थम नहीं रही सीमा पर सोने की तस्करी, 14 सोने के बिस्कुट के साथ एक गिरफ्तार

सिलीगुड़ी: गुवाहाटी के पलटन बाजार रेलवे स्टेशन पर जीआरपीएफ की टीम नियमित तलाशी के दौरान सोने के 14 बिस्कुट समेत एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। जीआरपीएफ प्रभारी ने मंगलवार को बताया कि नियमित तलाशी के दौरान गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर खड़ी ब्रह्मपुत्र मेल एक्सप्रेस से 14 सोने के बिस्कुट समेत एक तस्कर को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार तस्कर की पहचान अनिल चौहान (53, मध्य प्रदेश) के रूप में की गई है। जब्त किए गए सोने के बिस्कुट का वजन लगभग 280 ग्राम बताया गया है। जिसकी कीमत लगभग 1 करोड़ 80 लाख रुपए बताया गया है। पुलिस इस संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार तस्कर से सघन पूछताछ कर रही है। दक्षिण बंगाल सीमान्त के जनसंपर्क अधिकारी डीआईजी एके आर्य ने बताया कि इस वर्ष दक्षिण बंगाल सीमा पर विभिन्न वाहिनियों ने सोने के तस्करों के खिलाफ महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। इस कारण 92 करोड़ रुपए मूल्य का 153 किलोग्राम सोना पकड़ा गया है। दक्षिण बंगाल सीमांत में खुफिया विभाग से लगातार मिल रही सूचनाओं ने तस्करों के लिए नई रणनीति अपनाना चुनौतीपूर्ण बना दिया है। उन्होंने कहा, भारत बांग्लादेश सीमा पर सोने के तस्कर नए हथकंडे अपनाते हैं, जिन्हे जवानों ने विफल करने में कामयाबी हासिल की है। वर्ष 2023 जवानों ने सोने के तस्करी के 87 मामले को पकड़ने में सफलता हासिल की है, जिसमे सोने को तारबंदी के ऊपर से फेंकना, शरीर के अंदर छिपा कर, विभिन्न वाहनों में छुपा कर लाना, चप्पलों/ जूतों में छिपाना, खेती में इस्तेमाल होने वाले औजारों में छुपाना मुख्य रूप से शामिल है। अभी हाल में सोने को पेस्ट के रूप में परिवर्तित कर तस्करी के चार प्रयासों को भी जवानों ने विफल किया है। आर्य ने कहा, 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद 1 दिसंबर, 1965 को स्थापित बीएसएफ ने भारत की पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1965 के युद्ध के बाद भारतीय सीमाओं पर घुसपैठ, तस्करी और सैन्य आक्रमण के कारण एक विशेष बल की आवश्यकता स्पष्ट हो गयी थी। तब एक संसदीय प्रस्ताव के माध्यम से बीएसएफ का गठन किया गया था। शुरुआत में सीमा सरक्षा बल में विभिन्न राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियनों के कर्मी शामिल थे, अब सीमा सरक्षा बल में लगभग 2.65 लाख कर्मी कार्यरत हैं। बीएसएफ में 193 नियमित बटालियन, 4 एनडीआरएफ बटालियन, 7 तोपखाने इकाइयां, 8 जल विंग और 1 एयर विंग शामिल हैं। बीएसएफ ने भारत की सीमाओं को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और विभिन्न स्थितियों के दौरान नागरिक प्रशासन में सहायता प्रदान की है। एक बहुआयामी संगठन के रूप में विकसित होकर बीएसएफ ने पारंपरिक सीमा सुरक्षा से परे चुनौतियों को स्वीकार किया है। सीमावर्ती क्षेत्रों में से एक है, जो बांग्लादेश के साथ कुल 4,096 किलोमीटर में से 913 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा सुरक्षित करता है। जिसमें 364 किलोमीटर नदीय सीमा और चारलैंड का विशाल क्षेत्र शामिल है। दक्षिण में बंगाल की खाड़ी से लेकर मालदा जिले के उत्तरी भाग तक फैली यह सीमा सुंदरबन सहित विविध भौगोलिक विशेषताओं को शामिल करती है। दक्षिण बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा देश की सबसे चुनौतीपूर्ण सीमाओं में से एक है। सीमा बहुत जटिल है क्योंकि यहां जनसंख्या सीमा के दोनों ओर आसपास रहती है और उनमें समान जातीय और सांस्कृतिक समानताएं भी हैं। इसी का लाभ तस्कर उठाते है। रिपोर्ट अशोक झा

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