासत मांगी गई है। बशीरहाट पुलिस जिला अधीक्षक हुसैन मेहदी रहमान ने कहा कि संदेशखाली अब नियंत्रण में है. यह धारा सामूहिक दुष्कर्म के आरोप के कारण जोड़ी गई थी। पूरे मामले की जांच करायी जायेगी।संदेशखाली कांड को लेकर पुलिस पर गिरी गाज: दूसरी ओर, संदेशखाली विवाद के बीच राज्य पुलिस के एडीजी (दक्षिण बंगाल) का ट्रांसफर कर दिया गया. बारासात के डीआइजी का भी तबादला कर दिया गया है. बता दें कि संदेशखाली क्षेत्र इन दोनों पुलिसकर्मियों के नियंत्रण में आता है. सिद्धनाथ गुप्ता को 31 जनवरी को एडीजी (दक्षिण बंगाल) के पद से स्थानांतरित कर दिया गया था। हालांकि, संदेशखाली में अशांति शुरू होते ही उन्हें वहां भेज दिया गया. इस बार सुप्रतिम सरकार को उस पद पर लाया गया. सुप्रतिम राज्य पुलिस के एडीजी (यातायात एवं सड़क सुरक्षा) के पद पर थे। संदेशखाली और न्याजत पुलिस स्टेशन बारासात के डीआइजी के नियंत्रण में हैं. शनिवार को बैरास्ट के डीआइजी सुमित कुमार को हटाकर भास्कर मुखोपाध्याय को वहां लाया जा रहा है। सुमित को डीआइजी सुरक्षा के पद पर तैनात किया गया है। भास्कर को 31 जनवरी को बारासात पुलिस जिला अधीक्षक से मालदह रेंज के डीआइजी पद पर पदस्थापित किया गया था।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल: कुछ साल पहले उत्तर 24 परगना के बागुईआटी में दो स्कूली छात्रों की हत्या के मामले में सुप्रतिम को बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के पद से हटा दिया गया था. तब से सुप्रतिम राज्य पुलिस यातायात और सड़क सुरक्षा के एडीजी और आईजीपी के पद पर थे।।संदेशखाली कांड में राज्य प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है। विपक्ष खासकर पुलिस प्रशासन की लगातार आलोचना कर रहा है। उनका दावा है कि संदेशखाली की ‘अराजकता’ की जड़ पुलिस की निष्क्रियता और पुलिस कर्मियों के एक वर्ग का समर्थन है. हालांकि पुलिस प्रशासन ने शुरू से ही इस आरोप से इनकार किया है. उनके मुताबिक पुलिस सभी शिकायतों के आधार पर उचित कार्रवाई कर रही है। आयोग की छह सदस्यीय टीम ने संदेशखाली का दौरा किया, जिसका नेतृत्व इसकी अध्यक्ष तूलिका दास ने किया। दास ने बताया कि शुक्रवार को उन्हें पता चला कि कोई व्यक्ति एक घर में घुस आया और बच्चे को मां की गोद से फेंक दिया। उन्होंने कहा कि हमने खुद ही परिवार से मिलने का फैसला लिया। हम बच्चे की मां से मिले। वे भोजन, चिकित्सा सहायता और सुरक्षा चाहते हैं। हमने उन्हें वह सब प्रदान किया है। एक महीने से अधिक समय पहले तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता शेख शाहजहां के परिसर की तलाशी के लिए ईडी के इलाके में जाने के बाद संदेशखाली में तनाव पैदा हो गया था। शाहजहां अब भी फरार हैं। महिलाओं का आरोप है कि तृणमूल नेता और उसके साथियों ने उनका यौन उत्पीड़न किया और जमीन पर कब्जा कर लिया है। रिपोर्ट अशोक झा

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